प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड को हासिल करने के लिए पहाड से लेकर मैदान की महिलाआंे, युवाओं व आमजन ने एक बडा आंदोलन खडा किया और अपना राज्य पाने के लिए उन्होंने पुलिस की लाठी गोली तक खाई और कुछ युवाओं को इस आंदोलन में शहादत मिली उसके बाद उत्तराखण्ड का निर्माण हो पाया था। अपने उत्तराखण्ड में हर तरफ खुशहाली नजर आयेगी यह सपना हजारों आंदोलनकारियों ने देखा था लेकिन उन आंदोलनकारियों के मन में उस समय एक आक्रोश की ज्वाला देखने को मिलने लगी जब मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन होने वाले अधिकांश एक्स सीएम ने आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखण्ड बनाने के बजाए उल्टी दिशा में राज्य को ले जाने के लिए अपने कदम आगे बढा दिये थे? उत्तराखण्ड के अन्दर भ्रष्टाचार और घोटालों का खेल खेलकर छोटे-छोटे राजनेता और ईमानदारी का ढोल पीटने वाले काफी अफसरों ने दौलत कमाने की जो रेस लगाई वह काफी हैरान करने जैसी दिखती रही और यही कारण रहा कि ऐसे राजनेता और अफसर हमेशा आवाम की आंखों में चुभते रहे? उत्तराखण्ड की कमान जब युवा राजनेता के हाथों में आई तो राज्यवासियों को इस बात की उम्मीद नहीं थी कि उनका नया निजाम उत्तराखण्ड में तेइस सालों से चले आ रहे भ्रष्टाचार और घोटालों के खिलाडियों को नेस्तनाबूत कर देंगे? मुख्यमंत्री ने सत्ता में अपना नया अवतार आवाम के सामने रखा तो उनका यह अवतार देखकर करोडो उत्तराखण्डवासियों को यह इल्म हो गया कि अब वो सभी भ्रष्टाचारी भ्रष्टाचार करने से तौबा करेंगे जो दौलत कमाने का हुनर बडी चालाकी से दिखाते थे? मुख्यमंत्री का स्वच्छ राजनीति का अवतार आवाम को तो खूब रास आ ही रहा है वहीं देश के प्रधानमंत्री भी मुख्यमंत्री की स्वच्छ राजनीति को देखकर उन्हें खूब शाबाशी देने के लिए आगे आ रहे हैं जिससे उत्तराखण्डवासियों को यह आभास हो चला है कि अब राज्य मंे धीरे-धीरे भ्रष्टाचारी सलाखों के पीछे ही नजर आयेंगे।
उत्तराखण्ड में पिछले ढाई साल से पहाड से लेकर मैदान तक के लोग मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की स्वच्छ राजनीति के कायल हो रखे हैं और उन्हें यह आभास हो चला है कि तेइस सालों से जिस भ्रष्टाचार का जहर उन्हें मजबूरन पीना पड रहा था वह जहर अब उनसे दूर हो चला है। मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी उत्तराखण्ड के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बन गये हैं जो अपना वायदा पूरा करने में कभी देर नहीं लगाते और विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने आवाम से जो वायदे किये थे उसे वह एक-एक कर पूरा करते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री अपने आपको जनसेवक मानकर सत्ता चला रहे हैं और उनके अब तक के कार्यकाल में उनके द्वारा किसी के साथ भी द्वेष भावना नहीं दिखाई गई जिसका परिणाम है कि आज राज्य की जनता उन्हें उत्तराखण्ड की राजनीति का नया अवतार मानने लगे हैं। मुख्यमंत्री और उनकी किचन टीम पर कभी भी कोई दाग नहीं लगा और अब आवाम यह देखकर खुश है कि जब विभाग के निजाम ईमानदार हैं तो फिर वहां पारदर्शिता और स्वच्छता का पैमाना अपने आप ही बनता चला जाता है। हालांकि अभी भी कुछ राजनेता और अफसर ऐसे हैं जो अपनी पुरानी शैली को बदलने को तैयार नहीं है लेकिन यह भी तय है कि ऐसे चेहरे ज्यादा समय तक अपने आपको सुरक्षित नहीं रख पायेंगे?
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने युवा पीढी के लिए सरकारी नौकरियों में जो एक नई उडान भरी है उसी का परिणाम है कि आज युवा पीढी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर अभेद विश्वास करने लगी है और उन्हें यह इल्म हो चला है कि मुख्यमंत्री ने उनके साथ जो वायदा किया था उस वायदे को वह तेजी के साथ पूरा करने की दिशा में आगे बढते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहाडों में मातृशक्ति को स्वरोजगार से जोडने की दिशा में जो एक नई अलख जगाई है उससे मातृशक्ति के मन में मुख्यमंत्री को लेकर एक बडा विश्वास जागा है कि वह अब उत्तराखण्ड में हर इंसान को स्वरोजगार से जोडने की दिशा में कितने बडे विजन के साथ आगे बढते जा रहे हैं। उत्तराखण्ड का इतिहास गवाह है कि कभी भी किसी पूर्व मुख्यमंत्री के रोड-शो में ऐसा जनसैलाब कभी उमडता हुआ नहीं देखा गया जैसा जनसैलाब पिछले काफी समय से मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी के रोड शो में देखने को मिल रहा है। आवाम को विश्वास है कि राजनीति के नये अवतार के रूप में आगे आये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड को आवाम की सोच वाला राज्य देंगे।