उत्तरकाशी जिले को 23 साल में मिले 24 डीएम

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उत्तरकाशी(चिरंजीव सेमवाल )। आपदा प्रभावित उत्तरकाशी जनपद में राज्य गठन के बाद भी जिलाधिकारी की कुर्सी हिलती रही है। 31,जनवरी2०24 के अंतिम दिन को एक बार फिर यहां के जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला का तबादला कर दिया गया। उत्तराखंड गठन के 23 सालों में उत्तरकाशी जिले को 24 डीएम मिल चुके हैं।
सोमवार को 24वें डीएम के रूप में डा. मेहरबान सिंह बिष्ट ने उत्तरकाशी जिले की कमान संभाल लिया है। उन्होंने कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व भगवान काशी विश्वनाथ मंदिर में माथा टेकर अपना पदभार संभाला। उल्लेखनीय है कि उत्तरकाशी जिले में डीएम की कुर्सी पर खतरा मंडराता रहता है जिससे इनकी कुर्सी हिलती- ढुलती रही। पूर्व में डॉ. आर राजेश कुमार ने करीब एक साल तीन महीने का कार्यकाल पूरा कर 8 जुलाई 2०13 में कुर्सी छोड़ी थी। उसके बाद जिलाधिकारी के तौर पर पंकज पांडेय को भेजा गया जिन्हें पांच महीने में स्थानांतरित कर दूसरा जिला दे दिया गया था। श्रीधर बाबू को 3 दिसम्बर 2०13 को टिहरी का जिलाधिकारी बनाकर भेजा गया लेकिन करीब सात महीने में पूरे होते ही उन्हें भी हटा दिया गया।
जिलाधिकारी पद पर इतनी जल्दी तबादला होने से जिले की तमाम योजनाएं प्रभावित होती हैं। जब तक कोई अधिकारी जिले को समझता है तब तक उसे हटा दिया जा रहा है। इतना ही नहीं अलग राज्य बने अभी 23 साल पूरे हुए, लेकिन प्राकृतिक आपदाओं की मार से त्रस्त सीमांत जनपद उत्तरकाशी में अब तक 23 जिलाधिकारी बदले जा चुके हैं। इनमें से सिर्फ तीन जिलाधिकारियों का कार्यकाल ही दो साल से कुछ अधिक रहा, जबकि 11 डीएम तो एक साल भी नहीं टिक पाए। स्थानीय लोग कम समय में ही डीएम के तबादलों को जिले के विकास की लिहाज से गलत मानते रहे हैं।
नौ नवंबर 2००० में अलग राज्य बनने के बाद से अब तक जिले में 23 डीएम बदले जा चुके हैं। अब डा. मेहरबान सिंह बिष्ट ने 24 वें डीएम के रूप में कार्यभार ग्रहण किया है। वर्ष 2००3 में वरुणावत भूस्खलन वाले दौर में यहां डीएम रहे केके पंत ने जिले में सबसे अधिक समय गुजारा, जबकि उनके तुरंत बाद यहां आए राजीव चंद्र का कार्यकाल सबसे कम महज 52 दिन रहा। वर्ष 2०1० से निरंतर प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहे जिले में इन चार वर्षों में छह डीएम बदले गये थे।

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