देहरादून(संवाददाता)। गहन प्रशिक्षण के उपरांत पास आउट होने वाले सभी मुख्य आरक्षियों को बधाई देते हुए डीजीपी ने कहा कि मैं आप सभी का उत्तराखण्ड पुलिस परिवार में स्वागत करता हूं और कामना करता हूं कि आने वाले 3० वर्षों से भी अधिक की जो आपकी सेवा होगी उसमें पुलिस ही नहीं बल्कि एक अच्छे राज्य के निर्माण में भी आप एक सक्रिय भूमिका बनायेंगे। तकनीक के इस युग में पुलिस को आधुनिक एवं तकनीकी रूप से दक्ष होना आवश्यक हो गया है । हम तेजी से मार्डनाईजेशन की ओर बढ रहे हैं तथा पुलिस को स्मार्ट बनाने की दिशा में प्रदत्त गाइड लाईन के तहत कार्य कर रहे हैं। मेरा विश्वास है कि इस आधारभूत प्रशिक्षण के बाद आप सभी नवनियुक्त मुख्य आरक्षी पुलिस दूरसंचार पुलिस विभाग में उन तकनीको से रूबरू होगें एवं एक नये स्तर पर इस विभाग की छवि को ले जायेगें।
डीजीपी अभिनव कुमार ने अपने सम्बोधन मे कहा कि आज की इस दीक्षान्त परेड में 162 पुरूष एवं 69 महिला प्रशिक्षु सम्मिलित हैं। ये बहुत गर्व की बात है कि हमारे प्रदेश की बेटियां नए-नए क्षेत्रों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। आज भी अधिकांश विषयों में महिलाओं ने ज्यादा सफलता अर्जित की है। इसके लिए मैं विशेष रूप से सभी महिला प्रशिक्षुओं व उनके परिवारजनों को बधाई देता हूं। डीजीपी द्वारा प्रशिक्षण में सर्वांग सर्वोत्तम एवं अन्त: कक्ष में प्रथम स्थान आने पर सुश्री प्रियंका चमोली एवं बाह्य कक्ष में प्रथम आने पर मनीषा और हिमानी जोशी को सम्मानित किया गया। आज पुलिस लाईन, देहरादून में प्रशिक्षु मुख्य आरक्षी (पुलिस दूरसंचार) 231 (162 पुरूष एवं 69 महिला) के ०9 माह के आधारभूत प्रशिक्षण के पश्चात दिक्षान्त परेड का आयोजन किया गया। दीक्षान्त परेड में मुख्य अतिथि के रूप में श्री अभिनव कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड महोदय ने दीक्षान्त परेड का मान-प्रणाम ग्रहण कर परेड का निरीक्षण किया।
मुख्य आरक्षी (पुलिस दूरसंचार) का ०9 माह का गहन प्रशिक्षण 21 अगस्त 2०23 से आर०टी०सी०, पुलिस लाईन, देहरादून में प्रारम्भ हुआ एवं दिनांक 27 मई 2०24 को सम्पन्न हुआ। इस प्रशिक्षण में अन्त: कक्ष और बाह्य कक्ष में नियुक्त समस्त प्रशिक्षकों द्वारा निष्ठा, दृढ इच्छाशक्ति एवं लगन से प्रदान किया गया। ०9 माह के कठिन एवं गहन प्रशिक्षण में उक्त मुख्य आरक्षी, पुलिस दूरसंचार को रेडियो परिचालन से सम्बन्धित विभिन्न आन्तरिक विषयों का गहन अध्ययन कराया गया, इसके अतरिक्त इस युग में पुलिस को आधुनिक एवं तकनीकी रूप से दक्ष करने हेतु अद्यतन तकनीकों, ड्रोन, सर्विलान्स, साईबर अपराध, डिजीटल फारेन्सिक इत्यादि का भी प्रशिक्षण दिया गया । साथ ही एसडीआरएफ द्वारा बेसिक आपदा प्रबन्धन कोर्स, अग्निशमन एवं दंगा प्रबन्धन से सम्बन्धित प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है ।
ये भी उल्लेखनीय है कि आज जो हमारे साथी पास आउट हो रहे हैं इसमें मात्र 5० इन्टरमीडिएट, 133 ग्रेजुएट 48 पोस्ट ग्रेजुएट हैं, जो दर्शाता है कि हमारे विभाग में आरक्षी एवं मुख्य आरक्षी का शिक्षा का स्तर भी बढ़ा है। इससे आप निश्चित रूप से बेहतर सेवा देने में सफल होंगे और समाज व विभाग को इसका लाभ मिलेगा। इस दीक्षान्त परेड में हमारे प्रदेश के सभी जनपद सम्मिलित हैं। हर जनपद से प्रशिक्षु आये हैं। आप ऐसे समय पर आ रहे है जब 1 जुलाई से हमें तीन नए आपराधिक कानून लागू करने हैं। साथ ही साथ जितनी तेजी से टेक्नोलोजी बदल रही है और खासतौर पर एआई का युग आ रहा है तो मुझे लगता है कि इन तकनीकों को पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली में शामिल करने में दूरसंचार की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। तो मैं आशा करता हूं कि आप सभी इस नई दिशा में अपना सक्रिय योगदान देंगे। वर्तमान में प्रचलित चारधाम यात्रा को सफल आयोजित कराने में भी आप अपना पूरे मनोयोग से योगदान देंगे। इसके अतरिक्त दीक्षान्त परेड में उच्च कोटि के प्रदर्शन के पश्चात आगामी ०9 नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस पर होने वाली रैतिक परेड में भी इन नवनियुक्त मुख्य आरक्षी पुलिस दूरसंचार के एक दस्ते को सम्मिलित किया जाये। दीक्षान्त समारोह के अवसर पर पुलिस उपमहानिरीक्षक पुलिस दूरसंचार द्वारा प्रशिक्षण सम्बन्धी आख्या प्रस्तुत की गयी।