डीजीपी के यातायात प्लान से सड़कों पर सरपट दौडेंगे वाहन

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मिशन चालान नहींः यातायात बेहतर करने का मिला विजन
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड में वर्षों से सरकार राजधानी में तार-तार होती यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए खूब माथापच्ची करती रही लेकिन पुलिस का कोई भी बडा अफसर शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने में कभी कामयाब नहीं हो पाया था। आवाम यह देखकर हैरान होती थी कि पुलिस का मिशन सिर्फ वाहनों के चालान काटने तक ही सीमित होता था और सड़क पर लगे वाहनों के लम्बे जाम को खत्म करने के लिए वह अपने कदम आगे भी नहीं बढाते थे? शहर पुलिस सडकों पर खडी नजर जरूर आती थी लेकिन उसका मुख्य उद्देश्य चालान कर सरकारी खजाना भरने का ही हमेशा दिखाई देता था जिससे एक छोटे से शहर की यातायात व्यवस्था हमेशा चरमराई रहती थी। अब राज्य के नये डीजीपी नई सोच के साथ शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में जाम की नब्ज पकडने में कामयाब हो गये और उन्होंने इस बात का आंकलन किया कि सडकों पर खडी पुलिस का अधिक ध्यान सिर्फ चालान करने में ही लगता था जिस कारण शहर के जाम को खुलवाने में वह दिलचस्पी नहीं दिखाते थे? अब डीजीपी के यातायात प्लान से शहर की उन सडकों पर सरपट वाहन दौडेंगे जहां आये दिन जाम से वाहनों की लम्बी-लम्बी कतारें लगी रहती थी। डीजीपी का साफ मिशन है कि सडकों पर यातायात पुलिस मिशन चालान की ओर से अपना ध्यान शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर करने में ही लगायेगी जिससे राजधानीवासियों को सडकों पर अपने वाहन आजादी से दौडाने मंे कामयाबी मिलेगी।
उत्तराखण्ड बनने के बाद से ही अस्थाई राजधानी के शहर में वाहनों के जाम से निजात दिलाने के लिए पूर्व सरकारों और बडे-बडे पुलिस अफसरों ने दावे तो खूब किये थे लेकिन उनके यह दावे सिर्फ मीडियाबाजी तक ही सीमित होकर रह गये थे। हैरानी वाली बात है कि सरकार को बार-बार शहर की यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पुलिस मुख्यालय के बडे अफसरों को संदेश देना पडा कि यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाया जाये। राजधानी के अन्दर सीपीयु, यातायात पुलिस और थाना चौकियों की पुलिस भी सडकों पर लगने वाले जाम से आवाम को राहत दिलाने मंे हमेशा कामयाबी की सीढी नहीं चढ पाई थी। इससे बाहर से आने वाले पर्यटकों को भी आये दिन जाम के झाम में फंसना पडता था। अब उत्तराखण्ड पुलिस की कमान नई सोच रखने वाले युवा डीजीपी अभिनव कुमार के हाथों में है और राज्य बनने के बाद से ही वह अस्थाई राजधानी की बद से बदतर होती रही यातायात व्यवस्था से खूब रूबरू रहे हैं। यही कारण है कि डीजीपी अभिनव कुमार ने चारो मैदानी जिलों में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में बडी रणनीति के साथ काम करना शुरू कर रखा है।
डीजीपी अभिनव कुमार ने सबसे पहले देहरादून शहर में वाहनों के लगने वाले जाम से वाहन चालकों को निजात दिलाने के लिए यातायात निदेशक के साथ मंथन और चिंतन किया और उसके बाद उन इलाकों को चिन्हित किया गया जहां हमेशा जाम की समस्या बनी रहती है। यातायात टीम ने बोटल नेक चौराहे चिन्हित किये और उसके बाद शहर में कुछ स्थानों पर स्पीड पर नियंत्रण रखने के लिए डिजिटल बोर्ड लगाये हैं जिससे अकसर होने वाले हादसों से वाहन चालकों को बचाया जा सके। डीजीपी अभिनव कुमार ने पुलिस को अब चालान पुलिस बनाने के बजाए शहर की यातायात व्यवस्था बेहतर बनाने का मिशन सौंपा है और इस मिशन के तहत अब यातायात पुलिस चालान काटने में अपना समय बीताने के बजाए वाहनों को सरपट सडकों पर दौडाने के लिए बडे विजन के साथ काम करती हुई दिखाई दे रही है। सडकों पर पुलिस के इस विजन को देखकर आये दिन जाम मंे फंसने वाले वाहन चालकों के मन में एक प्रसन्नता है कि अब उन्हें जाम के झाम से निजात मिल रही है। यह बात सही है कि जब किसी विभाग का निजाम बडे विजन के तहत कोई काम करने के लिए आगे आता है तो वहां बदलाव की बयार जरूर देखने को मिलती है और यही बदलाव अब शहर की सडकों पर दिखाई दे रहा है जहां वाहन सरपट दौडते हुए नजर आ रहे हैं।

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