बडा मुद्दाः किसका कटेगा पत्ता और किसको मिलेगा मंत्री पद का गिफ्ट
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री का दूसरा कार्यकाल शानदार दिखाई दे रहा है और इस कार्यकाल मे आवाम को राज्य के अन्दर विकास का जो नया अध्याय देखने को मिल रहा है उससे नजर आने लगा है कि उत्तराखण्ड एक नये युग मे प्रवेश करने के लिए आगे बढ़ चुका है। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने बडे विजन के साथ राज्य को भ्रष्टाचारियों और घोटालेबाजों से मुक्त कराने का जो साहस दिखाया है वह आवाम को खूब रास आ रहा है लेकिन यह भी सच है कि भाजपा के ही कुछ बडे नेताओं की आंखो मे मुख्यमंत्री खूब खटक रहे हैं और उनकी एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने की उम्मीदें उफान मारने लगी हैं जिसको लेकर सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री को कमजोर करने के लिए साजिश का बडे नाटकीय ढंग से खेल चल रहा है जिससे राज्य की राजनीति मे पिछले कुछ समय से हलचल मची हुई है हालांकि इस हलचल को सिर्फ और सिर्फ एक अफवाह के रूप मे ही देखा जा रहा है? वहीं भाजपा प्रदेश प्रभारी ने साफ किया है कि मुख्यमंत्री के शासनकाल मे सरकार बेहतर काम कर रही है और राज्य के अन्दर मंत्रिमण्डल को लेकर भी मंथन हो चुका है। प्रदेश प्रभारी के इस कथन से यह भी साफ नजर आ रहा है कि मंत्रिमण्डल मे फेरबदल के दौरान सीएम धामी की धमक देखने को मिलेगी क्योंकि राज्यहित मे वह उन्हें ही मंत्री पद देने की पैरवी करेंगे जिनका आवाम के बीच बडा जनाधार देखा जा रहा है। वहीं अब यह बहस भी चल पडी है कि अगर मंत्रिमण्डल मे फेरबदल होना तय है तो फिर पुष्कर मंत्रिमण्डल मे शामिल कौन मंत्री आउट हांेगे और किन विधायकों को मंत्री पद का ताज पहनाया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड मे भाजपा का प्रचंड बहुमत है और दूसरी बार भी राज्य के अन्दर भाजपा की सरकार बनी है। मुख्यमंत्री के रूप मे पुष्कर सिंह धामी का दूसरा कार्यकाल चल रहा है और उन्होंने मुख्यमंत्री पद पर अपना दो साल का बेहतर कार्यकाल पूरा कर राज्य की जनता की उम्मीदों को एक नये पंख लगा रखे हैं जिसके चलते राज्य की जनता उन्हें एक सुपर सीएम के रूप मे भी देखती आ रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने अब तक के कार्यकाल मे राज्य के अन्दर जो नया उत्तराखण्ड बनाने की पटकथा लिखी है उस पर वह तेजी के साथ आगे बढते जा रहे हैं और राज्य की जनता उन पर अभेद विश्वास करती हुई नजर आ रही है। मुख्यमंत्री का शानदार कार्यकाल उत्तराखण्ड से लेकर दिल्ली मे मौजूद भाजपा के दिग्गज राजनेताओं को खूब रास आ रहा है और भाजपा हाईकमान को भी इस बात का इल्म है कि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य मे शानदार ढंग से सरकार चला रहे हैं। भाजपा हाईकमान को इस बात का इल्म है कि उत्तराखण्ड मे जब भी कोई दैवीय आपदा आई या फिर राज्य पर कोई भी संकट आकर खडा हुआ तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद आपदा स्थल पर मोर्चा संभालकर उस संकट से आवाम को सुकून दिया।
भाजपा हाईकमान की नजरों मे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भले ही धाकड़ मुख्यमंत्री बने हुये हो लेकिन राज्य मे भाजपा के ही कुछ राजनेताओं के मन मे एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने की उम्मीदों का बवंडर दिखाई देने लगा है और वह उत्तराखण्ड से लेकर दिल्ली तक मे एक नये अंदाज मे अपने आपको ऐसे पेश कर रहे हैं जैसे वह उत्तराखण्ड की राजनीति मे अपना बडा रूतबा रखते हों? वहीं भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने साफ किया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बेहतर सरकार चला रहे हैं और उत्तराखण्ड मे मंत्रिमण्डल को लेकर भी मंथन हो चुका है। उनके इस दावे से उत्तराखण्ड की राजनीति मे एक नई हलचल मचती हुई दिखाई दे रही है और उसी के चलते कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है कि अगर भाजपा हाईकमान सरकार के मंत्रिमण्डल में फेरबदल के लिए हरी झण्डी देने के लिए आगे आया तो क्या सरकार मे शामिल कुछ मंत्रियों को मंत्रिमण्डल से आउट किया जा सकता है? वहीं यह भी बहस चल गई है कि आखिरकार नये मंत्रिमण्डल का अगर विस्तार हुआ तो उसमे पार्टी के किन विधायकों को मंत्री पद से नवाजा जायेगा? हालांकि अभी उत्तराखण्ड के अन्दर केदारनाथ मे उपचुनाव होना है तो वहीं आने वाले चंद महीनों में राज्य के अन्दर नगर निकाय चुनाव भी होंगे ऐसे मे क्या भाजपा हाईकमान मंत्रिमण्डल का विस्तार करने के लिए आगे आयेंगे यह अभी भी एक पहेली ही नजर आ रहा है?