देहरादून(संवाददाता)। हाल में ही उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार स्थित भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के स्वामित्व की अनुप्रयुक्त 492 एकड़ भूमि का स्वामित्व राज्य सरकार को हस्तांतरित करने का अनुरोध केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय से किया। इसके अतिरिक्त औद्योगिक विकास के लिए केन्द्र सरकार से मिल रहे सहयोग को लेकर मुख्यमंत्री धामी ने आभार प्रकट करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड ईज ऑफ डुईंग बिजनेस, निवेश प्रोत्साहन व स्टार्ट अप क्षेत्र में निरंतर विकास कर रहा है और भारत सरकार द्वारा निर्गत की जाने वाली रैंकिंग में लगातार उत्तम श्रेणी को प्राप्त कर रहा है। राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 457 एकड़ भूमि औद्योगिक विस्तार हेतु व 35 एकड़ भूमि मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क (एमएमएलपी) स्थापित किए जाने के लिए सरकार को हस्तांतरित की जा सकती है, जिससे राज्य में होने वाले निवेश को एक नया आयाम मिलेगा और साथ ही युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
राज्य सरकार डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में विभिन्न विभागों से संबंधित 3.56 लाख करोड़ रुपए के 1779 एमओयू की ग्राउंडिंग पर जोर दे रही है। इनमें ऊर्जा के क्षेत्र में 1.०3 लाख करोड़ के 157, उद्योग विभाग से संबंधित 78 हजार करोड़ के 658, पर्यटन क्षेत्र में 47,646 करोड़ के 437 प्रस्ताव आए हैं। उद्यान और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 19,26० करोड़ के 175, आवास व नगर विकास क्षेत्र में 41,947 करोड़ के 62, स्वास्थ्य और पर्यावरण क्षेत्र में 25,785 करोड़ के 39, आयुष और वेलनेस क्षेत्र में 17,०58 करोड़ के 77 करार शामिल हैं। मुख्यमंत्री धामी ने उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिया है कि निवेश के लिए हुए एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। साथ ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन्वेस्टर्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ओर से दिए गए दिशानिर्देशों का अनुपालन किया जाए। समिट के लिए सरकार के प्रयासों को प्रत्येक क्षेत्र में सराहा गया है और ऐसे में सबका दायित्व है कि इन्हें राज्यहित में जमीनी हकीकत में बदला जाए। साथ ही राज्यहित से जुड़े जो भी महत्वपूर्ण प्रस्ताव हैं उन प्रस्तावों को प्राथमिकता दी जाए। सरकार का लक्ष्य है कि निवेश प्रस्तावों में इकोलॉजी और इकोनॉमी के बीच समन्वय बनाकर युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराए जाएं। स्थानीय उत्पादों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के लिए बेहतर कार्य योजना बनाएं। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश प्रस्ताव पर भी विशेष ध्यान दिया जाए और साथ ही सौर ऊर्जा नीति के तहत अधिक से अधिक युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जाए।
राज्य में निवेश के लिए निवेशकों को सुविधा दिए जाने को लेकर उत्तराखण्ड सोसायटी फॉर प्रमोशन ऑफ इन्वेस्टमेंट, स्टार्टअप एंड एंटरप्रेन्योरशिप का गठन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री धामी ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पहाड़ों के विकास के लिए जो निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, उन प्रस्ताव से क्या बेहतर किया जा सकता है ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सके और रोजगार सृजन पर भी फोकस किया जा सके। उत्तराखण्ड के लिए छोटे निवेशक भी काफी महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में उद्यमियों से मानवीयता और शिष्टता के साथ राज्य के आचरण के अनुकूल व्यवहार पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। तभी अधिक से अधिक उद्यमी राज्य में निवेश के लिए आकर्षित होंगे और हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर में आयोजित निवेशकों की बैठक में जो एमओयू साइन हुए हैं, उसकी ग्राउंडिंग पर भी ध्यान दिया जाए। देहरादून की स्थिति में काफी बेहतर सुधार हुआ है जिसे आगे भी बरकरार रखा जाए और शहर के विकास कार्य लगातार चलते रहें, यह सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। राज्य में स्थापित होने वाले उद्योगों से महिला स्वयं सहायता समूहों को भी लाभांवित किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वर्तमान में राज्य के अंदर लगभग 6००० एकड़ का लैण्ड बैंक विभिन्न सेक्टर के उद्योगों की स्थापना के लिए बना लिया गया है। इसके साथ ही उद्योगों के लिए आवश्यक भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने हेतु निजी औद्योगिक आस्थानोंध्क्षेत्रों की स्थापना के लिए नीति-2०23 लागू की गई है।