अब भ्रष्ट आबकारी अफसर सीएम के चक्रव्यूह मे फंसा
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। 2025 तक उत्तराखण्ड को भ्रष्टाचार से आजाद करने के लिए मुख्यमंत्री ने बडा संकल्प लिया हुआ है और वह हर उस भ्रष्टाचारी को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने के ऑपरेशन मे जुटे हुये हैं जो ईमानदार सरकार को धोखा देकर आवाम से भ्रष्टाचार करने का दुसाहस कर रहे हैं। धामी ने भ्रष्टाचारियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने के ऐसा जाल बुना हुआ है जिसमे हर भ्रष्टाचारी जैसे ही भ्रष्टाचार का खेल खेलने के लिए आगे आने का दुसाहस कर रहा है तो वह उस जाल मे फंसता जा रहा है। हैरानी वाली बात है कि मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड को भ्रष्टाचार मुक्त करने का वचन राज्य की जनता को दे रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री के ही विभाग का जिला आबकारी अधिकारी मुख्यमंत्री के ही सपनों को चूर चूर करने के एजेंडे पर काम करने के लिए आगे बढ़ा हुआ था और जैसे ही उसके कारनामों की खबर मुख्यमंत्री के कानो मे पहुंची तो उन्होंने भ्रष्ट अफसर को चक्रव्यूह मे फंसाने के लिए ऐसा पासा फेंका कि उधमसिंहनगर मे जिला आबकारी अधिकारी को विजिलेंस की टीम ने उस समय दबोच लिया जब वह सतर हजार रूपये की रिश्वत ले रहा था। विजिलेंस की टीम ने भ्रष्ट जिला आबकारी अधिकारी को दबोचकर उसके दफ्तर और घर पर सर्च ऑपरेशन शुरू कर रखा है। मुख्यमंत्री का साफ अल्टीमेटम है कि राज्य मे छोटे से लेकर बडे तक किसी ने भी भ्रष्टाचार करने का दुसाहस किया तो उसे जेल की सलाखों के पीछे पहुंचने से कोई नहीं रोक पायेगा। गढवाल व कुमांऊ मे जिस तरह से भ्रष्टाचारियों के खिलाफ बडा ऑपरेशन चलाया जा रहा है उसे देखकर आवाम को मुख्यमंत्री पर अभेद भरोसा हो गया है कि वह राज्य को जल्द से जल्द भ्रष्टाचार से आजादी दिला देंगे।
विजिलेंस से मिली जनाकारी के मुताबिक जिला आबकारी अधिकारी उधमसिंहनगर के खिलाफ लम्बे समय से शिकायत मिल रही थी। आरोप है कि अधिभार यानी शराब उठाने के परमिट को लेकर आबकारी अधिकारी ठेकेदारों को अक्सर टालमटोल कर रहा था। इसी पर मिली शिकायत पर विजिलेंस ने जिला आबकारी अधिकारी अशोक मिश्रा को 70 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। विजिलेंस आरोपी के आवास और घर पर छापेमारी कर रही है। इधर, धामी सरकार भ्रष्टाचार पर निरंतर करारे प्रहार कर रही है। अब ऊधमसिंहनगर के जिला आबकारी अधिकारी अशोक कुमार मिश्रा को विजिलेंस की टीम ने 70 हजार रुपये की घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है। वह बकाया अधिभार की आड़ में किसी ठेकेदार से रिश्वत की मांग कर रहे थे। कहा जा रहा था कि इसके बिना शराब के उठान का परमिट जारी नहीं किया जाएगा। ठेकेदार की शिकायत पर विजिलेंस ने जाल बिछाया और जिला आबकारी अधिकारी को दबोच लिया। इससे कुछ दिन पहले ही विजिलेंस देहरादून ने राज्य कर विभाग के सहायक आयुक्त शशिकांत दुबे को घूस लेते गिरफ्तार किया था। जानकारी यह भी सामने आ रही है कि आबकारी विभाग के तीन-चार अधिकारी और रडार पर हैं। इनके खिलाफ भी विजिलेंस के पास पुख्ता सुबूत हैं। जल्द ही इन पर भी शिकंजा कसा जा सकता है।विजिलेंस के सूत्रों के मुताबिक अधिभार जमा कराने में रियायत देने और शराब के उठान की मंजूरी देने के एवज में ऊधमसिंहनगर के जिला आबकारी अधिकारी अशोक कुमार मिश्रा रिश्वत की मांग कर रहे थे। इसके बिना ठेकेदार को मंजूरी न देने की बात समाने आ रही थी। ठेकेदार को घूस देना मंजूर नहीं था। लिहाजा, विजिलेंस में शिकायत दर्ज कराई गई। विजिलेंस के हल्द्वानी सेक्टर ने प्रारंभिक जांच के बाद शिकायत को सही पाते हुए ट्रैप टीम गठित की। मंगलवार दोपहर बाद जिला आबकारी अधिकारी मिश्रा को घूस की रकम लेते गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद विजिलेंस की टीम ने मिश्रा के घर पर भी छापेमारी शुरू की है। जिसमें उनकी संपत्ति के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। विजिलेंस की इस कार्रवाई से आबकारी विभाग में हड़कंप की स्थिति है। अन्य विभागों के घूसखोर अधिकारी और कर्मचारी भी सहमे हुए हैं। बताया जा रहा है कि विजिलेंस की लिस्ट में अभी कई ऐसे नाम और हैं, जिन पर आने वाले दिनों में एक्शन होगा। इस तरह की कार्रवाई से संदेश मिलता है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भ्रष्टाचार की शिकायतों पर कड़ा रुख अपना रहे हैं।