धामी की पुलिस मुख्यालय में एंट्री से अपराधियों की कांपेगी रूह

0
42

देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड को अपराधमुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री वचनबद्ध हैं और वह राज्य के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बन गये हैं जो जरा सा अपराध देखते ही पुलिस अफसरों के साथ बैठक कर अपराधियों के खिलाफ बडा ऑपरेशन चलाने के लिए बडी रणनीति के तहत आगे आ रहे हैं। हरिद्वार में सुनार के यहां हुई डकैती और कुछ अपराधों को लेकर मुख्यमंत्री पुलिस के आला अफसरों के साथ अपराधियों पर नकेल लगाने के लिए उन्हें खुली छूट दे चुके हैं लेकिन इसके बावजूद भी भाजपा के कुछ राजनेताओं को ऐसे कौन से जगन्य अपराध दिखाई दे रहे हैं जिसके चलते वह पुलिस महकमें को कटघरे में खडा कर रहे हैं। पुलिस मुख्यालय के अन्दर आज मुख्यमंत्री की एंट्री से यह बात साफ हो गई कि वह अब अपराधियों को अपने धाकड़ रूप से रूबरू कराने के लिए आगे आ गये हैं और भले ही मुख्यमंत्री का पुलिस मुख्यालय में आना औचक निरीक्षण बताया जा रहा हो लेकिन मुख्यमंत्री को नजदीक से पहचानने वाले साफ इशारा कर रहे हैं कि डीजीपी को मुख्यमंत्री ने साफ इशारा कर दिया है कि जो अपराधी उत्तराखण्ड की तरफ अपराध करने के लिए अपने कदम आगे बढाये उसे इसका वो परिणाम मिले जिससे उत्तराखण्ड के अन्दर अपराध करने का कोई ख्वाब भी न पाल पाये। गृहमंत्री के रूप में मुख्यमंत्री का अब अपराधियों को वो रूप नजर आयेगा जिससे उनकी रूह कांप उठेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस मुख्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने पुलिस मुख्यालय से संचालित महिला सुरक्षा हेल्पलाईन और पुलिस द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने इस दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत बनाया जाए। कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने और शांति भंग करने वाले अराजक तत्वों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि महिला अपराधों से जुड़ी घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि जरूरतमंद लोगों को पुलिस की सहायता तत्काल मिले।
मुख्यमंत्री ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये कि डेमोग्रेफी चेंज, धर्मान्तरण, लव जिहाद के प्रकरणों पर यथाशीघ्र कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य का शांति व्यवस्था बिगाडऩे वालों को बख्शा नहीं जायेगा। अपराधियों को पकडऩे के लिए पुलिस द्वारा सघन अभियान चलाया जाए तथा आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों पर नियमित निगरानी रखी जाए। मुख्यमंत्री ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये कि उन्होंने जिन थानों से नौकरी की शुरूआत की है, उन थानों का स्थलीय निरीक्षण करें, आवश्यकतानुसार संबंधित थानों को सुदृढ़ बनाने की दिशा में भी वे सहयोगी बनें। मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई जाए एवं प्रदेश में आने-जाने वालों पर निगरानी रखी जाए। अपराधों को कम करने की दिशा में लगातार कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि महिला अपराधों को रोकने के लिए और उन्हें जल्द न्याय दिलाने के लिए वरिष्ठ महिला आईपीएस अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाए। अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अधिकारियों को आपस में समन्वय बनाने, सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान, इंटेलीजेंस व्यवस्था को और मजबूत बनाये जाने और रात्रि पेट्रोलिंग की नियमित व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये। जिन क्षेत्रों में आपराधिक गतिविधियां बढ़ी हैं, ऐसे क्षेत्रों की सतत निगरानी करते हुए गश्त बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कार्मिकों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाए। साइबर अपराध एवं तकनीक आधारित अन्य प्रशिक्षण समय-समय पर पुलिस कर्मियों को दिये जाएं। इस अवसर पर डीजीपी अभिनव कुमार, एडीजी अमित कुमार सिन्हा, वी. मुरूगेशन, ए.पी. अंशुमान, आईजी विम्मी सचदेवा, नीलेश आंनंद भरणे, के. एस. नगन्याल, अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेता, डीआईजी सेंथिल अबुदई एवं एस.एस.पी देहरादून अजय सिंह उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY