मसूरी/ देहरादून(नगर संवाददाता)। उत्तराखंड आंदोलन के दौरान शहीद राज्य आंदोलनकारियों की स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी में शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद राज्य आन्दोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि राज्य आन्दोलनकारियों के बलिदान के कारण ही हमें उत्तराखण्ड राज्य मिला है और शहीद आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप राज्य को बनाने के लिए संकल्पबद्ध है। यहां मसूरी स्थित शहीद स्मारक पर मसूरी गोलकांड की तीसवीं बरसी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मां की ममता को छोडा हो, परिवार को छोडा और राज्य आंदोलन में कूद गये। उन्होंने कहा कि शहीद आंदोलनकारियों की कल्पना अदभुत थी और मसूरी गोलीकांड के सभी शहीद आंदोलनकारियों को नमन करते हुए कहा कि बेहतर भविष्य के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया गया था।
उन्होंने कहा कि राज्य प्राप्ति आंदोलन को नजदीक से देखा था और खटीमा गोलकांड के दौरान कई लोगों ने नेपाल जाकर अपनी जान बचाई और दो अक्टूबर को रामपुर तिराहा गोलीकांड राज्य में काले इतिहास के रूप में अंकित रहेगा और राज्य संघर्ष और बलिदान से मिला था और मसूरी की भूमि पर शांतिपूर्वक चल रहे आंदोलनकारियों पर पुलिस की गोलीकांड का सामना करना पडा और बर्बरता की गई और बेरहमी से कुचलने का प्रयास किया।
उन्होंने कहा कि शहीद आंदोलनकारियों ने अपने खून से सींचा और तभी जाकर हमें उत्तराखंड राज्य मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आंदोलनकारियों व शहीद आंदोलनकारियों के सपनों का राज्य बनाने में काम कर रही है और राज्य अनेक क्षेत्रों में अग्रणी राज्य बन गया है और नीति आयोग की सतत विकास की रैकिंग में उत्तराखंड राज्य पहले नंबर पर रहा है और यह प्रेरणा की बात है कि प्रधानमंत्री जब भी उत्तराखंड आते है और कहते है कि मेरे मुंह से बाबा केदार के प्रागंण में शब्द निकला था कि आगामी दशक उत्तराखंड का दशक होगा और हम जो विकास कर रहे है उसमें पर्यावरण का कितना संरक्षण कर पा रहे है और समान नागरिकता संहिता से उत्तराखंड को यह गौरव प्राप्त हो गया है कि उत्तराखंड पहला राज्य बन गया है और आंदोलनकारियों व आश्रितों को दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया है और आंदोलनकारियों को पेंशन दी जा रही है और चिन्हित आंदोलनकारियों की विधवा व तलाकशुदा को भी पेंशन की सुविधा प्रदान की जा रही है और सरकारी बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नारी शक्ति मातृशक्ति को नमन करते हुए विधानसभा में तीस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का विधेयक लाये है और सोलह हजार से अधिक नियुक्तियां नकलविहिन व पारदर्शिता से हुई है और राज्य के पांच जनपदों में गया और पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम आये है और परीक्षार्थियों के माता पिता मिले और टिहरी, चंपावत, पिथौरागढ, देहरादून सहित अन्य जिलों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया है और पीसीएस परीक्षा में उत्तराखंड के अधिकाधिक बच्चों ने हिस्सा लिया।
उन्होंने कहा कि पूर्व में भी परीक्षायें होती थी लेकिन अभिभावक सारा खर्च करते थे लेकिन उनका नंबर नहीं आता था और नकल माफियाओं के साथ सांठगांठ करने वालों का नंबर आता था और किसी भी कीमत में युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड नहीं होने देंगें और कार्यवाहियां की गई और सौ से अधिक नकल माफियाओं को जेल भेजा और राज्य में नकल का सख्त कानून लेकर आये और उम्रकैद तक की सजा, सारी संपत्ति जब्त करने का प्रावधान किया और आज निष्पक्ष तरीके से परीक्षायें हो रही है और इससे युवाओं का मनोबल भी बढ़ा है और सरकार को धन्यवाद नहीं बल्कि राज्य की देवतुल्य जनता ने मिथक को तोडा ओर दोबारा सेवा करने का अवसर दिया और धर्मांतरण को रोकने के लिएसख्त कानून, दंगा रोधी कानून को लागू किया गया।
उन्होंने कहा कि इसी वर्ष फरवरी माह में बनभूलपुरा क्षेत्र में दंगा किया गया और उत्तराखंड शांतिप्रिय प्रदेश है और वहां पर दंगाईयों पर सख्त कानून लागू किया गया और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने
पांच हजार एकड जमीन को अतिक्रमण से मुक्त किया गया है और उत्तराखंड को विकास के लिए संकल्पबद्ध है और कल्याणकारी योजनाओं से प्रदेश के लोगों का सर्वार्गींण विकास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य की आर्थिक प्रगति के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है और रोजगार को बढावा दिया जा रहा है और पलायन रोकने का काम किया जा रहा है और राज्य आंदोलनकारियों व शहीदों के सपनों के अनुरूप राज्य बनाया जायेगा और शहीद स्मार पर संग्रहालय बनना चाहिए और संग्रहालय बनाया जायेगा और आने वाली पीढी को पढाया जाना चाहिए और जिसे जीवंत रखा जायेगा और उन्होंने कहा कि हम भी उस समय आंदोलन को देख रहे थे और किस तरह से गोलियां चलती थी और लाठीचार्ज हुआ सब देखा है। बलिदानियों के सपनों के अनुरूप उत्तराखंड राज्य को बनायेंगें और इसके लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य करेंगें। इस अवसर पर अनेकों आंदोलनकारी व शहीद आंदोलनकारियों के परिजन आदि शामिल रहे।