देहरादून(संवाददाता)। संयुक्त नागरिक संगठन,दून रेजिडेंट वेलफेयर फ्रंट, गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर संगठन आदि संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने गांधी पार्क में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर शहीद भगतसिंह के चित्र पर गणमान्य नागरिको द्वारा पुष्पांजलि अर्पित कर दो मिनट मौन रखते हुए सामूहिक श्रद्धांजलि दी गई।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह ने देश के युवाओं को आजादी के संघर्ष में सहयोग देने का आह्वान करते हुए अंग्रजी की गुलामी और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और वे सभी के लिए आदर्श बन गए। इस अवसर पर वक्ताओं का कथन था कि भगतसिंह के यह जज्बात आज भी वरिष्ठ नागरिको के दिलो को झकझोर देते है कि सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजू में कातिल में है।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि यह क्रान्तिकारी शब्द आज भी हमारे युवाओं को अन्याय, भ्रष्टाचार, अनैतिकता के खिलाफ संघर्ष करने की प्रेरणा देते है। इस अवसर पर अन्य वकताओं का कहना था कि भगत सिंह का कहना था कि जिंदगी तो अपने दम पर ही दी जाती है, दूसरे के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते है, का मकसद यह था कि हमें अपने आप पर ही भरोसा होना जरूरी है तभी हम अंग्रेजों को देश से बाहर निकाल सकते हैं।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह का यह कहना अंग्रेज मुझे मार सकते हैं पर मेरे विचारों को नहीं, शरीर को कुचल सकते हैं पर आत्मा को नहीं का मकसद यह था की क्रांति की ज्वाला को बुझाया नहीं जा सकता भले ही मौत आ जाए। मर कर भी मेरे दिल से वतन की उल्फत नहीं निकलेगी मेरी मिट्टी से भी मेरे वतन की खुशबू आएगी।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि शहीद के कथन को आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बताया गया। इस अवसर पर श्रद्धांजलि देने वालों में सेनि कर्नल बी एम थापा, सेनि लेफ्टिनेंट कर्नल बी डी गंभीर,गोवर्धन प्रसाद शर्मा, उपेंद्र बिजलवाण, शक्ति प्रसाद डिमरी, आर आर पैन्यूली, दिनेश भंडारी, जगमोहन मेहंदीरत्ता, पीसी खंतवाल, आईपीएस रावत, पी के सैनी, यशवीर सिंह, अवधेश शर्मा, बी एस नेगी, एस पी चौहान, वीरेंद्र कुमार, ठाकुर शेर सिंह, विशंभर नाथ बजाज, पी सी नागियां,जगदीश बावला, अनिल कुमार, जे के डंडोना, दीपचंद शर्मा मुकेश नारायण शर्मा, रमेश दत्त रतूड़ी, अशोक कुमार शर्मा, ताराचंद गुप्ता, किरोड़ी लाल गुप्ता, विजय कैंथुरा, देवेंद्रपाल सिंह मोंटी, नंदकिशोर त्रिपाठी, प्रदीप कुकरेती, अशोक कुमार, मनोज ध्यानी, शशांक गुप्ता, आरके अग्रवाल, विनोद नौटियाल, नवीन सडाना, विजय पाहवा, सुशील त्यागी, डॉक्टर एस एस खेरा, आर एस धुनता आदि शामिल थे।