उत्तरकाशी(संवाददाता)। मकर संक्रांति पर गंगा स्नान के लिए उत्तरकाशी में देव डोलियों के साथ श्रद्धालुओं ने कड़ाके की ठंड में आस्था की डुबकी लगाई। सोमवार को आस्था के आगे ठंड हार गई और श्रद्धालुओं ने तड़के चार बजे सुबह (ब्रह्म मुहूर्त )में गंगा जी में डुबकी लगाकर पुण्य कमाया। यहां जिले के दूर दूर से कई दर्जन देव डोलियां ढोल-बाजों की थापा की और मां गंगा के जयकारों से पूरी बाबा काशी विश्वनाथ की नगरी गुंजायमान हो उठी है। गंगा स्नान का यह शिलशिला जारी रहा।
उत्तरकाशी के सुप्रसिद्ध मणिकर्णिका घाट, केदार घाट,, शंकर मठ, नाकुरी, देवीधार, गंगोरी अस्सी गंगा तट स्नान घाटों पर तड़के चार बजे ही सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो गई थी। स्थानीय लोग देव डोलियों के साथ स्नान किया । गंगा में स्नान करने के लिए यमुना घाटी से भारी संख्या में लोग ग पहुंचे थे। भाजपा नेता एवं समाज सेवी डा. कपिल देव रावत ने बताया कि यमुना घाटी से भी भारी संख्या में लोग गंगा स्नान करने आये हैं। देव डोलियों में मुख्य रूप से बाडाहाट क्षेत्र के अधिपति कंडार देवता, बाडागड्डी क्षेत्र के हरिमहाराज, घंडियाल देवता,रनाड़ी के कचडू देवता,डुंडा की रिंगाली देवी, खंडद्धारी माता, नागणी देवी, राजराजेश्वारी,नाग देवता, कैलापीर, सहित गंगा घाटी के सैकड़ों देवी-देवताओं की डोलियां, पांडव निशान आदि के साथ हजारों श्रद्धालु उत्तरकाशी पहुंचे और गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। बाद में सभी देव डोंडियां एवं श्रद्धालु भगवान विश्वनाथ मंदिर , शक्ति मंदिर सहित अन्य मंदिरों के दर्शन किया।