नशा माफियाओं की जड़ों को खोखला करते धामी

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड में कहने को तो एक से एक पूर्व मुख्यमंत्री ने सत्ता संभाली और वह राज्य को नई उडान पर ले जाने का खूब ढोल पीटते रहे लेकिन उन्होंने राज्य में तेजी के साथ पनप रही नशे की जडों पर प्रहार करने की दिशा में कोई पहल नहीं की जिसके चलते नशे माफियाओं का साम्राज्य इतना विशाल होता चला गया कि उन्होंने पहाड से लेकर मैदान तक के युवाओं को नशे के जाल में फंसा दिया। वहीं उत्तराखण्ड की कमान जब युवा मुख्यमंत्री के हाथों में आई तो उन्होंने नश माफियाओं पर प्रहार करने की दिशा में सख्ती के साथ जब कदम आगे बढाये तो पुलिस ने भी नशे की जडों पर प्रहार करना शुरू किया और अब साफ नजर आ रहा है कि धामी नशे की जडों को खोखला करने के मिशन में तेजी के साथ सफल हो रहे हैं। पहाड़ों और पर्यटननगरी में नशा माफियाओं के खिलाफ वहां के पुलिस कप्तानों ने बडे ऑपरेशन चला रखे हैं और उसी के चलते एक के बाद एक नशा माफिया सलाखों के पीछे पहुंचते जा रहे हैं। आवाम को अब नजर आने लगा है कि उत्तराखण्ड के अन्दर नशा माफियाओं का किला ध्वस्त करने के लिए मुख्यमंत्री ने एक बडे विजन के साथ अपने कदम आगे बढ़ा लिये हैं और यह भी तय है कि आने वाले समय उत्तराखण्ड की युवा पीढी को मुख्यमंत्री नशे के मकडजाल से बाहर निकाल लेंगे।
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक बडी सोच के राजनेता हैं और उन्होंने सबसे पहले इस बात पर अपनी बडी चिंता दिखाई थी कि युवा पीढी किस तरह से नशे के मकडजाल में फंसती जा रही है। मुख्यमंत्री को इस बात का भी अफसोस है कि उनका एक परम मित्र नशे की गुलामी में इस कदर फंस गया था कि उसका जीवन नशे के चलते खत्म हो गया था और उसका परिवार एक बडे संकट में आ गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवा पीढी को नशे के दलदल से बाहर निकालने के लिए एक बडी रणनीति के तहत काम करना शुरू किया और उन्होंने संकल्प लिया कि 2०25 तक उत्तराखण्ड को नशामुक्त करा दिया जायेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को आदेश दिये हुये हैं कि वह अपने-अपने इलाकों में एक-एक नशा माफिया को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाये और उनकी माफियागिरी की चेन को खत्म करें।
मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने जहां नशा माफियाओं के खिलाफ अपना चाबुक चला रखा है वहीं उन्होंने नशे के खिलाफ राज्यभर में जन जागरूकता अभियान भी चलवा रखा है जिसके चलते स्कूली छात्र-छात्राओं को भी नशे से दूर रखने का पाठ पढ़ाया जा रहा है। पहाडों में जिस तरह से युवा पीढी को नशे माफियाओं ने अपने मकडजाल में फंसा रखा है उसके चलते पहाडवासियों के मन में नशा माफियाओं से आजादी दिलाने की अकसर मांग उठती आ रही है। नशा माफियाओं से युवा पीढी को आजादी दिलाने के लिए पुलिस कप्तानों ने नशा माफियाओं के खिलाफ तेजी के साथ ऑपरेशन चला रखे हैं। कुछ जिलों में नशा माफियाओं को सलाखों के पीछे पहुंचाने का जो तेजी के साथ मिशन चल रहा है उससे नशा माफियाओं में खलबली मची हुई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने अब तक के कार्यकाल में नशा माफियााओं की जडों को तेजी के साथ खोखला करने का जो ऑपरेशन चला रखा है वह राज्य की जनता को खूब रास आ रहा है। उत्तराखण्ड के इतिहास में पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है कि राज्य का मुख्यमंत्री नशा माफियाओं की कमर तोडने में दिन-रात काम कर रहा है। मुख्यमंत्री को अब यह उम्मीद दिखने लगी है कि राज्य के अन्दर अब नशा माफियाओं को नेस्तनाबूत करने का जिस तरह से पुलिस ने ऑपरेशन चला रखा है उसके चलते आने वाले समय में राज्य के अन्दर एक भी नशा माफिया पहाड से लेकर मैदान तक दिखाई नहीं देगा।

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