प्रमुख संवाददाता
देहरादून। सिनेमा के पर्दे पर शहनशाह नामक एक हिन्दी फिल्म खूब सुर्खियां बटोर गई थी और इस फिल्म मंे शहनशाह रात के अंधेरे में भेष बदलकर लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए आगे आता था। फिल्म शहनशाह का रिमेक उत्तराखण्ड की राजधानी में हमेशा देखने को मिलता आ रहा है और ऐसा ही एक दृश्य सर्द रातों में जरूरतमंदों को कम्बल बांटते हुए खुद राज्य के मुखिया दिखाई दिये तो हर कोई यह कहने से नहीं चूका कि यह मुख्यमंत्री तो इंसान के रूप में गरीबों का मसीहा है। मुख्यमंत्री की उदारता देखकर झुगियों मंे रहने वाले लोगों के चेहरे खिलखिला गये और यह बात उठी कि पुष्कर सिंह धामी मानवता की मिसाल बन चुके हैं जिन्हें गरीबों का दर्द महसूस होता है और उसी के चलते वह उनके सामने आकर प्रकट हो जाते हैं। सर्द हवाओं में झुग्गी झोपडियों में रहने वाले लोगों के सामने अपने आपको ठंड से बचाना एक बडी चुनौती बना हुआ है लेकिन राज्य का शहनशाह बने मानवता की मिसाल पुष्कर सिंह धामी ने रात्रि में अपनी टीम के साथ उन्हें कम्बलों का तोहफा देकर उन्हें एक बडा सुकून दिया है।
उत्तराखण्ड के इतिहास मंे पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है कि राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अकसर रात के अंधेरे में आवाम से मिलने के लिए कभी आईएसबीटी तो कभी घंटाघर तो कभी किसी मिठाई की दुकान में पहुंचकर वहां मौजूद लोगों से दिल खोलकर मुलाकात करते हैं और उनके साथ राज्य को आगे बढाने को लेकर मंथन भी करते हैं। राजधानी में इन दिनों सर्द हवाओं से गरीबों के सामने अपने आपको ठंड से बचाना एक बडी चुनौती बना हुआ है और वह अपने परिवार के साथ इस ठंड में पिछले कुछ दिनों से शायद ठंड की पीडा महसूस कर रहे थे। राजधानी में ठंड का अनुभव मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी था तो वह अपनी टीम के साथ आईएसबीटी की ओर झुग्गियों में रहने वाले लोगों को कम्बल बांटने के लिए पहुंच गये। अपने बीच उत्तराखण्ड के मसीहा को पाकर वहां रहने वाले मासूम बच्चों से लेकर बडों के चेहरे खिलखिला गये। मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने जरूरतमंदों को कम्बल बांटने शुरू किये और जिस झुग्गी में जितने लोग मौजूद थे उन्हें उतने ही कम्बल मानवता की मिसाल बने पुष्कर सिंह धामी ने दिये। मुख्यमंत्री की इस उदारता को देखकर झुग्गियों में रहने वाले गरीबों के चेहरे खिलखिला गये और उन्होंने मुख्यमंत्री की इस उदारता पर उन्हें दिल से खूब दुआ दी कि जहां ऐसा मुख्यमंत्री है वहां की जनता कभी भी अपने आपको असुरक्षित महसूस नहीं कर सकती।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उदारता किसी से छिपी नहीं है वह ग्लोबल इंवेस्टर समिट के कामकाज का निरीक्षण करने जब निकले थे तो उन्होंने मजदूरों को नमन करके उनका हौसला बढाया था तो वहीं ग्लोबल इंवेस्टर के समापन के बाद विकास पुस्तिका के विमोचन के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने वहां काम करने वाले मजदूरों के साथ मिलकर एक साथ खाना खाकर यह संदेश दिया था कि उनके राज्य में सब एक बराबर हैं। मुख्यमंत्री की इस मानवता ने पुष्कर ंिसह धामी को देश-विदेश में काफी प्रसिद्ध कर दिया है क्योंकि राज्य के मुखिया एक दिल अजीज राजनेता हैं जो हमेशा गरीबों के मसीहा बनकर उनके साथ खडे नजर आते हैं और आईएसबीटी पर उन्होने जिस तरह से वहां चाय की दुकान मंे जाकर चाय की चुस्कियां ली तो वहीं दुकानदार से यह फीडबैक भी लिया कि उन्हें परेशानी तो नहीं है। गरीबों के मसीहा बने पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड के अन्दर मानवता की मिसाल बन चुके हैं।