धामी ने संभाला मंगलौर का रण

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मंगलौर मे जीते तो इतिहास रच देंगे सीएम
अब तक तीसरे नम्बर पर रही है इस सीट पर बीजेपी
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री राजनीति के इतने बडे चाणक्य बन गये हैं कि उन्होंने लोकसभा चुनाव मे बडे-बडे राज्यों मे भाजपा प्रत्याशियों को अपने जादुई रूतबे और प्रचार से जीत का ताज पहनाकर देशभर मे अपना डंका बुलंद कर दिया है। अब उत्तराखण्ड के अन्दर बद्रीनाथ व मंगलौर मे उपचुनाव होने का काउंटडाऊन शुरू हो गया है और मंगलौर विधानसभा सीट पर आज तक भाजपा तीसरे नम्बर पर ही खडी हुई दिखाई दी है लेकिन उपचुनाव मे मंगलौर का रण जीतने के लिए धामी ने मोर्चा संभाल लिया है और उन्हांेने मंगलौर मे इस बार जीत का इतिहास रचने के लिए वहां अंगद की तरह अपने पैर जमाने का जो हौसला दिखाया है उससे इस बार का चुनाव एक नई दास्तां लिखता हुआ भी नजर आ सकता है? उत्तराखण्ड मे विधानसभा और लोकसभा चुनाव मे राज्य की जनता ने पार्टी के किसी उम्मीदवार पर भरोसा करने के बजाए सिर्फ मुख्यमंत्री पर ही अपना भरोसा दिखाया था और यह साफ किया था कि उन्हें मुख्यमंत्री के विकास की नई उडान पर अभेद भरोसा है इसलिए वह राज्यहित मे मुख्यमंत्री के साथ हमेशा खडे रहेंगे। मुख्यमंत्री ने मंगलौर सीट पर पार्टी प्रत्याशी को जीत का ताज पहनाने के लिए वहां अपना अंक गणित शुरू कर दिया है और आज उन्होंने वहां जाकर जिस तरह से पार्टी प्रत्याशी के पक्ष मे माहौल तैयार कर उन्हें चुनावी रणभूमि मे जीत दिलाने का जो खाका तैयार किया है उससे वहां कांग्रेस और बसपा के सामने एक बडी चुनौती बन गई है क्योंकि मुख्यमंत्री राजनीति के वो चाणक्य बन गये हैं जो 2022 मे कांग्रेस के हाथों मे जा रही सरकार को अपनी कुशल राजनीति से खींच लाने मे सफलता की बुलंदी छू गये थे।
मुख्यमंत्री ने अपने तीन साल के कार्यकाल मे उत्तराखण्ड के अन्दर विपक्ष को अपनी चाणक्य राजनीति के चलते ढेर कर रखा है और उसी का परिणाम है कि मुख्यमंत्री ने जहां 2022 मे भाजपा को एक बार फिर सरकार बनाने का स्वाद चखाया वहीं लोकसभा चुनाव मे पार्टी के पांचो उम्मीदवारों को एतिहासिक जीत दिलाकर उन्होंने अपनी राजनीति का डंका बजा दिया। मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के अन्दर वो सिकन्दर बन गये हैं जो किसी भी मोर्चे पर अपने हिस्से मे सिर्फ जीत दर्ज करा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड की राजनीति मे जो नये कीर्तिमान स्थापित कर दिये हैं उससे राज्य की जनता पुष्कर सिंह धामी की मुरीद हो गई है और विपक्ष के जो बडे-बडे राजनेता मुख्यमंत्री को राजनीति मे ललकारने का भोपू बजा रहे थे उस भोपू को मुख्यमंत्री ने अपनी चाणक्य राजनीति से नेस्तनाबूत कर दिया था। मुख्यमंत्री अपनी कुशल राजनीति के बल पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आंखो के तारे बन चुके हैं और उन्होंने जिस स्वच्छ राजनीति के बल पर आवाम के बीच एक बडी पैठ बनाई है उससे विपक्षी नेताओं की नींद उडी हुई है। मंगलौर मे होने वाले उपचुनाव मे भाजपा हाईकमान ने करतार सिंह भडाना को चुनाव मैदान मे उतारा है और उनकी वहां कोई राजनीतिक जमीन नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जो कि राजनीति के एक बडे धुरंदर बन चुके हैं वह मंगलौर विधानसभा सीट पर होने वाले चुनाव का रण संभालने के लिए खुद आगे आ गये हैं। मुख्यमंत्री ने जैसे ही मंगलौर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव का रण संभालने के लिए वहां अंगद की तरह अपने पैर जमा दिये उससे विपक्ष मे एक बडी खलबली मची हुई दिखाई दे रही है क्योंकि इस सीट पर कभी भी भाजपा का कोई उम्मीदवार जीत का सेहरा अपने सिर पर नहीं बंाध पाया था। मंगलौर सीट पर करतार सिंह भडाना को चुनावी रणभूमि मे विजय दिलाने के लिए मुख्यमंत्री ने बडे हौसले के साथ वहां के आवाम मे अपनी एक नई धमक दिखाने का मिशन शुरू कर दिया है और इस मिशन से भाजपा कार्यकर्ताओं के मन मे जोश का एक नया संचार पैदा हो गया है जो आज तक उनके मन मे कभी दिखाई नहीं दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलौर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव मे पार्टी प्रत्याशी करतार सिंह भडाना को जीत दिलाने के एजेंडे पर आगे बढ़ चुके हैं और अगर मुख्यमंत्री ने अपनी चाणक्य राजनीति से करतार सिंह भडाना को चुनाव मे जीत का ताज पहनाया तो वह एक नया इतिहास रच देंगे?

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