धामी राज मे तेज हुआ ‘ऑपरेशन भ्रष्टाचारीÓ

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड मे तेइस सालों से भ्रष्टाचार को खत्म करने का भौपू तो राज्य के कई पूर्व मुख्यमंत्री बजाते चले गये लेकिन उनके शासनकाल मे कभी भी भ्रष्टाचार पर प्रहार नहीं हो पाया और उसी के चलते भ्रष्टाचारियों के हौसले इतने बुलंद होते चले गये कि वह भ्रष्टाचार करने से डरने का नाम भी नहीं ले रहे थे? पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र राज मे भी खूब भ्रष्टाचार देखने को मिला लेकिन भ्रष्टाचारियों पर नकेल लगाना असम्भव ही दिखाई देता रहा? वहीं जबसे मुख्यमंत्री की कमान युवा राजनेता ने संभाली है तो उन्होंने भ्रष्टाचार पर प्रहार करने का खुला ऐलान कर दिया और साफ संदेश दिया कि भ्रष्टाचारी चाहे कोई छोटा हो या बडा किसी को भी बक्शा नहीं जायेगा। मुख्यमंत्री के कार्यकाल मे जिस तेजी के साथ ‘ऑपरेशन भ्रष्टाचारीÓ शुरू किया गया है उसके बाद से भ्रष्टाचारियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने का जो सिलसिला शुरू किया गया था वह थमने का नाम नहीं ले रहा है। उत्तराखण्ड के कुछ विभागों मे तैनात भ्रष्टाचारियों ने चालाकी के साथ भ्रष्टाचार करने का पैमाना बनाया लेकिन यह सारे भ्रष्टाचारी अपनी चालाकी के चलते बच नहीं पाये और वह एक के बाद एक सलाखों के पीछे पहुंच रहे हैं। वहीं विजिलेंस ने लघु सिचंाई विभाग खण्ड नैनीताल के अधिशासी अभियन्ता को पचास हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए दबोच लिया। मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा है कि उत्तराखण्ड मे अगर किसी भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी ने भ्रष्टाचार करने का दुसाहस किया तो उसे बक्शा नहंी जायेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने की दिशा मे लम्बे समय से संकल्प लिये हुये हैं और उन्होंने विजिलेंस के आला अफसरो ंको साफ संदेश दे रखा है कि भ्रष्टाचारियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जाये इसी के चलते विजिलेंस एक के बाद एक कई भ्रष्टाचारियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है। वहीं विजिलेंस ने लघु सिंचाई विभाग खण्ड नैनीताल के अधिशासी अभियन्ता कृष्ण सिंह कन्याल को पचास हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। मिली जानकारी के अनुसार डी श्रेणी के ठेकेदार ने बीस मई को सेक्टर हल्द्वानी नैनीताल सर्तकता अधिष्ठान को शिकायती पत्र दिया था जिसमे कहा गया था कि उसके द्वारा विकास खण्ड कोटाबाग के ग्राम सेलसिया मे लघु सिंचाई खण्ड नैनीताल की योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2०23-24 में लगभग साढे चार सौ मीटर के दस लाख रूपये लागत के गूल के निर्माण का ठेका लिया था। निर्माण कार्य पूर्ण होने पर भुगतान करने के एवज मे कृष्ण सिंह कन्याल ने भुगतान की जाने वाली आठ लाख की राशि पर बीस प्रतिशत के रूप मे एक लाख साठ हजार रूपये रिश्वत की मांग की थी और उसके बाद विजिलेंस टीम ने कृष्ण सिंह कन्याल को सीजन रिजॉर्ट कालाढूंगी परिसर से पचास हजार रूपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था।
अधिशासी अभियन्ता की गिरफ्तारी के बाद यह बात और साफ हो गई कि उत्तराखण्ड के अन्दर पुष्कर राज मे जिसने भी भ्रष्टाचार करने का ख्वाब देखा उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल मे लाई जायेगी और 2०25 तक उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बनाने का जो संकल्प मुख्यमंत्री ने लिया है वह धरातल पर जरूर नजर आयेगा।

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