मोदी के जीरो टॉलरेंस पर ही चलेगी धामी सरकार

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। देश के प्रधानमंत्री ने अपने तीसरे कार्यकाल में भी संकल्प ले रखा है कि जीरो टॉलरेंस पर ही देश चलेगा और भ्रष्टाचार करने वाला चाहे कोई कितना भी बडा क्यों न हो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। प्रधानमंत्री के भ्रष्टाचारमुक्त संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए मुख्यमंत्री पिछले तीन सालों से बडे विजन के तहत काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचारमुक्त शासन चलाने का ही परिणाम है कि देश के प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा हाईकमान तक मुख्यमंत्री की स्वच्छ राजनीति पर हमेशा उनकी पीठ थपथपाते आ रहे हैं और मुख्यमंत्री ने भी साफ कह रखा है कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीरो टॉलरेंस पर ही उत्तराखण्ड की सरकार चलती रहेगी। अब जिस तरह से धामी सरकार के कैबिनेट मंत्री पर आय से अधिक मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति को लेकर न्यायालय ने धामी कैबिनेट को फैसला लेने के लिए कहा है तो उसे देखकर साफ झलक रहा है कि कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने प्रधानमंत्री के भ्रष्टाचारमुक्त भारत के विजन पर एक बडा ग्रहण लगा दिया है? उत्तराखण्ड में तीन साल से धामी सरकार पर कोई दाग नहीं लगा है लेकिन केदारनाथ उपचुनाव से पूर्व धामी सरकार के कैबिनेट मंत्री पर आय से अधिक सम्पत्ति के मामले ने सरकार को धर्म संकट में डाल दिया है क्योंकि अगर सरकार ने मंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी तो उससे केदारनाथ की जनता में धामी सरकार का एक बडा संदेश जायेगा कि सरकार अपने वायदे पर कायम होकर भ्रष्टाचारमुक्त उत्तराखण्ड की तरफ आगे बढ रही है? वहीं अगर सरकार ने मंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति न दी तो उससे सरकार पर विपक्ष सवाल दागेगा?
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखण्ड में भाजपा की पूर्व सरकार में भ्रष्टाचार और घोटालों को लेकर बार-बार उठ रही आवाज को लेकर सख्त रूख अपनाते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री की कुर्सी से उस समय हटा दिया था जब सरकार के मुखिया अपने चार साल के कार्यकाल का राज्य में जश्न मनाने की तैयारी में जुटी हुई थी? त्रिवेंद्र रावत के बाद तीरथ सिंह रावत को सत्ता सौंपी गई लेकिन वह भी देश के प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा हाईकमान के सामने सत्ता चलाने में सफलता की सीढी नहीं चढ पाये थे जिसके बाद राज्य के युवा विधायक पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन किया गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भ्रष्टाचारमुक्त भारत के विजन को धरातल पर उतारने के लिए सरकार को जीरो टॉलरेंस पर चलाने का संकल्प लिया था और उसी संकल्प पर वह पिछले तीन साल से आगे बढते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी भ्रष्टाचारी और घोटालेबाजों से उसी तरह धर्मयुद्ध लड़ रहे हैं जैसे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने के लिए आगे बढे हुये हैं।
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तीन साल से सरकार चला रहे हैं लेकिन किसी ने भी उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल पर तिनकाभर भी उंगली नहीं उठाई क्योंकि वह अपना शासनकाल पारदर्शिता और स्वच्छता के साथ चलाने के लिए ही आगे बढे हुये हैं। मुख्यमंत्री के जीरो टॉलरेंस पर सरकार चलाने के एजेंडे से राज्य की जनता गदगद नजर आ रही है और वह यह मान चुकी है कि पुष्कर ंिसह धामी के शासनकाल में राज्य भ्रष्टाचारमुक्त जरूर होगा। वहीं राज्य के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में न्यायालय ने धामी सरकार को आठ अक्टूबर तक मंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति का फैसला लेने को कहा है और उनके इस आदेश से धामी सरकार जरूर एक धर्मसंकट में खडी हुई नजर आ रही है? सवाल यह है कि जब देश के प्रधानमंत्री जीरो टॉलरेंस पर भारत को चलाने के लिए आगे बढे हुये हैं और उनका उत्तराखण्ड से बेहद लगाव है ऐसे में अगर सरकार के कैबिनेट मंत्री पर आय से अधिक संपत्ति मामले में दाग लगा है तो यह कहीं न कहीं देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीरो टॉलरेंस पर देश चलाने के विजन पर भी एक बडा ग्रहण लगा है? उत्तराखण्ड की जनता के मन में अब इस बात को लेकर सवाल खडे हो रहे हैं कि राज्य में पहली बार किसी मंत्री पर आय से अधिक सम्पत्ति का मामला सामने आया है और अब सबकी नजरें धाकड धामी सरकार पर लग गई हैं कि वह मंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देगी या नहीं?

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