धामी केदारनाथ सीट पर जीत का फहरायेंगे परचम

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देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड मे तीन साल से सत्ता चला रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भले ही अपने कार्यकाल मे विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव मे पार्टी प्रत्याशियों को प्रचंड जीत दिलाई हो लेकिन जैसे ही बद्रीनाथ और मंगलौर सीट पर भाजपा को हार का सामना करना पडा उसके बाद भाजपा के ही कुछ राजनेताओं ने अपने ही मुख्यमंत्री को अस्थिर करने के लिए अफवाहों का भोपू बजाना शुरू कर दिया जिससे कि मुख्यमंत्री को असहाय बनाया जा सके? उत्तराखण्ड से लेकर दिल्ली तक मुख्यमंत्री का राजनीतिक वजूद उफान पर है लेकिन उनके ही कुछ अपनों की आंखो मे वह लगातार खटकते आ रहे हैं और खुली आंखो ंसे कुछ राजनेता उस कुर्सी पर आसीन होने का ख्वाब देख रहे हैं जिसे देखने के लिए उनकी एक आदत बन चुकी है? अब केदारनाथ सीट पर उपचुनाव को लेकर कांग्रेस व भाजपा आमने-सामने खडी हुई दिखाई दे रही है। जहां कांग्रेस के दिग्गज नेता केदारनाथ सीट पर फतेह हासिल करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकते हुए नजर आ रहे हैं तो वहीं मुख्यमंत्री ने भी केदारनाथ सीट पर विजय हासिल करने के लिए एक बडी बिसात बिछा दी है और अब यह बहस भी चल उठी है कि केदारनाथ उपचुनाव मे कौन सा राजनीतिक दल आवाम की उम्मीदों पर खरा उतरकर इस सीट पर अपना वर्चस्व कायम करेगा। कांग्रेस के लिए इस सीट पर जीत हासिल करना एक चुनौती बना हुआ है तो वहीं मुख्यमंत्री के लिए भी केदारनाथ सीट को जीतकर भाजपा हाईकमान के सामने अपना राजनीतिक वर्चस्व कायम करना है लेकिन उन राजनेताओं पर भी मुख्यमंत्री को अपनी रडार लगानी होगी जो उन्हें राज्य के अन्दर लम्बे समय से अस्थिर करने का चक्रव्यूह रचते आ रहे हैं?
उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड मे बीजेपी सरकार को बद्रीनाथ व मंगलौर सीट पर हुये उपचुनाव मे हार का सामना उस समय करना पडा जब डेढ माह पूर्व ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकसभा चुनाव मे पांचो पार्टी प्रत्याशियों को प्रचंड जीत दिलाई थी। बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर भाजपा को मिली हार के बाद यह बहस चली थी कि आयोध्या के बाद भाजपा बद्रीनाथ सीट पर कैसे चुनाव हार गई? इन दोनो सीटों पर उपचुनाव जीतने के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का मनोबल बढा हुआ है और वह कांग्रेस हाईकमान के सामने अपने आपको ताकतवर साबित करने के लिए केदारनाथ मे होने वाले उपचुनाव मे भाजपा को हराने के लिए पूरी ताकत के साथ रणनीति बनाकर केदारनाथ मे भाजपा सरकार को कटघरे मे खडा करते आ रहे हैं। कांग्रेस के छत्रप केदारनाथ सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर बडी रणनीति के तहत केदारनाथ मे आवाम के बीच जाकर भाजपा सरकार के कार्यकाल मे हो रहे कथित भ्रष्टाचारों को लेकर उन्हें कटघरे मे खडा कर रही है। वहीं हाल ही मे दिल्ली मे केदारनाथ मन्दिर के निर्माण की खबर को लेकर कांग्रेसी नेताओं ने भाजपा सरकार को कटघरे मे खडा करना शुरू कर रखा है और उसी के चलते मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने साफ ऐलान कर दिया था कि दिल्ली मे न तो कोई केदारनाथ मन्दिर बन रहा है और न ही केदारनाथ धाम? मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए केदारनाथ सीट पर होने वाले उपचुनाव को जीतना एक बडी चुनौती बना हुआ है क्योंकि पार्टी के ही कुछ नेता दो सीटों पर हुये उपचुनाव मे भाजपा को मिली हार के बाद अपनी साजिशों का तानाबाना बुनने के मिशन मे आगे बढे हुये हैं ऐसे मे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ सीट पर जीत हासिल करने के लिए खुद मोर्चा अपने हाथों मे संभाल लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ मे तीर्थ पुरोहितों से लेकर वहां के आवाम को यह संदेश देना शुरू कर रखा है कि डबल इंजन सरकार केदारनाथ मे विकास की नई इबारत लिख रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को केदारनाथ उपचुनाव मे कांग्रेस से कम और कहीं न कहीं अपनों से ज्यादा डर बना हो सकता है क्योंकि अभी तक केदारनाथ मे होने वाले उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ही खुद वहां मोर्चा संभाले हुये हैं और केदारनाथ सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर आज रूद्रप्रयाग मे विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास कार्यक्रम कर मुख्यमंत्री ने अपना इरादा साफ कर दिया है कि उन्होंने केदारनाथ उपचुनाव को फतेह करने के लिए एक बडी बिसात बिछा दी है।

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