मुख्यमंत्री ने महिलाआंे को दिया गिफ्ट

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धर्मनगरी में मातृ शिशु के लिए बनेगा दो सौ बैड का स्वास्थ्य विंग
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। मुख्यमंत्री ने जबसे सत्ता संभाली है तबसे वह पहाडों मंे स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा मंे काम कर रहे हैं और उन्हांेने स्वास्थ्य महकमें में जिस तरह से डाक्टरों और नर्सों की बडी भर्ती कराकर स्वास्थ्य महकमें को मजबूत करने की दिशा में बडा कदम उठाया है वह उत्तराखण्ड़वासियों के लिए एक सुखद संदेश है। अब एक बार फिर मुख्यमंत्री के विजन को धरातल पर उतारने के लिए मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव ने उत्तराखण्ड स्वास्थ्य विभाग की महिलाओं को बडी सौगात देते हुए हरिद्वार में मातृ शिशु के लिए दो सौ बैड का स्वास्थ्य विंग बनाने को हरी झण्डी दे दी है। मुख्यमंत्री के इस फैसले से यह बात साफ हो गई कि वह एक बडे विजन के तहत स्वास्थ्य महकमें को नई ऊंचाईयों तक ले जाने के लिए काम कर रहे हैं।
राज्य सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं और मातृ-शिशु के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है और इसके तहत हरिद्वार में जल्द ही मातृ-शिशु की देखभाल के लिए 200 बेड का स्वास्थ्य विंग बनेगा। राज्य सरकार ने यह तय किया गया है कि सरकारी अस्पताल में प्रसव के बाद यदि महिला 48 घंटे तक रहती है तो उसे 02 हजार रुपये दिये जाएंगे।
इस अवसर पर इसके अलावा बताया गया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए हीमोग्लोबिन मीटर और स्ट्रिप्स के आदेश जारी किए गए हैं। आपको बता दें कि मुख्य सचिव का पद्भार ग्रहण करते ही राधा रतूड़ी ने सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग के मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा बैठक ली, जिसमें उन्होंने गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जाहिर की और जिसमें स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार सहित स्वास्थ्य विभाग, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, और सभी जिलाधिकारियों ने भाग लिया।
इस दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को आदेश दिये थे कि मातृ-शिशु के स्वास्थ्य की देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएं। उन्होंने मातृ-शिशु के विभिन्न योजनाओं को तत्काल लागू करने का निर्देश अधिकारियों को दिये थे और जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के निर्देशों पर मुहर लगाते हुए गर्भवती महिलाओं के हितों से जुड़े कई बड़े फैसले लिए हैं।
बदली जायेंगी पुरानी एम्बुलेंस
मुख्य सचिव के दिशा-निर्देशों के बाद स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने मातृ-शिशु चिकित्सा सेवाओं को और अधिक बेहतर बनाने की दिशा में कई अहम कदम उठाए हैं। इस अवसर पर सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा उत्तराखंड डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि सभी पुरानी और खराब एम्बुलेंसों को प्राथमिकता के आधर पर बदला जाएगा।
262 नई डोली पालकियां
इस अवसर पर स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से जिलों को अगले कुछ वर्षों में 262 नई डोली पालकियां प्रदान की जाएंगी। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग शगुन योजना को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत, गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पतालों में प्रसव के बाद 48 घंटे तक रहने के बाद दो रुपये दिये जाने के प्रावधान किए गए हैं।
गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की मॉनीटरिंग
स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं को आयरन और फोलिक एसिड और कैल्शियम की गोलियां भी उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मातृ और नवजात मृत्यु की समीक्षा और रिपोर्टिंग पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक उपाय चल रहे हैं।
इस अवसर पर डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं पर नजर रखने के लिए आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की जा रही है। उन्होंने मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की प्रगति की निगरानी पर ध्यान देने के साथ वन स्टॉप सेंटर के उपयोग करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि यह पहल उत्तराखंड में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

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