देहरादून(संवाददाता)। मुख्यमंत्री ने सत्ता संभालने के बाद निडर होकर सरकार चलाने का जो दृश्य आवाम के सामने पेश किया उसी के चलते उत्तराखण्ड की जनता उन्हें राज्य का रक्षक मानकर उन पर अभेद भरोसा करती आ रही है। आवाम को मुख्यमंत्री से आशा है कि वह राज्य को अपराधमुक्त करने की दिशा मे कोई कसर नही ंछोडेंगे जिसके चलते पिछले एक दशक से अपराधियों के दिखाये डर मे जी रहा आवाम खुली हवा मे सांस लेकर अपने आपको इनसे आजाद पायेगा। मुख्यमंत्री ने संकल्प ले रखा है कि 2०25 तक उत्तराखण्ड को अपराध और नशामुक्त कर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री के इस संकल्प को पूरा करने के लिए राज्य पुलिस काम करती हुई दिखाई दे रही है और वर्षों से उसके हथियारों मे जो जंक रणबीर मुठभेड कांड के बाद से लग गया था उसे पुष्कर राज मे उन्होंने साफ कर अपराधियों के खिलाफ बडा ऑपरेशन चला रखा है। राजधानी मे सूदखोर और कुख्यात बदमाशों ने रायपुर के तीन युवाओं पर ताबडतोड गोलियां चलाकर सरकार को ललकारा तो मुख्यमंत्री ने अपना तीसरा नेत्र खोलते हुए अपराधियों को खुला अल्टीमेटम दिया तो उसके बाद अपराधियों की शामत कुछ घंटों मे ही आ गई और सरकार को ललकारने वाले दो बदमाश पुलिस मुठभेड मे पुलिस की गोली से घायल हो गये और यह बात भी साफ हो गई कि अब राज्य के अन्दर सूदखोरी और बदमाशों के गैंगों को पालने वाले हर उस चेहरे को बेनकाब कर दिया जायेगा जो एक लम्बे दशक से आवाम के बीच अपना खौफ दिखाकर उन्हें डर के साये में जीने के लिए मजबूर कर रहे थे?
उत्तराखण्ड मे हमेशा गृह विभाग की कमान मुख्यमंत्री के हाथों मे ही रही है लेकिन इसके बावजूद भी राज्य बनने के बाद अधिकांश पूर्व मुख्यमंत्रियों ने उत्तराखण्ड के अन्दर अपने गैंग चला रहे कुख्यातों पर नकेल लगाने का कोई जज्बा नहीं दिखाया था जिसके चलते अंडरवल्र्ड, कुछ राज्यों के कुख्यातों ने उत्तराखण्ड को अपनी अपराध और शरणस्थली बना रखा था। सबसे आश्चर्यचकित पहलू तो यह था कि कुछ जेलो मे बंद कुख्यात बदमाश वहीं से अपने गैंग चलाते थे और किसकी शह पर वह जेल की बेरिकों से ही मोबाइल फोन चलाकर उद्यमियों को धमकियां देने के साथ ही हत्या करने तक के लिए अपने गैंग के सदस्यों को फरमान जारी करते थे। उत्तराखण्ड के अन्दर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के काफी बदमाशों का हमेशा दबदबा और आतंक देखने को मिलता रहा है और उन्होंने एक दौर मे कुछ जिलों मे कीमती जमीनों पर अपना डर दिखाकर उन पर कब्जा करने का जो दुसाहस किया था उसकी गूंज अकसर सुनने को मिलती रहती थी?
उत्तराखण्ड का जबसे मुख्यमंत्री का पदभार युवा राजनेता पुष्कर सिंह धामी को मिला है तो उन्होंने दिलेरी के साथ सरकार चलाने का जज्बा दिखाया है और वह आवाम से किये गये हर संकल्प को धरातल पर उतारने मे कभी भी देरी नहीं करते यह किसी से छिपा नहीं है। उत्तराखण्ड की शांत वादियों को खराब करने के मनसूबे पालने वाले हर असमाजिक तत्व को मुख्यमंत्री ने खुली चेतावनी दे रखी है कि अगर उन्होंने ऐसा करने का दुसाहस किया तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल मे लाई जायेगी और इसका अक्स नैनीताल के बनफूलपूरा मे भी उस समय देखने को मिल गया था जब वहां की फिजा मे जहर घोलने के लिए एक बडी साजिश का खेल सामने आया था तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त रूख अपनाकर उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही कर यह संदेश दे दिया था कि उनके राज मे हिंसा कभी भी बर्दाश्त नहीं की जायेगी। मुख्यमंत्री ने अपने धाकड़पन से बनफूलपूरा मे थाना भी खुलवाया जहां हिंसा हुई थी और उन्होंने यह दिखा दिया था कि उत्तराखण्ड के अन्दर धार्मिक उन्माद किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2०25 तक उत्तराखण्ड को अपराधमुक्त करने का संकल्प लिया हुआ है और हाल ही मे राजधानी के रायपुर मे एक सूदखोर और उसके कुछ कुख्यात साथियों ने जब तीन युवकों पर ताबडतोड गोलियां चला दी तो उनमे से एक की मौत हो गई और दो गंभीर रूप से घायल हो गये। सूदखोर और कुख्यात अपराधियों के इस जघन्य अपराध को देखकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना तीसरा नेत्र खोला और उन्होंने अपराधियों को ललकारते हुए कहा कि उत्तराखण्ड के अन्दर अपराध करने का दुसाहस करने वालों को इसका खामियाजा भुगतना पडेगा।
मुख्यमंत्री का तीसरा नेत्र खुलते ही पुलिस महकमे मे हडकम्प मच गया और उसके बाद हरिद्वार और देहरादून पुलिस ने रायपुर मे गोलीकांड को अंजाम देने वाले दो बदमाशों को जब घेरा तो उनकी रात्रि मे पुलिस से हुई मुठभेड मे उनके पैरो मे गोलियां लगी और उन्हें दबोच लिया गया। अहम बात यह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपराध जगत को लेकर जिस तरह से अपना तीसरा नेत्र खोलकर उन्हें खुला ललकार दिया है उससे अपराधियों की अब शामत आ गई है।