भ्रष्टाचार जांच की पत्रावलियां गायब

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विकासनगर(संवाददाता)। जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि वर्षों पहले पिटकुल अधिकारी अनिल कुमार (वर्तमान में एमडी यूपीसीएल) एवं अधिकारियों तथा मैसर्स ईशान इंटरप्राइजेज, ठेकेदारों के समूह की जुगलबंदी ने टेंडर पुलिंग कर निम्नतम स्तर के करोड़ों रुपए के ट्रांसफार्मर खरीद कर सरकार को कई करोड़ रुपए की चपत लगाई, जिसको लेकर जांच कमेटी का गठन किया गया।
यहां पत्रकारों से वार्ता करते हुए नेगी ने कहा है कि उक्त घोटाले, जलसाजी के मामले में पिटकुल अध्यक्ष राधा रतूड़ी द्वारा 28 जून 2०23 को सचिव, ऊर्जा को रिपोर्ट प्रेषित की गई, जिसमें उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की गई तथा इसी क्रम में पिटकुल के वर्तमान प्रबंध निदेशक पी सी ध्यानी द्वारा भी शासन को बहुत गंभीर रिपोर्ट 22 जनवरी 23 को प्रेषित की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि उक्त घोटाले की जांच को लेकर मोर्चा द्वारा मुख्यमंत्री एवं राजभवन से कार्रवाई का आग्रह किया गया था, जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 24 दिसम्बर 23 को सचिव, गृह को कार्रवाई के निर्देश दिए तथा इसी क्रम में राजभवन द्वारा 15 जनवरी 24 को सचिव, ऊर्जा को कार्रवाई के निर्देश दिए, लेकिन दोनों पत्र, जिसमें जांच के निर्देश थे। उन्होंने कहा कि वो दोनों पत्र रास्ते में ही गायब कर दिए गए। इस अवसर पर नेगी ने कहा कि उक्त टेंडर घोटाले के मामले में पिटकुल प्रबंधन द्वारा 21 जनवरी 2०23 को संस्थाओं, ठेकेदारों से संबंधित आठ व्यक्तियों के खिलाफ थाना पटेल नगर में मुकदमा दर्ज कराया, लेकिन आज तक कार्रवाई के नाम पर सब शून्य है। उन्होंने कहा कि उक्त घोटाले के मामले में एकल मध्यस्थ सेवानिवृत्ति मुख्य न्यायाधीश विजय कुमार बिष्ट द्वारा 27 अप्रैल ध्23 एवं जयसिंह, अपर जनपद न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) द्वारा भी उक्त मामले में कठोर टिप्पणी की गई है। इस अवसर पर नेगी ने कहा कि इतने गंभीर प्रकरण से संबंधित पत्रावलियां रास्ते में ही गुम होना सरकार व शासन की बहुत बड़ी असफलता है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कोई बहुत बड़ा नेक्सस काम कर रहा है। इस अवसर पर पत्रकार वार्ता में मोर्चा के महासचिव आकाश पंवार व भीम सिंह बिष्ट मौजूद थे।

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