धामी की गारंटी के रस मे डूबा उत्तराखण्ड

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड मे एक सैनिक पुत्र राजनीति मे इतना बडा सितारा बन जायेगा कि हर तरफ उनके नाम के चर्चे होने लगेंगे यह शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। मुख्यमंत्री ने तेइस सालों से राज्य मे पनपते आ रहे लव जिहाद और लैंड जिहाद पर जब दिलेरी के साथ आक्रमण किया तो उसके बाद राज्य के अन्दर लव और लैंड जिहाद का शोर ऐसे खामोश हो गया मानो राज्य मे यह समस्या कभी थी ही नहीं? मुख्यमंत्री ने आवाम को संदेश दिया था कि वह जो वायदे करंेगे उसे पूरा करने तक वह शांत नहीं बैठेंगे और यही कारण है कि युवा मुख्यमंत्री अपने वचन को निभाकर जिस तरह से आवाम के दिलों मे राज करने लगे हैं उसी का परिणाम है कि उत्तराखण्ड के चप्पे-चप्पे पर धामी को धाकड़ धामी का नाम दे दिया गया। मुख्यमंत्री हर संकटकाल मे उत्तराखण्डवासियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जिस तरह से खडे होते हुए आये हैं उसके चलते उत्तराखण्डवासियों को मुख्यमंत्री की गारंटी एक नया आभास करा रही है कि मुख्यमंत्री ने आवाम को जो गारंटी दे रखी है उस पर वह रात-दिन काम कर रहे हैं और उसी के चलते उत्तराखण्ड आदर्श राज्य बनने की श्रेणी मे तेजी के साथ आगे बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री का अब तक का शानदार कार्यकाल आवाम को आभास करा चुका है कि उनका युवा मुख्यमंत्री सत्ता चलाने की कला मे उसी तरह से अव्वल आ रहे हैं जैसे दस साल तक देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सत्ता देखकर देशवासी उन्हें राजनीति का एक नया अवतार मान रहे हैं।
उत्तराखण्ड का इतिहास गवाह है कि राज्य के अधिकांश पूर्व मुख्यमंत्रियों ने राज्यवासियों से जो वायदे विधानसभा चुनाव के दौरान किये थे उसे धरातल पर उतारने के लिए उन्होंने चुनिंदा काम किया और उसी का परिणाम रहा कि राज्य की जनता हर पांच साल बाद विधानसभा चुनाव मे सत्ता पलटने मे ही विश्वास रखती रही। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ऐसे मुख्यमंत्री दिखे जिन्होंने मात्र छह माह मे राज्य की जनता की उम्मीदों को ऐसे पंख लगाये थे कि राज्य की जनता उन्हें पांच साल और मुख्यमंत्री का कार्यकाल देने के लिए आगे बढ़ी और तेइस सालों से सत्ता परिवर्तन के चले आ रहे मिथक को मुख्यमंत्री ने एक झटके मे तोड दिया और वह अपने सवा दो साल के कार्यकाल मे राज्य की जनता के साथ किये गये वायदों को पूरा करने की दिशा मे जिस तेजी के साथ आगे बढ़ते चले गये उससे आवाम के मन मे मुख्यमंत्री को लेकर जो विश्वास बना है उसी का परिणाम है कि आज उत्तराखण्ड मे हर तरफ आवाम को धामी की गारंटी रास आ रही है। मुख्यमंत्री ने आवाम का रक्षक बनने के लिए जो सिलसिला शुरू कर रखा है उसके चलते वह आज उत्तराखण्ड मे जन-जन के राजनेता बन गये हैं।
उत्तराखण्ड मे जब पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद खण्डूरी सत्ता मे थे तो हर तरफ एक ही शोर मचता था कि खण्डूरी हैं जरूरी। हालांकि वह कडक शासक के रूप मे आवाम को दिखाई देते रहे और आवाम के बीच जाने से उन्हेांने हमेशा गुरेज किया जिसके चलते वह आवाम के दिलों पर राज तो नहीं कर पाये लेकिन सरकार और शासन को उन्होंने सख्त अंदाज मे चलाने का जरूर हौसला दिखाया था। उत्तराखण्ड की कमान जबसे युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथो मे आई है तो उन्होंने एक मंझे हुये राजनेता की तरह सत्ता चलाने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाये वहीं उन्हांेने विधानसभा चुनाव मे आवाम से जो वायदे किये थे उसे पूरा करने की दिशा मे वह हर दिन आगे बढ़ते चले गये और उसी को देखकर आवाम को मुख्यमंत्री की सत्ता पर अभेद भरोसा होता चला गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ऐसे राजनेता बन गये जिन्होंने राज्य मे आई किसी भी खतरनाक से खतरनाक आपदा मे अपने आपको पिछले पायदान पर खडा नहीं किया और वह हर आपदा मे खुद मोर्चा संभालते हुए नजर आये जिसके चलते आवाम को मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर भरोसा होता चला गया कि वह उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बनाने के लिए उस पथ पर आगे बढ़ चुके हैं जहां तेइस साल से शायद कोई भी पूर्व मुख्यमंत्री आगे नहीं बढ़ा था?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्डवासियों से चुनाव मे जो वायदे किये उन्हें पूरा करने के लिए वह दिन-रात एक करते चले गये और आवाम के सामने आये हर संकटकाल मे पुष्कर सिंह धामी उनके संकटमोचन बनकर उनके सामने खडे रहे। उत्तराखण्ड मे बारिश मे आई आपदा हो या बरसात मे राज्य के अन्दर आई बाढ़ हो सबमे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आगे खडे़ नजर आये। मुख्यमंत्री ने जनसेवक के रूप मे जिस तरह से अपने आपको आगे किया हुआ है उससे राज्य की जनता उन पर तो अभेद भरोसा करने लगी है लेकिन राज्य के कुछ माननीय ऐसे हैं जो राज्य पर आये संकट के दौरान मौके पर खुद मोर्चा संभालने के लिए कभी अगली पक्ति मे खडे़ नहीं रहे और उसी के चलते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हमेशा हर संकटकाल मे खुद मोर्चा संभालते हुए राज्य की जनता देखती आ रही है। मौजूदा दौर मे जिस तरह से राज्य के जंगलों मे आग धधक रही है और विपक्ष सरकार पर इस आग को लेकर उसे कटघरे मे खडा कर रहा है तो उस दौर मे भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद अगली पक्ति मे खडे होकर मोर्चा संभाले हुये हैं। उत्तराखण्डवासियों को अब यह आभास हो रहा है कि मुख्यमंत्री की गारंटी ही उनके सपनों को पूरा करेगी।

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