बच्चों से कराई जा रही भिक्षावृति पर डीजीपी सख्त

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देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड में बच्चों से कराई जा रही भिक्षावृति, बच्चों के साथ होने वाले अपराध को लेकर डीजीपी सख्त रूख में दिखाई दे रहे हैं और उन्होंने सभी जनपदों के पुलिस कप्तानों को अगले माह जनपदों और रेलवेज में ऑपरेशन मुक्ति अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं जिससे बच्चों को अपराध में संलिप्त होने से रोकने व उन्हें शिक्षा में प्रेरित किये जाने के लिए आगे लाया जा सके जिससे उनके भविष्य को एक नई दिशा दी जा सके।
डीजीपी अभिनव कुमार ने सभी जनपदों के पुलिस कप्तानों को आदेश दिये हैं कि वह एक मार्च से 31 मार्च तक जनपदों व रेलवेज में बच्चों से करायी जा रही भिक्षावृत्ति, बच्चों के साथ होने वाले अपराधों की रोकथाम, बच्चों को अपराध में संलिप्त होने से रोकने एवं उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित किये जाने हेतु ÓÓऑपरेशन मुक्तिÓÓ अभियान चलायें। डीजीपी ने कहा है कि समस्त जनपदों में एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट द्वारा उक्त अभियान को चलाया जायेगा। रेलवेज में भी एक टीम का गठन किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि अभियान हेतु अन्य सम्बन्धित विभागों/स्वयं सेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जायेगा। अभियान जनपद के मुख्य-मुख्य स्थान जहां बच्चों द्वारा द्वारा भिक्षावृत्ति की जाती है, पर चलाया जायेगा। अभियान में भिक्षावृत्ति/कूड़ा बीनने/गुब्बारे बेचने आदि कार्यों में लिप्त बच्चों को रेस्क्यू कर उनका विद्यालयों में दाखिला कराये जाने हेतु कार्यवाही की जायेगी। समस्त स्कूल-कॉलेजों, सार्वजनिक स्थानों, महत्वपूर्ण चौराहों, सिनेमाघरों, बस व रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थलों आदि स्थानों पर बच्चों को भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में जागरूकता अभियान चलाकर जनता को जागरूक किया जायेगा। आम जन भी इस अभियन में सहयोग कर सकते हैं। बच्चों द्वारा की जा रही भिक्षावृत्ति की सूचना डायल 112 पर दी जा सकती है।
डीजीपी अभिनव कुमार ने सख्त रूख अपनाते हुए कहा है कि बच्चों से भिक्षावृत्ति करवाने, किसी भी प्रकार के गैंग के प्रकाश में आने अथवा किसी अपराध का होना पाये जाने पर तत्काल किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल व संरक्षण) अधिनियम, धारा 37० भादंवि, उ०प्र० भिक्षावृत्ति प्रतिषेध अधिनियम 1975 आदि अन्य सम्बन्धित धाराओं व अधिनियमों में वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। वर्ष 2०17 से चलाये जा रहे “ऑपरेशन मुक्ति” अभियान में 767० बच्चों को भिक्षावृत्ति से रेस्क्यू किया गया, जिनमें से 36०3 बच्चों का विद्यालयों में दाखिला कराया गया। उल्लेखनीय है कि काफी जनपदों में हमेशा यह देखने को मिलता रहा है कि मासूम बच्चों को कुछ गैंग भिक्षावृति में झोंकते हैं और उन्हें अपराध करने के लिए भी आगे लाया जाता है जिससे मासूम बच्चे नशे के मकडजाल में फंसकर अपराध करने के लिए भी आगे आ जाते हैं। अब जिस तरह से डीजीपी अभिनव कुमार ने बच्चों को भिक्षावृति व अपराध के रास्ते से बचाने के लिए ऑपरेशन मुक्ति अभियान चलाने का आदेश दिया है उससे मासूम बच्चों को सही दिशा में आगे लाकर उनका भविष्य सुधारने का मिशन शुरू होगा।

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