ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से हो चुनाव

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देहरादून(संवाददाता)। दलित, ओबीसी, माइनॉरिटि संगठनों के परिसंघ के राष्ट्रीय महासचिव सी पी सिंह ने भारत में चुनाव प्रक्रिया में बदलाव किये जाने एवं ईवीएम हटाओ, लोकतन्त्र बचाओ की मांग राष्ट्रपति एवं चुनाव आयोग से की है। उन्होंने कहा कि ईवीएम के स्थान पर बैलेट पेपर से सभी चुनाव कराये जाने की आवश्यकता है।
यहां परेड ग्राउंड स्थित उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि दलित, ओबीसी, माइनॉरिटि संगठनों के परिसंघ ने भारत के लोकतन्त्र को बचाने की आवश्यकता है और इसके लिए सभी लोगों को एकजुटता का परिचय देते हुए आगे आने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज भारत में लोकतन्त्र कैसे खतरे में है। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के प्रस्तावना लिखा है और हम भारत के लोग भारत को एक सम्पूर्ण, प्रभुत्व सम्पन्न समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतान्त्रिक गणराज्य बनाने के लिए लोकतान्त्रिक गणराज्य बनाने के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होने जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव लोकतन्त्र में रहने वाले लोगों को अपने देश की राजनैतिक संरचना और भविष्य की नीति दिशा निर्धारित करने की अनुमति देते है। उन्होंने कहा कि लोकतन्त्र एक ऐसी प्रणाली है जिसके अंतर्गत जनता अपनी स्वेच्छा से निर्वाचन में आये हुये किसी भी उम्मीदवार को मत देकर अपना प्रतिनिधि चुन सकती है।
उन्होंने कहा कि परिसंघ को भारत में चुनाव प्रणाली में उपयोग की जाने वाली ईवीएम की अखंडता के बारे में काफी संदेह है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में ईवीएम से चुनाव लोकतान्त्रिक सिद्धांतो के सत्यापनता का अनुपालन नहीं करते। उन्होंने कहा कि इसलिए परिसंघ की मांग है कि चुनाव ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से कराया जाये। । इस अवसर पर दलित साहित्य अकेडमी उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष जयपाल सिंह ने कहा है कि चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए जिससे आम जनता संतुष्ट हो सके कि उसका वोट उसी के ही उम्मीदवार को पड़ रहा है तथा वह अपनी वोट का वैरीफिकेशन भी कर सके। उन्होंने कहा कि डाली हुई वोट एयूडीटेबल भी हो। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रक्रिया में ईवीएम से डाली हुई वोट, वोटर द्वारा न तो वैरीफाइबल और न ही एयूडीटेबल है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया न केवल फ्री एंड फेयर होनी चाहिए बल्कि देखने में भी फ्री एंड फेयर लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान चुनाव ईवीएम से फ्री एंड फेयर नहीं लगते है। उन्होंने कहा कि भारत में ईवीएम द्वारा चुनावी प्रक्रिया उपरोक्त लोकतान्त्रिक सिद्धांतों का पालन नहीं करती। उन्होंने कहा कि इसलिए ईवीएम द्वारा चुनाव संदेह के घेरे में है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग दावा करता है कि ईवीएम स्टैण्ड ऐलोन मशीन है, उन्होंने कहा कि वन टाईम प्रोग्रामेबल है और उसको टैम्पर या हैक नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि ईवीएम ईवीएम में वीवीपैट लगाने से ईवीएम स्टैंड एलोन नहीं रही और वन टाईम प्रोग्रामेबल भी नहीं है। उन्होंने कहा कि वीवीपैट को हर चुनाव में वोट डालने से पहले उम्मीदवार के नाम, सिरियल नंबर व चुनाव चिन्ह तय होने के बाद प्रोग्राम किया जाता है तब ही तो वह प्रत्याशी के नाम, चुनाव चिन्ह दर्शाती है। उन्होंने कहा कि वीवीपैट एक अलग डिवाइस है जिसमे हार्डवेयर व सॉफ्टवेर है। उन्होंने कहा कि ऐसा ज्ञात हुआ है की वीवीपैट को ईवीएम से जोडऩे के लिए एक स्पेशल कनैक्टर इस्तेमाल किया जाता है जिसे एसएलयू कहते है। उन्होंने कहा कि यह एसएलयू बहुत से सवाल खड़े करता है। उन्होंने कहा कि परिसंघ सभी बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए मीडिया के माध्यम से राष्ट्रपति एवं चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि ईवीएम को चुनाव प्रक्रिया से हटाई जाए और चुनाव बैलेट पेपर हो। उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांग नही मानी गई तो इस मुद्दे पर एक बड़ा जन आंदोलन करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि लोकतन्त्र को हर कीमत पर बचाना होगा। इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर वार्ता में दिलीप चन्द्र आर्य, प्रदेश अध्यक्ष एससी, एसटी, ओबीसी वैचारिक मंच, हीरा लाल संरक्षक अनुसूचित जाति जन जाति संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ, जयपाल सिंह प्रदेश अध्यक्ष दलित साहित्य अकेडमी उत्तराखंड, सी पी सिंह प्रदेश अध्यक्ष अनुसूचित जाति जन जाति संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ, देवेंद्र सिंह प्रदेश उपाध्यक्ष एससी, एसटी, ओबीसी वैचारिक मंच, चन्द्र सेन प्रदेश उपाध्यक्ष दलित साहित्य अकेडमी उत्तराखंड, राव नसीम प्रधान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेशनल एक्शन फॉर सोशल जस्टिस, कल्याण सिंह प्रदेश अध्यक्ष अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासभा उत्तराखंड, कैलाश वाल्मीकि प्रदेश अध्यक्ष बाल्मीकी चौपाल उत्तराखंड, डॉ एच पी यादव प्रदेश उपाध्यक्ष यादव विकास महासंघ, नत्थू सिंह अध्यक्ष डॉ अंबेडकर महासंघ, मदन ठाकुर अध्यक्ष भोजपुरी समाज विकास मंच, संजय गौतम, अध्यक्ष एससी एसटी विकास परिषद, सर्वेश्वर सिंह अध्यक्ष दून बुद्धिस्ट सोसाइटी, बंटी सूर्यवंशी अध्यक्ष अखिल भारतीय अंबेडकर युवक संघ, संजय बिरला प्रदेश अध्यक्ष बाल्मीकी अटल सेना, श्रीकांत महासचिव अनुसूचित जाति ध् जन जाति संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ, शिव राम प्रदेश सचिव अनुसूचित जाति/जन जाति संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ, बिशम्बर सिंह अध्यक्ष संविधान पाठशाला, बीरबल सिंह अम्बेडकर महासभा, राजेन्द्र, कौशी एम ठाकुर, अमन उज्जैनवाल आदि शामिल रहे।

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