धामी के रडार से नहीं बच पाएगा कोई भ्रष्टाचारी

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देहरादून। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ धामी सरकार लगातार कड़ा शिकंजा कस रही है। जिस तरह से अब तक कार्रवाई हुई उससे साफ है कि मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसंह धामी की रडार से कोई भ्रष्टाचारी बच नहीं पाएगा। भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों पर अंकुश लगाने के लिए मुख्यमंत्री ने विजिलेंस, एसटीएफ व पुलिस समेत विभिन्न जांच एजेंसियों को भी साफ निर्देश दिए हुए हैं कि भ्रष्टाचारी चाहे छोटा कर्मचारी हो या बडा अधिकारी सबके खिलाफ एक्शन किया जाये। मुख्यमंत्री देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भ्रष्टाचारमुक्त भारत के विजन को उत्तराखण्ड में शत-प्रतिशत धरातल पर उतारने के संकल्प पर आगे बढते जा रहे हैं और यही कारण है कि अब आवाम को यह विश्वास हो चला है कि पुष्कर सरकार में अगर किसी भी भ्रष्टाचारी ने उन्हें अपना शिकार बनाने का दुसाहस किया तो उसे जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया जायेगा। सीएम के भ्रष्टाचार मुक्त शासन को धरातल पर उतारने के लिए विजिलेंस की टीम ने हरिद्वार के बाहदराबाद थाना अंतर्गत चौकी शांतरशाह के एसआई पंकज कुमार ने अपने पीआरडी जवान सुरेन्द्र कुमार से मुकदमा खत्म करने एवज में एक व्यक्ति से 3० हजार रूपये मंगाये तो विजिलेंस ने पीआरडी जवान सुरेन्द्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया था जबकि एसआई लोगों की आवाजाही का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गया था। विजिलेंस ने एसआई और पीआरडी जवान के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम का मामला दर्ज कर लिया है। मुख्यमंत्री कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नए साल में विजिलेंस तीन सरकारी कर्मियों को रिश्वत लेते गिरफ्तार कर चुकी है। नए साल में अब तक विजिलेंस आरएम सिडकुल सितारगंज के कार्यालय में तैनात लेखाकार उमेश कुमार को 9००० रुपए, काशीपुर में मनरेगा के अवर अभियंता (जेई) को दस हजार रुपए और संभागीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) कार्यालय रुद्रपुर के प्रशासनिक अधिकारी को 4००० रुपए रिश्वत लेते गिरफ्त में ले चुकी है। इसी साल प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) में अनियमितता बरतने के मामले में देहरादून जिले के अंतर्गत रायपुर के कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी राजदेव पंवार पर निलंबन का चाबुक चलाया।
भ्रष्टाचार के मामलों में बड़े-बड़े मगरमच्छ भी हवालात भेजे गए। जमीनों की रजिस्ट्री में फर्जीवाड़े और रिकार्ड रूम से दस्तावेज गायब होने के मामलों में भी सरकार ने सख्त रवैया अपनाया। मुख्यमंत्री ने इसकी गंभीरता को समझते हुए स्वयं रिकार्ड रूम का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाएं जांची। इस मामले में अधिवक्ता समेत 13 से अधिक आरोपियों पर शिकंजा कसते हुए उन्हें जेल भेजा गया है। इसी तरह, धामी सरकार ने देहरादून में सरकारी जमीन के फर्जीवाड़े में प्रदेश के प्रमुख होटल व्यवसायी एसपी कोचर की विजिलेंस जांच के आदेश दिए। देहरादून के राजपुर क्षेत्र में सरकारी जमीन कब्जाने के मामले में प्रदेश सरकार ने हाउसिंग सोसायटी विजिलेंस के खिलाफ सीबीआई जांच की संस्तुति की। सीबीआई मामले में नामी उद्योगपति सुधीर विंडलास को गिरफ्तार कर चुकी है।
भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वाले नकल माफिया पर भी कड़ा शिकंजा कसा गया है। यह भी सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम का ही हिस्सा रहा। नकल प्रकरण में 64 से अधिक माफिया और उनके गुर्गों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उनकी 17 करोड़ से अधिक की संपत्ति भी जब्त की गई। धामी सरकार भ्रष्टाचार के प्रकरण में आईएएस राम विलास यादव और आईएफएस किशनचंद को भी गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार के मामलों को पकडऩे के लिए टोल फ्री नंबर 1०64 भी खोला है। ताकि आम आदमी भी सीधे भ्रष्टाचार की शिकायत कर सके। शिकायतकर्ता चाहे तो उनका नाम भी गुप्त रखा जाएगा।

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