साजिशकर्ताओं का प्लानः उपचुनाव में हार जाये भाजपा?
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। मुख्यमंत्री की स्वच्छ सरकार चलाने की इच्छाशक्ति देखकर भाजपा के ही कुछ राजनेताओं को अपने राजनीतिक भविष्य पर एक बडा ग्रहण लगता हुआ नजर आ रहा है और यही कारण है कि वह अपनी समूची शक्ति मुख्यमंत्री अस्थिर करने के लिए लगाये हुये हैं? हालांकि अपनी साजिशों मंे बार-बार फेल होने वाले साजिशकर्ताओं को यह इल्म है कि वह मुख्यमंत्री की अभेद राजनीति को भेद नहीं पायेंगे लेकिन फिर भी वह साजिशों का चक्रव्यूह यह सोचकर रचते आ रहे हैं कि कभी न कभी वह अपने एजेंडे में कामयाब हो जायेंगे? केदारनाथ सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री ने एक ऐसी बिसात बिछाई है कि कोई भी इस सीट पर भीतरघात का खेल खेलने में सफल नहीं हो पायेगा? बद्रीनाथ सीट पर हुये उपचुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद साजिशकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को अस्थिर करने के लिए खूब उछलकूद की लेकिन वह अपने एजेंडे में इसलिए कामयाब नहीं हो पाये क्योंिक भाजपा हाईकमान को इस बात का इल्म है कि मुख्यमंत्री को कमजोर करने के लिए पार्टी के ही कुछ राजनेताओं ने इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी को चुनावी रणभूमि में जीताने के लिए कोई काम नहीं किया था। केदारनाथ उपचुनाव को देखते हुए एक बार फिर साजिशकर्ताओं का प्लान है कि किसी तरह से इस सीट पर भाजपा प्रत्याश्ीा को हार मिल जाये लेकिन ऐसे ख्वाब देखने वाले साजिशकर्ताओं को शायद इस बात का इल्म नहीं है कि अब मुख्यमंत्री केदारनाथ सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर उस उस भीतरघाती का चेहरा अपनी आंखों में स्कैन कर चुके हैं जो उन्हें बार-बार सत्ता से बेदखल करने का चक्रव्यूह रचते रहते हैं।
उल्लेखनीय है कि जबसे राज्य की कमान पुष्कर सिंह धामी ने संभाली है तबसे राज्य की जनता को यह विश्वास हो चला है कि एक लम्बे युग के बाद उन्हें ऐसा मुख्यमंत्री मिला है जो सबको अपना परिवार मानकर सबका दिल जीत रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज उत्तराखण्ड के चप्पे-चप्पे पर अपनी वो पहचान बना चुके हैं जिसे बनाने में शायद एक सदी बीत जाती है। मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल में कभी भी किसी के साथ द्वेष भावना के साथ काम नहीं किया और सबका साथ सबका विकास एजेंडे पर ही वह आगे बढते हुए नजर आ रहे हैं। हैरानी वाली बात है कि मुख्यमंत्री के कदम कभी भी राजधानी में रूकते ही नहीं है और वह राज्य के किसी न किसी जिले में हर दिन जाने का अपना समय तय करते हैं और उसके बाद वहां जाकर वह आवाम के बीच बैठकर विकास की नई परिभाषा लिखने के लिए आगे आ जाते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का फ्लावर रूप राज्यवासियांे को इतना भा चुका है कि हर तरफ उनके नाम का ही शोर सुनाई देता है और तो और भाजपा के दिल्ली में बैठे बडे-बडे राजनेता भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की स्वच्छ राजनीति का आईना सारे देश में दिखाने के लिए आगे आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जबसे सरकार चलाने के लिए भाजपा हाईकमान ने आगे किया है तभी से वह भाजपा के कुछ राजनेताओं की आंखो की किरकिरी बने हुये हैं और उसी के चलते उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए बडी-बडी साजिशों का खेल ऐसे खेला जा रहा है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती? सैनिक पुत्र ने मात्र तीन साल के भीतर राज्य के अन्दर एक स्वच्छ परम्परा के तहत सरकार चलाने का जो साहस दिखा रखा है उससे काफी सफेदपोश यह सोचकर परेशान हैं कि अगर सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के तहत चलेगी तो फिर वह अपने धंधे कैसे आगे बढा पायेंगे? मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी किचन टीम ने उत्तराखण्ड को हमेशा एक नई उडान पर ले जाने का जो एजेंडा तय किया हुआ है उससे राज्य के किसी भी सरकारी महकमे मे भ्रष्टाचार की बू नहीं आ रही है और इसी के चलते राज्य की जनता को विश्वास हो चला है कि अब उत्तराखण्ड ऐसे धाकड मुख्यमंत्री के हाथों में है जिनके शासनकाल में कहीं भी भ्रष्टाचार का शोर सुनाई नहीं दे रहा है। मुख्यमंत्री को अस्थिर करने वालों का सपना है कि भाजपा प्रत्याशी को केदारनाथ सीट पर होने वाले उपचुनाव में किसी भी कीमत पर जीत न मिल सके और अगर भाजपा प्रत्याशी को जीत न मिली तो वह भाजपा हाईकमान के सामने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को कमजोर साबित करने की दिशा में आगे बढ जायेंगे? हालांकि ऐसे सपने देखने वाले सभी साजिशकर्ताओं की इस साजिश को नेस्तनाबूत करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना बडा राजनीतिक प्लान तैयार कर लिया है और जब केदारनाथ सीट पर उपचुनाव होगा तो कोई भी भीतरघाती अपने एजेंडे पर सफल नहीं हो पायेगा जो यह ख्वाब देख रहा है कि भाजपा प्रत्याशी को भीतरघात कर हरवा दिया जाये? मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ सीट पर पार्टी प्रत्याशी को अभेद जीत दिलाने के लिए ऐसी बिसात बिछाई है जिसकी भनक किसी भी साजिशकर्ता को नहीं लग पायेगी?