लोकसभा चुनाव से पहले सीएम का बडा मास्टर स्ट्रोक

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड में लम्बे समय से इस बात की चर्चाएं जोरो पर हैं कि क्या राज्य के मुख्य सचिव को एक बार फिर सरकार सेवा विस्तार देने के लिए आगे आयेगी या फिर वरिष्ठ आईएएस अपर मुख्य सचिव राधा रतूडी को उत्तराखण्ड में नये मुख्य सचिव की कमान सौंपी जायेगी? कल मुख्य सचिव का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और अभी तक उन्हें सेवा विस्तार दिये जाने का कोई आदेश भी सरकार द्वारा नहीं दिया गया है। जिससे यह तस्वीर तो साफ हो गई थी कि राज्य की नई मुख्य सचिव राधा रतूडी ही होंगी। सरकार ने राधा रतूडी को मुख्य सचिव की कमान सौंप दी है और कल वह दोपहर बाद राज्य की शीर्ष कुर्सी पर आसीन हो जायेंगी। राधा रतूडी उत्तराखण्ड की पहली मुख्य सचिव के तौर पर अपनी कमान संभालेंगी।
उल्लेखनीय है कि छह माह पूर्व उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव डा० सुखवीर सिंह संधु को सरकार ने सेवा विस्तार दिया था और उसके बाद से ही यह बात उठ रही थी कि क्या एक बार फिर सरकार उन्हें छह माह का सेवा विस्तार देगी या नहीं? लोकसभा चुनाव को देखते हुए नये मुख्य सचिव की ताजपोशी को लेकर राज्य में चर्चाओं का बाजार गर्म था कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य की महिला आईएएस राधा रतूडी को मुख्य सचिव की कुर्सी पर जरूर आसीन करने के लिए आगे आयेंगे। कल 31 जनवरी को मुख्य सचिव डा० सुखवीर सिंह संधु सेवानिवृत्त हो रहे हैं और उन्हें सरकार की ओर से सेवा विस्तार का कोई आदेश भी नहीं मिला जिसके चलते यह साफ हो गया था कि अब मुख्य सचिव को सेवा विस्तार नहीं मिल पायेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड की शीर्ष कुर्सी पर राधा रतूडी को आसीन करते हुए उन्हें मुख्य सचिव के पद पर तैनात कर दिया है और कल दोपहर बाद वह पहली महिला मुख्य सचिव की कुर्सी पर आसीन हो जायेंगी। मुख्य सचिव के पद पर आसीन हुई राधा रतूडी दो महीने बाद सेवा निवृत्त हो जायेंगी लेकिन अफसरशाही में यह चर्चा आम है कि लोकसभा चुनाव और मुख्यमंत्री की पसंद वाली आईएएस अफसर राधा रतूडी को छह माह का भविष्य में सेवा विस्तार जरूर मिल जायेगा? इसकी दो वजह मानी जा रही हैं एक लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्य सचिव बदलने को खुद चुनाव आयोग भी तैयार नहीं होगा और दूसरा राधा रतूडी के बाद मुख्य सचिव के इकलौते उम्मीदवार बनने के बाद आनंद बद्र्धन के पास अभी लम्बी नौकरी है और 2०27 में वह सेवा निवृत्त होंगे और उनको मुख्य सचिव बनने से रोकने के लिए न तो कोई चेहरा है और न ही सरकार के पास विकल्प ऐसे में साफ माना जा रहा है कि राधा रतूडी को छह माह के लिए और सेवा विस्तार मिल जायेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकसभा चुनाव से पूर्व जिस तरह से राज्य की महिलाओं को रिझाने के लिए तुरप का इक्का चला है उसे वह लोकसभा चुनाव में खूब भूना सकते हैं और मौजूदा दौर में वह राज्य की महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर जिस तरह से आगे बढ रहे हैं उससे महिलाओं के मन में पहले से ही पुष्कर सरकार को लेकर एक नई उम्मीद जाग चुकी है और अब राज्य की शीर्ष कुर्सी पर महिला अफसर को तैनात कर मुख्यमंत्री ने एक बडा मास्टर स्ट्रोक चल दिया है।

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