देहरादून(नगर संवाददाता)। विधानसभा सत्र के चलते हुए सदन की कार्यवाही दूसरे दिन आरंभ हुई और सदन के पटल पर आरक्षण विधेयक और यूसीसी ड्राफ्ट रखे गये और जैसे ही यूसीसी का विधेयक सदन में रखा गया और वहां पर भारत माता की जय के नारे, जय श्री राम के नारे गूंजने लगे। वहीं दूसरी ओर विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। मुख्यमंत्री यूसीसी बिल को सदन में पास कराने के लिए पहले उस पर व्यापक चर्चा कराने का संकल्प लेकर ही वहां आसीन हुये और यही कारण है कि आज सदन के अन्दर यूसीसी पर पक्ष और विपक्ष के बीच चर्चा चलती रही।
इस अवसर पर विपक्षी सदस्यों ने खड़े उठ कर व्यवस्था का प्रश्न उठाया और संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन के पटल पर आरक्षण विधेयक रखा और राज्य आदोलनकारियो को राज्य सेवाओं के अधीन मिलने वाले 1० प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलेगा। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने की मांग है कि सदन के पटल पर रखा जाय यूसीसी का विधेयक, लेकिन विधेयक पर कल चर्चा हो और विपक्षी सदस्यों को ड्राफ्ट पढऩे का मौका मिले। इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने कहा कि सदन में नियम तार तार हो रहे है और सदन में प्रश्नकाल स्थगित होना दुर्भाग्यपूर्ण है। महंगाई, कानून व्यवस्था, किसानों को न्याय न मिलना दुर्भग्यपूर्ण, आज ऐसे गंभीर विषयों पर सरकार का ध्यान नहीं है। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक प्रीतम सिंह ने सदन की नियमावली को लेकर सवाल उठाए है और कहा कि राज्य सरकार नियमों का पालन नही कर रही है और सचिव विधानसभा के द्वारा भेजे गए पत्र का उल्लेख किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य की मांग को स्वीकार किया गया और यूसीसी ड्राफ्ट पटल पर रखे जाने के बाद विधानसभा के सदस्यों को पढऩे का समय दिया जाएगा। इस अवसर पर कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह के व्यवस्था के सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष ने जवाब दिया और कार्यमंत्रणा समिति की बैठक और शासन प्रशासन के मिले निर्देशों का हवाला दिया और कहा कि सदन नियमों का अनुरूप चलेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी ड्राफ्ट को सदन के पटल पर रखा और ड्राफ्ट सदन में रखे जाने के बाद सदन में हुआ जय श्री राम के नारों से गुंजायमान हो गया और इसके साथ ही वन्देमातरम के नारों से सदन गूंज उठा और बाद में सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
दोपहर दो बजे बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई और यूसीसी पर चर्चा की गई। इस दौरान विपक्ष पर संसदीय कार्यमंत्री ने निशाना साधा और कहा कि आजादी के बाद से अब तक क्यों यूसीसी को लागू नहीं किया गया और तब भी यूसीसी की जरूरत थी। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि यूसीसी के विधेयक को पढऩे के लिए कम समय मिला, यूसीसी की विशेषज्ञ समिति में धर्म गुरुओं को भी शामिल किया जाना चाहिए था, विवाह को लेकर पहले भी कई कानून बने है। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि क्या राज्य को यह अधिकार है की इस कानून को दूसरे राज्य भी स्वीकार करेंगे, विधि आयोग की रिपोर्ट में इस कानूनी को सही नही ठहराया गया है और संविधान निर्माताओं ने यूसीसी को संविधान कि धारा 44 में इसे निहित किया है, उन्होंने इसे प्रवर समिति के अधीन करने की सिफारिश की।