आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखण्ड बनाना मेरा पहला लक्ष्य

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खटीमा/देहरादून(नगर संवाददाता)। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद आंदोलनकारियों की प्रतिमा पर पुष्पचक्र चढ़ाकर श्रद्धासुमन अर्पित किये। इस अवसर पर एक सितम्बर 1994 गोली कांड की बरसी पर बोलते हुए कहा कि राज्य को बनाने के लिए आंदोलनकारियों ने सर्वोच्च बलिदान दिया जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को एक अलग राज्य बनाने में अपने प्राणों का बलिदान दिया और मां की ममता व बहन की राखी को छोड़ दिया और अपने बच्चों को छोड़ दिया और राज्य प्राप्ति आंदोलन में शामिल हो गये। यहां उत्तराखंड आंदोलन के दौरान शहीद राज्य आंदोलनकारियों की स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शोक शस्त्र सलामी में प्रतिभाग किया। उन्होंने कहा कि हम सब के बेहतर भविष्य के लिए अनेक सपने देखें और राज्य की जनता इन वीरों की ऋणी रहेगी और एक सितम्बर 1994 को खटीमा गोलीकांड को कभी भूल नहीं सकते है और यहां पर लाठीचार्ज हुआ और यहां से नेपाल तक आंदोलनकारियों को जाना पडा और सभी आंदोलनकारियों का दिल सहम जाता है।
उन्होंने कहा कि उस समय आंदोलनकारियों को प्रताडित किया और केवल व केवल अपना बलिदान उत्तराखंड के सुधार एवं विकास के लिए दिया और वह भली भांति समझते थे कि और उनके बलिदान व त्याग की सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब उनके सपनों को साकार किया। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राज्य के गठन की घोषणा की और सभी बलिदानियों के सपनों का राज्य बनायेंगें और एक एक पल व एक एक क्षण आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बनाने में किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में कनेक्टिविटी सहित अनेक क्षेत्रों में काम किया जा रहा है और नये नये औद्योगिकीकरण के कार्य किये जा रहे है और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है कि यहां पर एक एम्स का निर्माण किया जा रहा है और पूरे देश की बात आती है तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तराखंड को कभी नहीं भूलते है। उन्होंने कहा कि बडे औद्योगिक पार्कों की स्वीकृति पूरे देश के लिए दी और यहां किच्छा में एक पार्क हमारे लिए हुआ है और पार्क के निर्माण के लिए यहां पर रोजगार और 28 हजार करोड का निवेश हो गया है और उत्तराखंड में नौजवान युवा भाई बहिन है और जिन्होंने कोर्स किये है और एक भी बेटे व बेटी को उत्तराखंड से बाहर नौकरी के लिए नहीं जाना पडेगा और यहीं पर ही उन्हें रोजगार दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि देहरादून में तीस से ज्यादा नीतियां बनाई है और उन पर अमल किया और तीन लाख करोड से अधिक का एमओयू और 72 हजार करोड से अधिक की ग्राउंडिंग की गई है और स्टार्टअप की नीति तैयार की गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को दस प्रतिशत का क्षैतिज को लागू किया गया है और राज्य में मातृशक्ति ने आंदोलन में बढ चढकर प्रतिभाग किया और महिलाओं के लिए तीस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण सरकारी नौकरी में दिया जा रहा है और आंदोलनकारियों को प्रतिमाह पेंशन की जा रही है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेजों में नि:शुल्क इलाज की सुविधा प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण विरोधी कानून, अवैध अतिक्रमण को मुक्त कराया गया है और जिन्होंने जंगलों में कब्जा किया गया है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने केवल प्रतीक बनाकर रोकने का काम किया गया है और देश का नकल विरोधी कानून राज्य में लागू किया गया है और पीसीएस के परिणाम कुछ दिनों पूर्व ही घोषित किया गया है और प्रदेश भर के बच्चे इस परीक्षा में निकले है और बेटे व बेटियां कई वर्षों से तैयारी कर थे और उनका नंबर नहीं आता था उन पर नकल माफिया हावी होते थे और इस पर अंकुश लगाया है और कई नकल माफियों को जेल के सलाखों के पीछे डाला गया है।
उन्होंने कहा कि आज कई परीक्षाओं में राज्य के युवक युवतियों का चयन हो गया है और अब तक सोलह हजार से अधिक नौजवानों को नियुक्तियां प्रदान कर दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अंदर माता पिता मिलते है और वह सरकार का धन्यवाद करते है और इसका श्रेय देवभूमि की जनता को देते है और क्योंकि जनता ने मिथक तोडने का काम किया और दूसरी बार सेवा करने का मौका दिया है और दंगा विरोधी विधेयक पारित हो गया है और प्रदेश में कोई दंगा व आगजनी करेगा तथा सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचायेगा और उसकी भरपाई उसी दंगाई से की जायेगी और समान नागरिक संहिता को लागू किया जा रहा है और हरेक व्यक्ति को एक समान कानून को नौ नवम्बर से पूर्व लागू हो जायेगा।
उन्होंने कहा कि यह हम सबके लिए खुशी की बात है कि नीति आयोग द्वारा सतत विकास की रैकिंग में उत्तराखंड पूरे देश में पहले नंबर पर आया है और सभी को ज्ञात है कि रोजगार के नये अवसर प्रदान होंगें और आज का दिन का मेरे लिए भावुक क्षण है और सभी शहीद आंदोलनकारियों के सपना का उत्तराखंड नहीं बना देते तब तक चैन से नहीं बैठेंगें और प्रदेश के विकास के लिए एक एक क्षण व एक एक पल लगायेंगें। उन्होंने कहा कि आपदा के समय प्रभावितों की मदद की गई है और 12 करोड 33 लाख से अधिक की राशि प्रभावितों को बांट दी गई है और शेष को वितरित की जा रही है। उन्होंने कहा कि शेष नुकसान की राशि को जल्द ही स्वीकृत किया जायेगा और भारत सरकार ने आपदा के मदों में बड़ा परिवर्तन किया है और जहां प्रभावितों को लाखों रूपये मिलते थे उसे एक करोड़ की राशि कर दिया गया है और उन्होंने प्रधानमंत्री व गृह मंत्री का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि सभी पत्रों को अपने साथ ले जा रहे है और उनका परीक्षण किया जायेगा और शीघ्र ही घोषणाओं में शामिल किया जायेगा। इस अवसर पर सांसद व पूर्व मंत्री अजय भटट, शिव अरोडा, महेन्द्र पाल, काशी सिंह ऐरी, नवीन कुमार, प्रकाश तिवारी, हरीश चन्द्र जोशी सहित अनेकों आंदोलनकारी शामिल रहे।

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