धामी- अभिनव की रडार से नहीं बच पायेंगे माफिया

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नशा माफियाओं को सलाखों के पीछे पहुंचाने का तेज हुआ मिशन
कप्तान बोलेः जनपद को नशामुक्त करना पहला संकल्प
उत्तरकाशी(संवाददाता)। उत्तराखण्ड मंे नशा माफियाओं का नेटवर्क भेदने में पुलिस के आला अफसर वर्षों तक सिर्फ हवाबाजी मंे ही तीर चलाया करते थे और रैलियों में गायकार बुलाकर युवाओं को नशे से दूर रखने का संदेश तो दिया जाता रहा लेकिन यह संदेश सिर्फ रैली के समापन होने तक ही परवान चढता था और उसके बाद नशे का ध्ंाधा करने वाले अपने मिशन मंे पहाड से लेकर मैदान तक सफल होते चले गये और उसके चलते सरकारों के माथे पर नशे को लेकर चिंता की लकीरें बढती चली गई। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री के ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड के विजन को धरातल पर उतारने के लिए अब नये डीजीपी ने खुद मोर्चा संभाल लिया है और उन्होंने सभी जनपदों के पुलिस कप्तानों को नशा माफियाओं की जड़ें उखाड फेंकने का फरमान जारी कर दिया है जिसके चलते साफ नजर आ रहा है कि अब धामी और अभिनव की रडार से कोई भी नशा माफिया नहीं बच पायेगा। उत्तरकाशी के पुलिस कप्तान ने संकल्प लिया है कि जनपद को नशामुक्त करना उनका पहला विजन है और चप्पे-चप्पे पर उन्होंने नशा माफियाओं पर अपनी रडार लगा रखी है और इसी के चलते एक नशा माफिया को बडी मात्रा में चरस के साथ गिरफ्तार किया है। मुख्यमंत्री के आगमन से एक दिन पूर्व पुलिस को मिली इस कामयाबी से पुलिस कप्तान काफी गद्गद् नजर आये और उन्होंने नशा तस्कर को पकडने वाली पुलिस टीम को पांच हजार रूपये ईनाम देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी राज्यवासियों को अपना परिवार मानकर उनके सामने आये हर संकट को दूर करने की दिशा में हमेशा अगली पक्ति में खडे हुये नजर आते हैं। उत्तराखण्ड में पिछले लम्बे अर्से से नशा माफियाओं का नेटवर्क पहाड से लेकर मैदान तक इतना विशाल होता चला गया कि वह युवा पीढी को नशे का गुलाम बनाने में सफलता की ओेर तेजी से बढते चले गये। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य को नशामुक्त करने के लिए एक बडा संकल्प लिया क्योंकि उन्हें इस बात की पीडा हमेशा रही कि देश का भविष्य किस तरह से नशे का आदि हो गया है और उसी के चलते युवा पीढी नशे के दलदल में धसती जा रही है।
हैरानी वाली बात तो यह है कि वर्षों से पुलिस मुख्यालय के कुछ बडे अफसर नशा तस्करों पर नकेल लगाने का मीडिया में ढोल तो खूब पीटते रहे लेकिन धरातल पर कभी बडे नशा तस्करों पर नकेल लगाने का वो ऑपरेशन चलता हुआ दिखाई नहीं दिया जिसकी राज्यवासी उम्मीद हमेशा लगाये रहते थे? मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2025 तक उत्तराखण्ड को नशामुक्त करने का विजन अब राज्य के नये डीजीपी अभिनव कुमार को सौंपा है और यह भी कहा है कि नशा माफियाओं का नेटवर्क शत-प्रतिशत भेदा जाये जिससे देश के भविष्य को बचाया जा सके। डीजीपी अभिनव कुमार ने जनपदों के पुलिस कप्तानों को साफ संदेश दे दिया है कि राज्य के अन्दर नशा माफियाओं के खिलाफ बडी कार्यवाही अमल में लाई जाये जिससे उत्तराखण्ड को नशामुक्त करने का मुख्यमंत्री ने जो विजन रखा है उसे धरातल पर सच किया जाये।
कल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी जा रहे हैं और उनके आगमन से पूर्व पुलिस कप्तान ने उन्हें तोहफे के रूप में एक बडे नशा तस्कर को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाकर दिया है। पुलिस कप्तान अर्पण यदुवंशी ने बताया कि जनपद के सदूरवर्ती क्षेत्रों में अवैध नशे, अफीम, चरस की लगातार तस्करी की खबरें मिल रही थी जिस पर उन्होंने पुलिस व एसओजी की टीम को चप्पे-चप्पे पर नजर रखने के लिए एक्टिव किया हुआ है। कप्तान ने बताया कि मोरी पुलिस व एसओजी की टीम ने नशा तस्करों को पकडने के लिए एक बडा जाल बिछाया और उसमंे मोरी का एक नशा तस्कर जयवीर सिंह राणा छह लाख रूपये की चरस के साथ दबोच लिया गया। कप्तान ने बताया कि तस्कर ने खुलासा किया कि यह चरस उसने स्वयं तैयार की थी जिसको अच्छे मुनाफे में बेचने के लिए तराई क्षेत्र में जा रहा था लेकिन पुलिस ने उसे जेपी पुल के पास साढे तीन किलो चरस के साथ गिरफ्तार कर लिया। पुलिस कप्तान ने बताया कि मुख्यमंत्री के ड्रग्स फ्री विजन को धरातल पर उतारने के लिए जनपद में तब तक ऑपरेशन चलता रहेगा जब तक एक-एक नशा तस्कर सलाखों के पीछे नहीं पहुंच जाता।

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