दस एक्स सीएम से प्रसि(ि में आगे निकले सीएम

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देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड का जन्म होने के बाद राज्य की जनता ने दस एक्स मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल देखा और उसकी नजर में हर एक्स मुख्यमंत्री अपनी राह पर चलता हुआ नजर आया लेकिन आवाम का दिल जीतने की दिशा में कोई भी एक्स मुख्यमंत्री आज के दौर के मुख्यमंत्री की मधुर शैली पर नहीं चल पाया था? हालांकि तीन एक्स सीएम स्वर्गीय नित्यानंद स्वामी, भगत सिंह कोश्यारी और तीरथ सिंह रावत का कार्यकाल अल्प कार्यकाल रहा। वहीं आवाम को बाइस सालों से बेहतर मुख्यमंत्री के दो साल की सत्ता नजर आ रही है और उनका मानना है कि मुख्यमंत्री न्यायप्रिय शासक हैं जो बिना किसी भेदभाव के आवाम के साथ न्याय कर रहे हैं और उसी के चलते उत्तराखण्ड तेजी के साथ गुलजार हो रहा है। उत्तराखण्ड के एक्स मुख्यमंत्रियों की राह से अलग चलते हुए धामी ने सत्ता चलाने का जो पैमाना तय किया वह देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को भी खूब रास आ रहा है। पौडी में भाजपा नेता के पुत्र और उसके साथियों ने जब अंकिता हत्याकांड को अंजाम दिया तो उसके बाद मुख्यमंत्री ने धाकड फैसले लेते हुए गुनाहगारों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए एसआईटी को बडी एजेंसियों की तरह जांच करने का आदेश दिया था और उसी का परिणाम है कि एसआईटी ने अंकिता हत्याकांड में शामिल सभी गुनाहगारों के खिलाफ मजबूत साक्ष्य एकत्र किये जिससे गुनाहगारों को उनके गुनाह की ऐसी सजा दिलाई जा सके जो उत्तराखण्ड के अन्दर एक नजीर बने कि उत्तराखण्ड में अगर किसी अबला के साथ कोई गुनाह किया तो चाहे वह कितना भी पॉवरफुल क्यों न हो उसे ऐसी सख्त सजा मिलेगी कि कोई भी ऐसा गुनाह करने का दुसाहस नहीं कर पायेगा।
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी एक नई सोच के युवा राजनेता हैं और सत्ता चलाने के लिए वह परिपक्व होकर राज्यहित में जो फैसले ले रहे हैं वह राज्य की जनता को खूब रास आ रहे हैं। युवाओं के साथ राज्य के अन्दर नौकरियों को लेकर जो साजिशों का खेल कुछ पूर्व सरकारों के कार्यकाल में हुआ और नकल माफिया अपने खेल में सफल होते रहे वह युवाओं के सपनों को तोडता चला गया? उत्तराखण्ड की सत्ता दस एक्स पूर्व मुख्यमंत्रियों के हाथ में रही लेकिन कोई भी एक्स मुख्यमंत्री आवाम की अदालत में बेहतर शासक नहीं बन पाया था? किसी एक्स मुख्यमंत्री ने अपने आपको जनसेवक मानकर आवाम का दिल जीतने की दिशा में ऐसी पहल नहीं की जिसके चलते राज्यवासी उन्हें बेहतर शासक के रूप में याद करते रहे?
पुष्कर सिंह धामी को जब दो साल पूर्व राज्य का मुख्यमंत्री बनाया तो उन्होंने साफ ऐलान किया कि वह जनसेवक के रूप में आवाम की सेवा करेंगे और अपने इस संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए उन्होंने जिस विजन के साथ अपने कदम आगे बढाये उसके चलते विपक्ष की नींद उडी हुई है? उत्तराखण्ड के अन्दर पनपते आ रहे भ्रष्टाचार, घोटाले, माफियागिरी, दलाली प्रथा पर पुष्कर ंिसह धामी ने बडा प्रहार किया और साफ संदेश दिया कि उत्तराखण्ड को 2०25 तक आदर्श राज्य बनाना है और उसी दिशा में वह सफलता की सीढी चढते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी न्यायप्रिय शासक के रूप में उभर कर जिस तरह से सामने आये हैं उसको लेकर राज्यवासियों के मन में एक नई उमंग जाग चुकी है कि अब उनके सपनों का उत्तराखण्ड उन्हें मिलने लगा है। पौडी में जब अंकिता भण्डारी हत्याकांड हुआ तो मुख्यमंत्री ने गुनाहगारों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए एक बडी एसआईटी का गठन किया और साफ संदेश दिया था कि गुनाहगारों के खिलाफ वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य एकत्र कर उन्हें ऐसी सजा दिलाई जायेगी जिसे देखकर कोई भी ऐसा गुनाह करने का सपना भी न देख सके। अंकिता भण्डारी हत्याकांड में एसआईटी की बेहतर जांच का ही परिणाम है कि गुनाहगार आज भी सलाखों के पीछे हैं।

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