आग की तपिश मे खुद जलेंगे अराजकतत्व

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धामी ने जंगलों में लगी आग बुझाने को झोंकी ताकत
दिन-रात जंगलों की आग पर काबू पाने को पुष्कर संभाल रहे मोर्चा
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। दस मई से चारधाम यात्रा का आगाज हो रहा है और जिस तेजी के साथ राज्य के जंगलों मे आग लग रखी है और जंगल धधक रहे हैं उसने मुख्यमंत्री को बडी चिंता मे डाल रखा है। मुख्यमंत्री ने आग पर जल्द से जल्द काबू पाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और उन्होंने मुख्य सचिव से लेकर डीजीपी को टास्क दिया हुआ है कि यात्रा मार्ग के आसपास के जंगलो मे लगी आग पर काबू पाकर उसे शांत किया जाये जिससे चारधाम यात्रा मे आने वाले श्रद्धालुआंे को इस आग की तपिश मे न झुलसना पडे़। मुख्यमंत्री ने आग पर काबू पाने के लिए दिन-रात खुद मोर्चा संभाल रखा है और वायुसेना से लेकर एनडीआरएफ को आग बुझाने के लिए आगे कर दिया है तो वहीं उन्होंने जंगलो मे आग लगाने वाले अराजकतत्वों को भी खुली चुनौती दी है कि उनके खिलाफ इतनी कठोर कार्यवाही की जायेगी कि उन्हें पछतावा होगा कि उन्होंने जंगलों मे आग क्यों लगाई थी? मुख्यमंत्री जिस शैली मे आगजनी करने वालों पर क्रोधित दिखाई दे रहे हैं उसे देखकर साफ नजर आ रहा है कि जंगलों मे लगी आग की तपिश मे आने वाले दिनों मे खुद भी अराजकतत्व जलते हुए नजर आयेंगे?
मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बनाने के लिए एक लम्बी रणनीति के तहत वर्षों से काम कर रहे हैं और राज्य के जंगलों को सुरक्षित रखने के लिए वह अकसर वन विभाग के अफसरों को अलर्ट रहने के आदेश देते आ रहे हैं जिससे कि कोई भी अराजकतत्व जंगलों मे कीमती धरोहर को नष्ट न कर पाये। मुख्यमंत्री की बार-बार चेतावनी के बावजूद भी शायद वन विभाग के काफी अफसरों की नींद नहीं खुल पायी और उसी के चलते काफी अराजकतत्व जंगलों मे आग लगाने मे कामयाब हो गये जिससे वन विभाग के अफसरों की सजग रहने की पोल राज्यभर मे खुलकर सामने आ गई है? उत्तराखण्ड के काफी जंगलों मे जिस तरह से तेजी के साथ आग फैलती चली गई उसने राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के माथे पर चिंता की लकीरें इसलिए भी डाल दी कि दस मई से एतिहासिक चारधाम यात्रा का आगाज हो रहा है और इसी बीच राज्य के जंगल आग से खूब धधक रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन दिनों एक साथ कई मोर्चें पर डटे हुये हैं जहां वह देशभर मे भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन मे चुनाव प्रचार करने के लिए आगे आ रखे हैं तो वहीं वह दिल्ली मे डेरा डालकर भाजपा प्रत्याशियों की दिल्ली मे जीत सुनिश्चित करने के लिए डटे हुये हैं। मुख्यमंत्री दिल्ली से ही सरकार चला रहे हैं और उनका जहां राज्य के जंगलो मे लगी आग पर सारा ध्यान केन्द्रित हो रखा है तो वहीं दस मई से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा को सकुशल और सम्पन्न कराने का उन पर बडा जिम्मा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव राधा रतूडी और डीजीपी अभिनव कुमार को मिशन सौंपा है कि वह जंगलो मे लगी आग पर काबू पाने के लिए अपना पूरा ध्यान केन्द्रित करें और चारधाम यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाये जिससे यात्रा मे आने वाले श्रद्धालुओं को आभास हो कि उनके लिए यह यात्रा सुगम रहेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी ने अपना सारी ताकत जंगलो पर लगी आग पर काबू पाने के लिए लगा रखा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि वनाग्नि पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार हर मोर्चे पर कार्य कर रही है। सेना की सहायता लेने के साथ ही अधिकारियों को भी ग्राउण्ड जीरो पर पहुंचकर वनाग्नि पर नियंत्रण पाने के निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री ने सख्त लहजे मे कहा कि जिन अराजकतत्वों ने जंगलों मे आग लगाकर उन्हें नुकसान पहुंचाया है उनके खिलाफ सरकार कठोर कार्यवाही करेगी। मुख्यमंत्री ने जिस तरह से जंगलों मे आग लगाने वालों को खुला अल्टीमेटम दिया है उसे देखकर साफ नजर आ रहा है कि आग की तपिश मे वे अराजकतत्व भी खुद जलेंगे जिन्होंने सरकार की धरोहर को नष्ट करने का तांडव किया है।

जंगल मे आग लगाने वाले चार चेहरे बेनकाब
मुख्यमंत्री ने वनाग्नि घटनाओं पर जैसे ही सख्ती का संदेश दिया तो उसके बाद गंगोली हाट रेंज के वन पंचायत मे आग लगाने की घटना सामने आने पर सरपंच जाखनि उप्रेती व भंडारीगाव द्वारा पुलिस को सूचना दी गयी कि पीयूष सिंह उम्र, आयुष सिंह, राहुल सिंह, अंकित ने आग लगाई है तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया।

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