हरिद्वार सीट पर कांग्रेस में हरदा-हरक में ही होगा प्रत्याशी!
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है और भाजपा ने अपने पांचो उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करने के बाद अपना प्रचार-प्रसार तेज कर दिया है। उत्तराखण्ड में पांचो लोकसभा सीटों को जीतने के लिए भाजपा ने एक साथ बैठकर चुनाव लड़ने की रूपरेखा खींच ली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दस साल के कार्यकाल को उत्तराखण्ड के हर धर तक पहुंचाने के लिए पार्टी नेताओं और संगठन कार्यकर्ताओं को मूलमंत्र दे चुके हैं। भाजपा का चुनावी रण संभालने के लिए मुख्यमंत्री आगे आ गये हैं लेकिन कांग्रेस में हरिद्वार और नैनीताल सीट पर पार्टी प्रत्याशित धोषित न होने से पार्टी कार्यकर्ताओं में एक बेचैनी का दौर चल रहा है? राजनीतिक गलियारांे में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि हरिद्वार सीट पर कांग्रेस में हरदा और हरक के बीच किसे प्रत्याशी बनाया जाये इसको लेकर पार्टी में अभी तक सुई अटकी हुई है? चर्चाएं यहां तक हैं कि हरिद्वार सीट पर प्रत्याशी धोषित होने के बाद हरक अपना अगला राजनीतिक कदम उठाने के लिए आगे आ सकते हैं और चर्चा है कि आज शाम तक कांग्रेस नैनीताल और हरिद्वार सीट पर अपने प्रत्याशियांे की सूची जारी कर सकती है?
उत्तराखण्ड में लोकसभा की पांचो सीटों पर चुनाव लडने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी एक बडे जोश के साथ चुनावी रणभूमि में पार्टी नेताओं और संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ उतर आये हैं। मुख्यमंत्री अपनी टीम के साथ लोकसभा की पांचो सीटों पर दमदार तरीके से चुनाव लडने का खाका तैयार कर रहे हैं और पार्टी नेताओं व संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं को संदेश दिया गया है कि वह नरेन्द्र मोदी के दस साल के प्रधानमंत्री कार्यकाल की विकास योजनाओं को धर-धर तक पहुंचाये और आवाम को संदेश दे कि उत्तराखण्ड में डबल इंजन सरकार उनके सपनों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कह चुके हैं कि आवाम नरेन्द्र मोदी के विकास कार्यों को देखते हुए उत्तराखण्ड की पांचो लोकसभा सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों को जीत दिलायेगा।
वहीं मुख्य विपक्षी राजनीतिक दल कांग्रेस का कुनबा चुनाव से पूर्व जिस तेजी के साथ बिखरता हुआ नजर आ रहा है उसको देखते हुए कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के मन मंे काफी दर्द दिखाई दे रहा है कि आखिरकार पार्टी के बडे नेता अपने नेताओं को संभाल पाने में आखिर क्यों नाकाम हो रहे हैं जिसके चलते पार्टी का एक विधायक और चंद पूर्व विधायक कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये? लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और चुनाव को निष्पक्ष कराने के लिए चुनाव आयोग और सभी जिलों के डीएम व पुलिस कप्तानों ने अपना एक्शन प्लान तैयार कर रखा है और हर जनपद के गली-मौहल्लों में संदेश दिया जा रहा है कि निष्पक्ष चुनाव कराना उनका कर्तव्य है और अगर किसी भी व्यक्ति को मतदान करने से रोकने का कोई इरादा दिखाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। भाजपा ने जहां मजबूती के साथ चुनाव लडने के लिए अपना खाका तैयार कर लिया है वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता एक साथ खडे हुये नजर नहीं आ रहे हैं जिससे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में एक अजीब बेचैनी देखने को मिल रही है?
वहीं हरिद्वार लोकसभा सीट पर कांग्रेस की सुई मुख्यतौर पर हरीश रावत और हरक सिंह रावत पर टिक गई है। हालांकि वैसे तो हरीश रावत हरिद्वार सीट पर अपने पुत्र विरेन्द्र रावत को चुनाव लडने के लिए उनका नाम आगे किये हुये हैं लेकिन वहीं हरक सिंह रावत भी वहां से चुनाव लडने के लिए अपनी ताल ठोके हुये हैं? चर्चा है कि हरिद्वार लोकसभा सीट पर बदले चुनावी समीकरण के बाद कांग्रेस एक बार फिर पुराने अनुभवी चेहरे पर दाव लगाने की रणनीति पर काम कर रही है? चर्चाएं यहां तक हैं कि हरीश रावत और हरक सिंह रावत में से किसे हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनावी मैदान मंे उतारा जाये उसको लेकर कांग्रेस हाईकमान मंथन और चिंतन में लगा हुआ है। हालांकि कांग्रेस ने हरक सिंह रावत को उडीसा का ऑब्जर्वर बनाकर हरीश रावत का रास्ता साफ करने के संकेत दिये थे लेकिन एक बार फिर हरक सिंह रावत ने हरिद्वार में उन्हें मिल रहे ‘बाहरी’ समर्थन का हवाला देते हुए टिकट की जंग जारी रखी हुई है? हरिद्वार मंे कांग्रेस हरीश व हरक में से किसको चुनेगी इसका फैसला आज शाम तक हो सकता है?
अब देखने वाली बात है कि भाजपा का चुनावी रण संभालने के लिए आगे आये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आगे आ चुके हैं लेकिन कांग्रेस मंे पांचो लोकसभा सीटों को जीताने के लिए कांग्रेस का कौन राजनेता कमान संभालेगा यह अभी भी एक पहेली बना हुआ है?