पुष्कर ही करेंगे करिश्मा!

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भाजपा प्रत्याशियों के सारथी बनेंगे सीएम
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड का इतिहास गवाह है कि राज्य की सत्ता संभालने के बाद अधिकांश पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अहंकार की राजनीति की और वह आवाम को अपना गुलाम मानकर उन्हंे अपने इशारों पर नचाने का हमेशा प्रपंच रचते थे? आवाम के वोटो से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन होने वाले अधिकांश पूर्व मुख्यमंत्रियों ने सत्ता संभालने के बाद आवाम को अपनी सत्ता की खूूब हनक दिखाई और उन्हें यह बताया कि वह राज्य के सरताज हैं। चंद पूर्व मुख्यमंत्रियो ने अहंकार की राजनीति करते हुए उत्तराखण्ड के विकास को उस गड्ढे में गाढ़ दिया था जहां उसे निकालने वाला कोई दिखाई नहीं दिया और राज्य का विकास जाम होता चला गया? उत्तराखण्ड की कमान संभालने वाले मुख्यमंत्री ने अपने अब तक के कार्यकाल मंे एक दिन भी अहंकार की राजनीति नहीं की और उसी का परिणाम है कि आज राज्य की जनता उन्हें एक लम्बे युग तक उत्तराखण्ड का मुख्यमंत्री बने रहने का आशीर्वाद दे रही है। उत्तराखण्ड का विकास जिस गड्ढे़़ मंे धस गया था उसे मुख्यमंत्री ने बाहर निकालकर उसे नई उडान देने का जो जज्बा दिखाया उसी का परिणाम है कि आज राज्य विकास की उस दौड मंे शामिल हो गया है जहां देश के बडे-बडे राज्यों का नाम लिया जाता है। उत्तराखण्ड के अन्दर मुख्यमंत्री एक करिश्माई राजनेता बन गये हैं और लोकसभा में चुनावी रणभूमि में उतरे सभी प्रत्याशियों की जीत का सफर मुख्यमंत्री उनके सारथी बनकर पूरा करेंगे ऐसा विश्वास भाजपा खेमे में दिखाई दे रहा है।
उत्तराखण्ड को तेइस साल बाद एक ऐसा युवा मुख्यमंत्री मिला है जिसने अपने आपको कभी मुख्यमंत्री नहीं माना और वह जनता के बीच सिर्फ जनसेवक के रूप में काम करते हुए दिखाई दे रहे हैं। मुख्यमंत्री की सादगी और उनका सरल स्वभाव देखकर राज्य की जनता उनकी कायल हो रखी है। मुख्यमंत्री एक ऐसे राजनेता हैं जो सबको साथ लेकर चलने में ही विश्वास रखते हैं और यही कारण है कि आज विपक्ष के काफी नेता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की स्वच्छ राजनीति के कायल हो रखे हैं। उत्तराखण्ड की सियासत में मुख्यमंत्री ने जो एक नयापन लाकर आवाम को यह दिखाया है कि सरकार अगर पारदर्शिता से चलाई जाये तो उस राज्य का विकास कोई नहीं रोक पायेगा। उत्तराखण्ड की सियासत में मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने इतनी बडी लकीर खींच दी है कि उसे पार करना उत्तराखण्ड के किसी भी राजनेता के बस मंे नहीं है?
मुख्यमंत्री ने अपनी किचन टीम के साथ मिलकर उत्तराखण्ड को भ्रष्टाचार और घोटालों से आजादी दिलाने की जो दिलेरी दिखाई है उसी का परिणाम है कि आज राज्य की जनता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखण्ड का भाग्य विधाता मान चुकी है और वह हमेशा यह कहने से नहीं चूक रही कि मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड में ऐसे करिश्माई राजनेता हैं जिन पर राज्य की जनता अभेद विश्वास कर रही है। लोकसभा चुनाव का बिगुल बज गया और भाजपा ने अपने पांचो प्रत्याशियों के नामों की धोषणा कर दी लेकिन यह भी साफ है कि सभी प्रत्याशियों की जीत का खाका मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लम्बे समय से ही बना रखा है और उसी के चलते उनके रोड-शो मंे दिखाई देने वाली भीड़ ने यह साफ संदेश दे रखा है कि वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर अभेद विश्वास कर उनके साथ खडी हुई है?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने अब तक के कार्यकाल में अपनी सरकार पर एक भी भ्रष्टाचार और घोटाले का दाग नहीं लगने दिया जिससे उत्तराखण्ड की जनता को विश्वास हो चला है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नरेन्द्र मोदी के भ्रष्टाचारमुक्त भारत के संकल्प को उत्तराखण्ड में शुद्धता के साथ धरातल पर उतारने के विजन पर काम कर रहे हैं। उत्तराखण्ड के अन्दर हर तरफ एक ही आवाज है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जो कभी भी अहंकार की राजनीति नहीं करते और मासूम बच्चों से लेकर बडे-बूढ़ों को वह साथ लेकर चलने में हमेशा विश्वास दिखाते हैं उन्हें अब उत्तराखण्ड की जनता करिश्माई पुष्कर मान चुकी है।

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