तस्वीरें बता रही सीएम का दिल्ली मे रूतबा
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पहले ऐसे राजनेता हैं जिन्हें देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपना सखा और छोटा भाई मान रखा है तो वहीं मुख्यमंत्री भी उनकी आशाओं पर हमेशा खरा उतरते आ रहे हैं। तीन साल से बेदाग होकर सरकार चला रहे मुख्यमंत्री का बडा रूतबा पार्टी के ही कुछ नेताओं को लम्बे समय से रास नही ंआ रहा है और यही कारण है कि वह समय-समय पर मुख्यमंत्री के खिलाफ साजिशें रचने का चक्रव्यूह रच रहे हैं लेकिन आवाम के दिलों पर राज करने वाले मुख्यमंत्री के खिलाफ रची जा रही सौ साजिशें भी धाराशायी होती हुई दिखाई दे रही हैं? हैरानी वाली बात है कि मुख्यमंत्री ने अपने आक्रामक प्रचार से दिल्ली, हिमाचल और उत्तराखण्ड मे भाजपा को लोकसभा चुनाव मे प्रचंड जीत दिलाकर एक बार फिर नरेन्द्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनाने मे अपनी बडी भूमिका निभाई है और इसी के चलते प्रधानमंत्री और उनकी किचन टीम ने उत्तराखण्ड के विकास के लिए मुख्यमंत्री की झोली मे बडी-बडी विकास योजनायें डाली हैं। नीति आयोग की बैठक मे प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के साथ मुख्यमंत्री की आई तस्वीरें बयां कर गई कि दिल्ली मे उनका राजनीति रूतबा बुलंदियों पर है। आवाम भी यह कहने से नहीं चूक रहा कि तस्वीरें कभी झूठ नहीं बोलती और दिल्ली से मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री के साथ जो तस्वीरें सामने आई हैं उसे देखकर समझा जा सकता है कि वह प्रधानमंत्री और उनकी टीम की राजनीतिक पाठशाला मे आज भी पहले पायदान पर खडे हुये हैं।
बता दें कि चंद दिन पूर्व राज्य के कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर संसद मे उन्हें बधाई देने के लिए पहुंचे थे जहां चर्चा है कि उनकी प्रधानमंत्री से मात्र तीन मिनट मुलाकात हुई और इस मुलाकात के दौरान उनकी प्रधानमंत्री के साथ तीन फोटो सामने आई तो उसके बाद इन फोटो को लेकर राज्य के अन्दर ऐसा बवंडर मचाना शुरू कर दिया गया कि मानो इस मुलाकात से उत्तराखण्ड की सियासत मे कोई भूचाल आने वाला हो? सोशल मीडिया पर इन फोटो को लेकर जो अनुमानों का ढोल पीटा जा रहा है वह कई शंकाओं को जन्म दे रहा है? वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली मे नीति आयोग की बैठक मे शामिल होने के लिए वहां मौजूद हैं और बैठक मे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर देश के गृहमंत्री तक के साथ आई तस्वीरों को देखकर साफ झलक गया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का राजनीतिक रूतबा दिल्ली मे आज भी बुलंदियों पर है क्योंकि यह साफ है कि तस्वीरें कभी झूठ नहीं बोलती। धामी के खिलाफ सौ साजिशों को भी धाराशायी करने वाली जो दिल्ली से तस्वीरें सामने आई हैं वह बता रही हैं कि मुख्यमंत्री की सत्ता अभेद है और अभेद रहेगी।
देश मे लोकसभा चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वचन दिया था कि वह उत्तराखण्ड की पांचो लोकसभा सीटों पर जीत का परचम लहराकर उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की झोली मे डालेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का राजनीतिक इकबाल देखते हुए ही उन्हें देशभर मे प्रचार प्रसार की कमान भाजपा हाईकमान ने सौंपी थी। भाजपा की हाईकमान की उम्मीदों पर शत-प्रतिशत खरा उतरने के लिए चुनाव मे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आक्रामक प्रचार कर यह साबित कर दिया था कि वह आवाम के लिए अगर फ्लावर हैं तो विरोधियों के लिए वह फायर भी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली, हिमाचल और उत्तराखण्ड मे रहने वाले लोगों के बीच जाकर हर तरफ कमल खिलाने के लिए उनके दिलों को जितने का जो हुनर दिखाया था उसके चलते तीनों राज्यों मे भाजपा की प्रचंड जीत हुई थी। लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी का आक्रामक प्रचार भाजपा हाईकमान को भी खूब रास आया था और उसी के चलते देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी किचन टीम के अन्दर पुष्कर सिंह धामी की भी बडी धमक ने उन्हें राजनीति बुलंदियों पर लाकर खडा कर दिया है।
हैरानी वाली बात है कि चंद दिन पूर्व संसद मे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत की चंद मिनट की हुई मुलाकात और इस मुलाकात की आई कुछ तस्वीरों को लेकर उत्तराखण्ड के अन्दर कुछ लोगों ने साजिश का जो ढोल पीटना शुरू किया उसे सुनकर हर कोई हैरान दिखाई दे रहा है? सवाल उठ रहा है कि आखिरकार मंत्री की प्रधानमंत्री से हुई मुलाकात को लेकर आखिर वो कौन चेहरे हैं जो अफवाहों की पिपनी बजाकर बच्चों की तरह हर तरफ उछल कूद करने मे लगे हुये हैं और इन तस्वीरों को लेकर वह उसकी ऐसी समीक्षा कर रहे हैं मानो वह कितने बडे राजनीतिक समीक्षक होंगे? गजब बात तो यह है कि सीएम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्डवासियों के दिलों पर राज कर रहे हैं और मातृशक्ति किसी भी कार्यक्रम मे उनका तिलक कर उन्हें एक लम्बे अर्से तक सत्ता मे बने रहने का आशीर्वाद दे रही हैं तो वहीं कुछ साजिशकर्ता एक बार फिर राज्य की फिजाओं मे अफवाहों का जहर धोलने के एजेंडे पर आगे बढा हुआ है?