चारधाम यात्रा मे एक माह के अन्दर धामी ने श्रद्धालुओं को कराई सुगम यात्रा

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यात्रा के सभी पुराने रिकार्ड हुये ध्वस्त
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। लोकसभा चुनाव का आगाज होते ही उत्तराखण्ड के अन्दर चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो गया था और श्रद्धालुओं का सैलाब जिस तरह से यात्रा मे उमड़ रहा था उसको लेकर सरकार की घेराबंदी करने के लिए कुछ साजिशकर्ताओं ने ढोल पीटना शुरू किया था कि यात्रा मे अव्यवस्था का दौर चल रहा है और मुख्यमंत्री यात्रा को संचालित करने मे फेल हो रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री ने ऐसे साजिशकर्ताओं को आईना दिखाते हुए चारधाम यात्रा मे रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य करते हुए श्रद्धालुओं को चारधाम मे आने का संदेश दिया उसके बाद श्रद्धालुओं को इस बात का इल्म हो गया था कि वह अब सुगम और सुरक्षित यात्रा के लिए मुख्यमंत्री के संदेश पर ही अमल करते हुए यात्रा करेंगे। चारधाम यात्रा को शुरू हुये एक माह का समय हो गया है और इस एक माह मे मुख्मयंत्री ने श्रद्धालुओं को सुगम यात्रा कराने के जिस विजन पर सिस्टम को आगे किया उसी का परिणाम है कि एक माह मे यात्रा के सभी पुराने रिकार्ड ध्वस्त हो गये और चारधाम यात्रा मे आने वाले श्रद्धालुओं के सामने खाकी एक नये अवतार मे खडी हुई नजर आ रही है। चारधाम यात्रा मे आने वाले श्रद्धालुओं को सुगम यात्रा का जो अनुभव हो रहा है उसके चलते वह उसका श्रेय मुख्यमंत्री को खुले रूप से देते हुए नजर आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि दस मई से उत्तराखण्ड मे चारधाम यात्रा का शुभारंभ हुआ था और यात्रा के पहले दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हैलीकाप्टर से श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा कराकर उनका स्वागत किया था। चारधाम यात्रा मे पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा कराई। यात्रा का आरम्भ होते ही सरकार के माथे पर यह देखकर बल पड गये थे कि उन्होंने जितनी संख्या मे श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद की थी उससे कई गुना श्रद्धालु चारधाम यात्रा मे भगवान के दर्शन करने के लिए उमड़ पडे थे। श्रद्धालुओं का सैलाब चारधाम मार्ग मे उमडने से जाम लगना तो स्वाभाविक था क्योंकि जहां यात्रा मे मात्र कुछ हजार श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद थी वहां कई लाख श्रद्धालु यात्रा करने के लिए चारधाम मे आगे बढ़ गये तो उससे सिस्टम को काफी मशक्कत करनी पडी थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए डीजीपी अभिनव कुमार को जिम्मा सौंपा था और उसके बाद उन्होने श्रद्धालुओं को संदेश दे दिया था कि जो भी श्रद्धालु अपना रजिस्ट्रेशन कराकर दर्शन करने वाली तिथि पर ही धाम मे आयेगा उसे ही एंट्री दी जायेगी।
रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता का कुछ टूर ट्रैवल संचालकों ने इसका फायदा उठाया और उन्हांेने काफी संख्या मे श्रद्धालुओं के साथ धोखाधडी करते हुए उनकी दर्शन करने वाली तिथि मे फर्जीवाडा कर उन्हें धाम की ओर रवाना किया था और यह फर्जीवाडा उस समय उजागर हुआ जब रजिस्ट्रेशन के क्यूआर कोड को स्कैन किया जाता रहा तो उसमे यह फर्जीवाडा सामने आता रहा और उसी के चलते काफी टूर ट्रैवल वालों के खिलाफ धोखाधडी के मुकदमें दर्ज हुये थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और डीजीपी अभिनव कुमार ने भी चारधाम मे खुद मोर्चा संभाला था और डीजीपी ने चार दिन तक रूद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी मे व्यवस्थाओं को परखने के लिए वहां डेरा डाला था। डीजीपी ने श्रद्धालुओं को सुगम और सुरक्षित यात्रा कराने के लिए पुलिस अफसरों को आगे किया था। चारधाम यात्रा मे श्रद्धालुओं को पुलिस का नया अवतार दिखाई देता आ रहा है जहां पुलिस श्रद्धालुओं को उनके हर संकट मे उनके चेहरे पर मुस्कान लाने का मिशन संभाले हुये हैं। मुख्यमंत्री की कुशल रणनीति के चलते चारधाम यात्रा मे आने वाले श्रद्धालुओं का रिकार्ड टूट गया है और यह रिकार्ड मौजूदा दौर मे इतना बडा हो गया है कि उससे साफ नजर आ रहा है कि श्रद्धालुओं को मुख्यमंत्री की कुशल रणनीति खूब रास आ रही है और उसी के चलते सिस्टम उन्हें राज्य के अन्दर सुगम और सुरक्षित यात्रा करा रहा है। चारधाम यात्रा को शुरू हुये एक माह का समय हो गया है और इस दौर मे चारधाम यात्रा मे आने वाले श्रद्धालुओं को आस्था के पथ पर भगवान के अलौकिक दर्शन हो रहे हैं उससे वह खूब भाव विभोर दिखाई दे रहे हैं।

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