प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड को ड्रग्स फ्री करने का ऐलान होने के बाद से ही नशा माफियाओं की घेराबंदी का चक्र बुना जा रहा है और उस चक्र में छोटे-बडे नशा माफिया फंसते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी का नशा माफियाओं पर आक्रमण जिस तेजी के साथ शुरू हो चुका है उसके चलते उत्तराखण्ड ड्रग्स फ्री की तरफ तेजी के साथ दौडता हुआ नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री देश के भविष्य को नशे के मकडजाल से बाहर निकालने के लिए एक बडी रणनीति के तहत काम कर रहे हैं और उन्होंने डीजीपी को साफ संदेश दे रखा है कि राज्य को 2०25 तक ड्रग्स फ्री करना सरकार का पहला संकल्प है इसलिए नशा माफियाओं की चैन को तोडने के लिए वह रात-दिन एक कर दें। मुख्यमंत्री का विजन सभी जनपदों के पुलिस कप्तान समझ चुके हैं इसलिए पान की दुकान से लेकर हर उस ठिकाने पर पुलिस ने अपनी रडार लगा रखी है जहां से नशा तस्करी होने की सम्भावनायें प्रबल रहती हैं। मुख्यमंत्री के विजन को धरातल पर उतारने के लिए अब डीजीपी ने नशा माफियाओं के खिलाफ युद्ध स्तर पर ऑपरेशन छेडने का आदेश दे दिया है और उसी के चलते हर वो नशा तस्कर पुलिस की रडार में फंसता जा रहा है जो अपने आपको चालाक मानकर स्कूली छात्र-छात्राओं को नशा बेचने के मिशन में आगे बढ रहा है। हरिद्वार पुलिस ने लग्जरी कार में नशे की खेप ले जा रहे तीन तस्करों को उस समय दबोच लिया जब वह हल्द्वानी से देहरादून नशा लेकर आ रहे थे।