मुख्यमंत्री ने गुरु रविदास मन्दिर पहुंचकर की पूजा अर्चना

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देहरादून(संवाददाता)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सन्त शिरोमणी श्री गुरु रविदास मन्दिर पहुंचकर पूजा अर्चना की और देश व प्रदेश की खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने 1०.77 लाख रूपए की लागत से निर्मित इंटरलॉकिंग टाइल्स निर्माण कार्य का लोकार्पण किया और गुरु रविदास मंदिर दीर्घा का भी शुभारंभ किया। उन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छह प्रतिभागियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सन्त शिरोमणि रविदास को नम करते हुए श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि आज का दिन ऊंच, नीच, छुआछूत, भेदभाव को मिटाकर जीवन में सबको साथ लेकर चलने के लिए संकल्प लेने का दिन है। उन्होंने कहा कि आज का दिन सामाजिक बुराइयों और कुरीतियों को दूर कर आपसी भाईचारे को ही सच्चा धर्म मानने का दिन है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास सामाजिक समरसता और मानवतावादी मूल्यों के पुरोधा थे, जिन्होंने समाज में फैली बुराइयों तथा कुरीतियों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत का इतिहास रहा है, उन्होंने कहा कि जब भी देश को जरूरत हुई है, कोई न कोई संत या ऋषि भारत में जन्म लेते रहे हैं। संत रविदास उस भक्ति आंदोलन के महान संत थे, जिन्होंने कमजोरों को नई ऊर्जा दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संत रविदास समाज को आजादी का महत्व भी बताया और सामाजिक विभाजन को भी पाटने का काम किया। उन्होंने कहा कि संत रविदास ने एक ऐसे समाज की कल्पना की थी जहां किसी भी प्रकार का लोभ, लालच, दुख, दरिद्रता, भेदभाव नहीं हो, उनके बताये रास्तों पर चलते हुए हम सुखी जीवन के सूत्र सीख सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महान संत गुरु रविदास के संदेशों को अपनाकर ही आज का भारत और उत्तराखंड विकास पथ पर तेजी से अग्रसर है। उन्होंने संत रविदास जी सामाजिक परिवर्तन के प्रतीक हैं, इसलिए उनके संकल्प को ही ध्येय मानकर हम उत्तराखंड के सुदूर व दुर्गम क्षेत्रों में बसे गरीबों, वंचितों और पिछड़ों की सेवा हेतु प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली डबल इंजन की सरकार संत शिरोमणि रविदास जी के बताए मार्ग पर चलकर दलित,,शोषित, पिछड़ों व वंचितों के कल्याण के लिए कृतसंकल्पित है। उन्होंने कहा कि सन्त रविदास ने कहा था कि ऐसा चाहूं राज मैं, मिले सबन को अन्न छोट,बड़ो सब सम बसे, रविदास जी रहे प्रसन्न। अर्थात मैं, एक ऐसा राज चाहता हूं जिसमें सभी को अन्न मिले कोई भूखा न रहे, हर कोई एक समान, समरस होकर रहे । संत रविदास जी के इस विचार को आत्मसात कर प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार में हम भी अंत्योदय के भाव के साथ निरंतर कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार में गरीबों को पक्का मकान मिलने के साथ ही खुले में शौच करने से मुक्ति मिली है और उज्जवला योजना से माताओं, बहनों को धुंए से छुटकारा मिला है। उन्होंने कहा कि गरीबों को नि:शुल्क इलाज मिल रहा है, हर घर नल से जल अभियान के तहत शुद्ध जल मिल पा रहा है। हम सभी एक ही जाति से हैं और वो जाति है मानवजाति। उन्होंने कहा कि समानता वंचित समाज को प्राथमिकता देने से ही आती है, इसलिए जो वर्ग विकास की धारा से दूर रह गए पिछले 1० वर्षों में उनको ध्यान में रखकर ही काम हुआ है। उसी गरीब को ध्यान में रखकर योजनाएं बन रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार रविदास जी के विचारों को ही आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का मंत्र आज 14० करोड़ देशवासियों से जुडऩे का मंत्र भी बन गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम संत रविदास के बताये मार्ग पर चलकर पूरी ताकत के साथ समाज को एकजुट रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड मजबूती से आगे बढ़ रहा है और हमनें एक ओर जहां धर्मांतरण विरोधी कानून बनाया है, वहीं समान नागरिक संहिता विधेयक लागू कर सभी को समान अधिकार देने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि जिन कुरीतियों को संत रविदास ने समाज से खत्म करने के लिए जो यज्ञ प्रारंभ किया था उसी यज्ञ में हम भी एक आहुति प्रदान कर समाज से भेदभाव और कुरीतियां खत्म करने के लिए प्रयासरत हैं। इस अवसर पर सांसद डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि संत शिरोमणी श्री गुरु रविदास का स्मरण करने से भी मानव कल्याण की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि संत रविदास साहित्यकार, संत परम्परा के शिरोमणि थे। उन्होंने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब में भी उनके दोहों को स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि संत रविदास की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक, अनुकरणीय व सराहनीय हैं। इस अवसर पर विधायक आदेश चौहान, पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल, मन्दिर कमेटी से जयपाल द्वारा अपने अपने विचार रखे गए।

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