हंसमुख सेवा सिंह मठारू पंचतत्व में विलीन

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देहरादून(नगर संवाददाता)। गुरूद्वारा सिंह सभा आढ़त बाजार, राम गडिया सभा सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े हुए वरिष्ठ खेल पत्रकार एवं उत्तरांचल प्रेस क्लब के वरिष्ठ सदस्य सेवा सिंह मठारू का आज सुबह आकस्मिक निधन हो गया और वह अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गये है। वह लंबे समय से बीमार चल रहे है। उनकी अंतिम यात्रा सांय पांच बजे आरंभ हुई और लक्खीबाग शमशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया और वह पंचतत्व में विलीन हो गये।
यहां गुरूद्वारा सिंह सभा आढ़त बाजार, राम गडिया सभा सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े हुए वरिष्ठ खेल पत्रकार सेवा सिंह मठारू का आज सुबह आकस्मिक निधन हो गया और एक हंसमुख व्यक्तित्व थे और जैसा उनका नाम था वैसा ही काम भी था और खेल जगत ने खेलों के प्रति समर्पित एक खेल पत्रकार खो दिया है। इस दौरान उनके निधन की सूचना मिलने पर राजनैतिक दलों, गुरूद्वारा सिंह सभा, राम गडिया सभा, सिख वैलफेयर सोसाईटी, पत्रकार, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उनके आवास पर पहुंचने शुरू हो गये। सेवा सिंह मठारू के निधन से चारों ओर शोक की लहर फैल गई। इस अवसर पर सभी उपस्थित लोगों ने शोकाकुल परिवार को सांत्वना दी और दु:ख को सहने के लिए ढांढस बंधाया। इस अवसर पर सभी ने स्वर्गीय सेवा सिंह मठारू की आत्मा को शांति प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है कि वह उन्हें अपने चरणों में ले। सर्वे ऑफ इंडिया से सेवानिवृत्त होने के बाद स्वर्गीय सेवा सिंह मठारू ने खेल पत्रकार के रूप में जनभारत मेल समाचार पत्र एवं अन्य पोर्टलों में अपनी सेवायें थी और सभी लोग उनकी लेखनी के कायल थे और उन्होंने समाज सेवा के क्षेत्र में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई थी और वह सभी लोगों की मदद करने के लिए हरसमय तत्पर रहते थे। स्वर्गीय सेवा सिंह मठारू के खेल पत्रकारिता के क्षेत्र में एवं सामाजिक क्षेत्र में उनके द्वारा किये गये सराहनीय कार्यों को हमेशा याद रखा जायेगा।
इस अवसर पर गुरू सिंह सभा के प्रधान गुरूबख्श सिंह ने स्वर्गीय सेवा सिंह मठारू के निधन से अपूरणीय क्षति हुई है और उनकी भरपाई नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि एक मिलनसार व्यक्ति एवं समाज को सही दिशा देने और सामाजिक कार्यों में हर समय अग्रिम पंक्ति में रहते थे और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में वह सदैव सबसे आगे रहते थे और जैसा उनका नाम था और काम भी वैसा ही करते थे और सभी कार्य सेवाभाव से ही वह किया करते थे। उन्होंने ईश्वर से उन्हें अपने चरणों में लेने के लिए भी प्रार्थना की। इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक संगठनों, गुरूद्वारों के पदाधिकारी, राजनैतिक दलों से जुडे हुए लोग, पत्रकार, आंदोलनकारी आदि बड़ी संख्या में उनकी अंतिम यात्रा में शामिल रहे।

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