मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का साफ कहना है कि जेंडर बजटिंग महिलाओं को मुख्यधारा में लाने का एक ठोस तरीका है। इसमें महिलाओं की जरूरतों की पहचान करके, उनके अनुरूप योजनाएं बनाकर अलग से बजट की व्यवस्था की जाती है। ताकि महिलाओं का सशक्तीकरण हो सके और वे मुख्यधारा से जुड़ सकें। जेंडर बजटिंग महिलाओं को समानता का एहसास भी कराता है। उत्तराखण्ड में वित्तीय वर्ष 2०22-23 में जेंडर बजट में 1377.31 करोड़ का प्रावधान था जिसे पिछले वित्तीय 2०23-24 में बढ़ाकर 1392०.13 करोड़ कर दिया गया था। इस बार धामी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2०24-25 के लिए आम बजट में 14538.०5 करोड़ के जेंडर बजट का प्रावधान किया है। यह धनराशि महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम, रोजगार क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने में व्यय की जाएगी। इसके खर्च और उपयोगिता पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। जेंडर बजट का उपयोग दो तरह की योजनाओं के लिए किया जाएगा। पहली वह योजना जो शत प्रतिशत महिलाओं के लिए बनाई गई है दूसरी वह योजना जिसमें महिलाओं की 3० फीसदी भागेदारी होती है।
दरअसल, धामी सरकार का दो वर्ष का कार्यकाल महिला सशक्तीकरण के लि समर्पित रहा है। राज्य में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 3० प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के साथ ही मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना और पोषण अभियान जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही तीलू रौतेली पुरस्कार योजना व नंदा गौरा योजना के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन धनराशि में भी खासी बढ़ोत्तरी कर चुके हैं। बतादें कि मातृ शक्ति को क्या मिला। वित्तीय वर्ष 2०24-25 में जेंडर बजट में लगभग 14538.०5 करोड़ पांच लाख का प्रावधान। अनुपूरक पोषाहार कार्यक्रम के लिए 274.81 करोड़ का प्रावधान। नारी शक्ति और महिला कल्याण के लिए 574 करोड़ का प्रावधान। नंदा गौरा योजना के लिए 195.०० करोड़। मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के लिए 3०.०० करोड़। मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना के लिए 28.47 करोड़। मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना में 14.88 करोड़। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लिए लगभग 2०.64 करोड़। मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना के लिए 1० करोड़ का प्रावधान। गंगा गाय महिला डेरी विकास योजना के लिए 5 करोड़। महिला उद्यमी प्रोत्साहन योजना के लिए 5 करोड़ पीडि़त महिलाओं की सहायता के लिए 4.33 करोड़। महिलाओं के सशक्तिकरण पर मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी का जिस तरह से लगातार फोकस चल रहा है उससे मातृशक्ति मुख्यमंत्री की कार्यशैली से काफी गद्गद् नजर आ रही हैं।