रूद्रप्रयाग में जगह-जगह फसे आवाम और पर्यटकों को आकाश से बचाने का ऑपरेशन

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सीएम धामी ने कहा एक-एक जीवन बचाना उनका मिशन
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड मे लगातार हो रही तेज बारिश से नदियों का जलस्तर उफान पर है और उसके चलते पहाड के चंद जिले इस बाढ़ की चपेट मे आने से वहां हाहाकार मचा हुआ है कल रात टिहरी गढ़वाल मे बादल फटने और भारी बारिश से तीन लोगों की मौत हो गई और पुलो को भी बडा नुकसान हुआ है उसको देखते हुए मुख्यमंत्री वहां तेजी के साथ राहत और बचाव का कार्य का ऑपरेशन चला रखा है। वहीं केदारनाथ मार्ग पर दो पुल बहने के बाद वहां एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने कुछ जगह फसे लोगों और पर्यटकांे को बचाने का सिलसिला शुरू किया हुआ है और वहां एक-एक पर्यटक व आम आदमी को बचाने के लिए मुख्यमंत्री ने आकाश मे ऑपरेशन चलाया और कुछ हैलीकाप्टर लगातार रूद्रप्रयाग मे फसे पर्यटकांे व लोगों को बचाने के मिशन मे तेजी के साथ जुटे हुये हैं तो वहीं मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि आपदा वाले किसी भी स्थल पर फसे व्यक्ति या पर्यटक का जीवन बचाना उनका पहला मिशन है और केदारनाथ व टिहरी का जिला प्रशासन बचाव व राहत कार्य मे डटा हुआ है।
बीते रोज पहाडों मे आफत की बारिश से नदियों का जलस्तर उफान पर आ गया था और टिहरी व केदारनाथ मे बारिश से पर्यटकों व आम इंसान को सुरक्षित बचाये रखने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रात्रि मे ही मोर्चा संभाल लिया था और आपदा प्रबन्धन की टीमें भी दोनो जनपदों मे अलर्ट मोड मे आ गई थी। टिहरी के बहेडा मे भारी बारिश एवं आपदा से प्रभावित क्षेत्र मे बचाव एवं राहत कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सुबह ही वहां पहुंच गये और उन्हांेने वहां के जिला प्रशासन से भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों और राहत कार्य की स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से प्रभावित लोगों की मद्द करने और जहां नदियां और नाले उफान पर हैं वहां से लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए कहा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी को सर्तक रहने और आपदा पीडितों की हर सम्भव मद्द करने को कहा गया है। मुख्यमंत्री ने बहेडा मे बचाव एवं राहत कार्यों को लेकर वहां के डीएम से लम्बा मंथन किया और बचाव कार्यों की उन्हांेने सारी जानकारी ली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि टिहरी गढवाल मे कल रात बहेडा मे बादल फटने और भारी बारिश से जानमाल का नुकसान हुआ है और तीन लोगों की मौत हुई है और पुलों को बडा नुकसान हुआ है। उन्हांेने कहा कि राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाये जा रहे हैं और हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि आपदा शिविर मे जो लोग हैं उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बहाली का काम तेजी से किया जायेगा और उनकी कोशिश है कि जल्द से जल्द आपदा राहत कार्य किया जाये और हमने मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार चारधाम यात्रा संचालित करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ मार्ग पर जहां दो पुल कल रात बह गये थे वहां एनडीआरएफ और एसडीआरएफ पहुंच गई हैं और वहां फंसे सभी लोगों व पर्यटकों को बचाने का ऑपरेशन तेजी से किया जा रहा है। वहीं देर रात अतिवृष्टि के बीच केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग मे फंसे हुये यात्री व स्थानीय व्यक्तियों को सुरक्षित रखने के लिए डीएम व पुलिस कप्तान द्वारा अधीनस्तों को स्वयं की सुरक्षा के साथ ही बचाव व रेस्क्यू कार्य किये जाने के लिए मैदान मे उतारा था। आज सुबह स्वयं डीएम डाक्टर सौरभ गहरवार और पुलिस कप्तान डाक्टर विशाखा अशोक भदाणे ने मोर्चा संभालते हुए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और विभिन्न स्थानों पर फंसे श्रद्धालुओं को निकालने का कार्य प्रारंभ किया गया। लिंचोली मे फंसे यात्रियों को हैलीकाप्टर पर लाकर हैलीकाप्टर के माध्यम से शेरसी लाया गया। प्रशासन ने इस ऑपरेशन मे सुबह ग्यारह बजे तक 98 लोगों को हैलीकाप्टर से सुरक्षित निकाला और यात्रा मार्ग मे फंसे यात्रियों का लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है।

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