देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड में भाजपा की सरकारों में कभी मंत्री बनने का मौका न मिलने वाले पुष्कर सिंह धामी को शायद कभी इस बात का इल्म भी नहीं रहा होगा कि उन्हें भाजपा के दिग्गज सीधे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन कर देंगे। भाजपा हाईकमान ने पुष्कर ंिसह धामी को मुख्यमंत्री की कमान सौंपी तो उन्हें सत्ता चलाने का गुरूमंत्र देश के प्रधानमंत्री ने दिया तो उसके बाद से ही मुख्यमंत्री को देशभर में एक धाकड़ राजनेता के रूप में नई पहचान मिलनी शुरू हो गई। मुख्यमंत्री भाजपा के अन्दर धाकड़ फैसले लेने से मशहूर होते चले गये और उन्होंने बडे विजन के साथ राज्य के अन्दर यूसीसी को लागू करने के लिए आवाम को वचन दिया था और उन्होंने विधानसभा सत्र में यूसीसी विधेयक को पास कराकर अपना यह वचन निभाया। यूसीसी के विधेयक बनने के बाद भाजपा के दिग्गज राजनेताओं को साफ नजर आ रहा है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत का पंच यूसीसी बनेगा। उत्तराखण्ड के यूसीसी को भाजपा शासित कुछ राज्य जल्द अपनाने के लिए आगे आ सकते हैं जिसको देखते हुए साफ नजर आ रहा है कि उत्तराखण्ड में लागू हुआ यूसीसी लोकसभा चुनाव में देशभर में भाजपा के लिए बडा वरदान बनेगा?
विधानसभा में दो दिन तक यूसीसी पर पक्ष और विपक्ष में खूब चर्चा हुई और राज्य के अन्दर यूसीसी विधेयक को लागू करने की दिशा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सदन के अन्दर दबंगता के साथ यूसीसी के फायदे गिनवाते चले गये और उन्होंने जिस शैली में यूसीसी विधेयक को पास कराने के लिए अपनी बात सदन के अन्दर रखी उस बात को समूचा देश सुन रहा था और उनके दबंग बोल से आवाम को भी यह नजर आ गया कि पुष्कर सिंह धामी भाजपा में उभरते हुए एक बडे राजनेता के रूप में सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी विधेयक को समूचे देश में एक नजीर बनाने के लिए उसे सदन के अन्दर पास कराकर विपक्ष के सामने एक बडी चुनौती उस समय खडी कर दी जब कुछ माह बाद देश के अन्दर लोकसभा चुनाव होने हैं। उत्तराखण्ड में लागू हुआ पुष्कर सिंह धामी का यूसीसी लोकसभा चुनाव में देशभर के अन्दर भाजपा की जीत का एक बडा पंच बनेगा इसको लेकर भाजपा नेताओं के चेहरे गुलजार हो रखे हैं?
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की स्वच्छ राजनीति से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खूब प्रभावित हैं और यही कारण है कि पुष्कर सिंह धामी प्रधानमंत्री के सखा और लाडले बने हुये हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भाजपा हाईकमान ने बड़े-बड़े फैसले लेने के लिए फ्रीहैंड कर रखा है। उत्तराखण्ड को नया उत्तराखण्ड बनाने का संकल्प मुख्यमंत्री ने लिया हुआ है और अब तक के कार्यकाल में उन्होंने राज्यहित में बड़े-बड़े फैसले लेकर यह साबित कर रखा है कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बताये मार्ग पर चल रहे हैं। उत्तराखण्ड में युवाओं के साथ सरकारी नौकरियों में तेइस साल से हो रहे धोखे पर किसी भी सरकार ने नकल माफियाओं पर नकेल लगाने के लिए कोई साहस नहीं दिखाया था लेकिन नकल माफियाओं के इस खेल को पुष्कर सिंह धामी ने ही नेस्तनाबूत किया और बड़े-बड़े नकलमाफियाओं को जेल की सलाखों के पीछे डालकर युवा पीढी का दिल जीत लिया था। नकल विरोधी कानून से नकल माफियाओं का साम्राज्य ध्वस्त हुआ और राज्य के अन्दर मेहनतकश युवाओं को सरकारी नौकरियों में जगह मिलनी शुरू हुई तो उत्तराखण्ड के इस नकल विरोधी कानून को केन्द्र ने भी लागू कर यह साबित कर दिया कि पुष्कर सिंह धामी ने एक धाकड़ नकल विरोधी कानून बनाया है। विधानसभा चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आवाम से वायदा किया था कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आई तो वह राज्य के अन्दर समान नागरिक संहिता कानून को लागू करेंगे। आवाम से किये गये इस वायदे को पूरा करने के लिए पुष्कर सिंह धामी आवाम की कसौटी पर कल उस समय खरे उतर गये जब उन्होंने विधानसभा में समान नागरिक संहिता कानून को विधेयक के रूप में पास कराकर देशभर में अपनी धाकड़ राजनीति का परचम लहरा दिया।