मोदी के आत्मनिर्भर भारत मंत्र पर खरा उतर रहे धामी

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देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड की जनता ने तेइस सालों में दस मुख्यमंत्री देखे लेकिन राज्यवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरने में अधिकांश पूर्व मुख्यमंत्री सफल नहीं हो पाये जिसके चलते उत्तराखण्ड में हमेशा एक ही शोर सुनने को मिलता था कि उत्तराखण्ड को कब ऐसा दिल अजीज मुख्यमंत्री मिलेगा जो उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बनाने की राह पर तेजी के साथ आगे बढता चला जायेगा। विश्व में अपने नाम का डंका बजाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखण्ड में हमेशा अस्थिर होती सत्ता को देखा जिसके चलते उन्होंने उत्तराखण्ड को युवा मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी की ताजपोशी की और उन्हें राज्य चलाने के लिए जो गुरूमंत्र दिया उस पर मुख्यमंत्री आगे बढते चले गये और मोदी के आत्मनिर्भर भारत पर पुष्कर सिंह धामी खरा उतरते जा रहे हैं जिससे पुष्कर सिंह धामी को राज्य की जनता अब धाकड मुख्यमंत्री के रूप में देखने लगी है जो बडे-बडे फैसले लेने के दौरान कभी भी भयभीत नहीं होते और निडर होकर वह जिस तरह से बडे-बडे फैसले लेते चले गये उसी के चलते वह उत्तराखण्डवासियों के दिलों में राज करने की दिशा में इतनी तेजी के साथ आगे बढ चुके हैं कि उनका जहां भी रोड-शो होता है वहां आवाम का जनसैलाब उमड कर उन पर फूलों की वर्षा कर धामी-धामी के उद्घोष से इलाके को पुष्करमय कर देता है। वहीं मातृशक्ति पुष्कर सिंह धामी की स्वच्छ राजनीति को देखकर उन्हें लम्बे अर्से तक मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दे रही हैं।
उत्तराखंड में 23 साल और 1० मुख्यमंत्री का कार्यकाल किसी से छिपा नहीं है लेकिन लोकप्रियता और जनप्रियता में युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कोई शानी नहीं है। महज ढाई साल के कार्यकाल में धाकड़ निर्णय और बड़ी कार्रवाई से धामी युवाओं, महिलाओं और समाज के सभी वर्गों में राज कर रहे हैं। इस पर राज्य के छह जिलों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के मंत्र वोकल फॉर लोकल और महिला सशक्तिकरण महोत्सवों में उमड़ी अथाह भीड़ ने मुहर लगा दी है। राज्य की महिलाओं ने महोत्सवों में जिस उमंग और उत्साह के साथ भाग लिया है, वह पहले बार देखने को मिला। इन्हीं कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तिकरण को लेकर खुद वोकल फॉर लोकल की ब्रांडिंग कर उत्तराखंड के उत्पादों को देश-दुनिया के सामने लाया है। मुख्यमंत्री धामी ने टिहरी में पारंपरिक आटा चक्की जान्द्रा, बागेश्वर में तांबे की शिल्पी, उत्तरकाशी में ओखली में धान की कुटाई, रुद्रपुर में चरखा तो पिथौरागढ़ में सिलबट्टे में पहाड़ी नमक की पिसाई कर उत्तराखंड के विलुप्त होते इन उत्पादों को नई पहिचान दिलाने का काम किया है। मुख्यमंत्री धामी ने महिलाओं की रोजमर्रा की दिनचर्या से जुड़े इन उत्पादों की ब्रांडिंग कर महिलाओं को जो सम्मान दिया है, उससे उनकी लोकप्रियता का कद दोगुना हुआ है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड के अन्दर राजनीति के ब्रांड बन चुके हैं और उन्हें महिला शक्ति का जिस तरह से हर राज्य में साथ मिल रहा है उसे देखकर साफ झलक रहा है कि समूचा उत्तराखण्ड पुष्कर का दीवाना होता जा रहा है। मातृशक्ति को स्वरोजगार से जोडने की दिशा में जिस तेजी के साथ मुख्यमंत्री आगे बढ रहे हैं और महिलाओं के बीच जाकर उनके द्वारा बनाये गये उत्पादनों को वह खूब सराह रहे हैं वह महिलाओं को खूब रास आ रहा है कि उनका मुख्यमंत्री महिलाओं को स्वरोजगार से जोडने की दिशा में एक चिंता के साथ आगे बढता जा रहा है। मातृशक्ति ने पुष्कर सिंह धामी पर अभेद विश्वास दिखाना शुरू कर दिया है और उसी के चलते उत्तराखण्ड में सियासत का दौर अब नई दिशा में जाता हुआ दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देश के प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को धारण कर सत्ता चलाने के लिए आगे आ रखे हैं और पारदर्शिता और स्वच्छता के साथ उन्होंने सरकार चलाने का जो पैमाना तय किया हुआ है उसी का परिणाम है कि उत्तराखण्ड के चारों तरफ धामी-धामी का शोर मचा हुआ है। मुख्यमंत्री की सादगी ने हर उस पूर्व मुख्यमंत्री को आईना दिखा दिया है जो अपने कार्यकाल में अहंकार की राजनीति करते थे। उत्तराखण्ड में अब पुष्कर युग का आरम्भ आवाम को खूब रास आ रहा है।

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