सिस्टम को सुधारने निकला कलमवीर

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चमोली(संवाददाता)। अगर सिस्टम को सुधारने के लिए कलमवीर को आगे आना पडे़ तो उससे समझा जा सकता है कि सिस्टम के कुछ अफसर किस राह पर राज्य के विकास को आगे बढ़ाने का फर्जी ढोल पीट रहे हैं? बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र मे कलमवीर ने जनसंवाद यात्रा पर अपने कदम आगे बढ़ा रखे हैं और वह ग्रामीणों के साथ सीधा संवाद कर उनसे उनकी मुश्किलों की थाह ले रहे हैं। कल्पेश्वर धाम के उर्गम घाटी पहुंचे कलमवीर को जब ग्रामीणों ने सड़क की समस्या से उन्हें रूबरू कराया तो कलमवीर ने भी मोबाइल निकालकर सीधे अधिशासी अभिंयता से ग्रामीणों की पीडा सुनाई और अभियंता ने जब गोलमोल जवाब दिया तो कलमवीर ने भी उन्हें आईना दिखाने मे कोई कसर नहीं छोड़ी?
पत्रकार नवल खाली की बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र में चल रही जन संवाद यात्रा के खूब चर्चे हो रहे हैं। आपको बता दें कि इन दिनों जन संवाद यात्रा के तहत पत्रकार नवल खाली जब प्रसिद्ध कल्पेश्वर धाम के उर्गम घाटी पहुंचे तो ग्रामीणों में संवाद के दौरान इस घाटी की सबसे बड़ी सड़क की समस्या सामने आई। जिसके बाद पत्रकार नवल खाली ने तुरंत ही पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता पीआर चमोली को फोन लाइन पर लिया और ग्रामीणों से बातचीत कराई । जिसके बाद अधिकारी द्वारा दिए गए गोलमोल जवाब के चलते ग्रामीणों ने अधिकारी की जमकर क्लास लगाई। जिसकी वीडियो तेजी से वायरल भी हो रही है। आपको बता दें कि हेलंग से उर्गम तक पीएमजीएसवाई के तहत बन रही इस सड़क की कहानी ही अलग है। यहां प्रथम चरण में 14 करोड़ खर्च हो चुके हैं और फिर से 14 करोड़ खर्च हो रहे हैं बाबजूद इसके सड़क के हालत बहुत ही खराब हैं जिससे ग्रामीणों को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गर्भवती महिलाओं को इस रास्ते पर हिचकोले खाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोशीमठ पहुंचना पड़ता है।
आपको बता दें कि प्रकृति ने इस कल्प घाटी को बहुत ही खूबसूरत बनाया है इसी वजह से पर्यटक भी यहां आना चाहता है वहीं सिद्धपीठ कल्पेश्वर महादेव के दर्शनों के लिए भी यात्री यहां आना चाहता है पर सड़क मार्ग की बत्तर स्थिति की वजह से कई यात्री वापस लौट जाते हैं। इस सड़क मार्ग का समरेखण ही इतना गलत है कि कई बार वाहन चढ़ाई पर चढ़ते हुए वापस रपटने लगते हैं। पत्रकार नवल खाली ने कहा कि करोड़ो रुपए खर्च होने के बाद भी सड़क के हालत ठीक न होना किसी भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करता है जिसकी जांच की जानी चाहिए कि आखिर करोड़ो रुपए खर्च होने के बाद भी सड़क मार्ग ठीक क्यों नही हो पाया।

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