बाबा बौखनाग के आशीर्वाद से पुष्कर ने बचाई जिंदगियां

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उत्तरकाशी(चिरंजीवी सेमवाल)। उत्तरकाशी के सिलक्यारा की टनल में 41 श्रमिकों के फंसे होने के कारण डबल इंजन सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें पडी हुई थी। श्रमिकों को टनल से एक नया जीवनदान देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद मोर्चा संभाला हुआ था और वह रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान संभालकर श्रमिकों को बिना किसी जोखिम के बाहर निकालने के लिए सभी टीमों के साथ मंथन और चिंतन करके आगे बढ रहे थे। टनल से सभी श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए जब विज्ञान फेल होने लगा तो आस्था का सहारा लिया गया और मुख्यमंत्री से लेकर आस्ट्रेलिया के विशेषज्ञ ने बाबा बौखनाग के सामने शीश झुकाकर उनसे सभी श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने का आशीर्वाद मांगा तो बाबा बौखनाग के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सत्रह दिन से टनल की अंधेरी गुफा में कैद जिंदगियों को आखिरकार आज बचा ही लिया और मंगल के दिन उत्तराखण्ड में जिस तरह से बडा मंगल हुआ है उससे देशभर के लोगों में यह संदेश चला गया कि जहां विज्ञान हार जाता है वहां आस्था की जीत होती है्र यह सबकुछ देशवासियों ने अपनी आंखों से देखा जब देश-विदेश से आई मशीनें श्रमिकों को बचाने में फेल होने लगी तो डबल इंजन के मुख्यमंत्री और केन्द्र के चंद मंत्रियों ने जब बाबा बौखनाग के सामने सभी श्रमिकों को सकुशल बचाने का आशीर्वाद मांगा तो बाबा ने प्रसन्न होकर टनल में फंसी जिंदगियों को एक नया जीवनदान दे दिया।
आज सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जब टनल में चल रहे ऑपरेशन को देखनेे के लिए पहुंचे तो उन्होंने सबसे पहले बाबा बौखनाग का आशीर्वाद लिया और उनके सामने शीश झुकाकर आशीर्वाद मांगा कि टनल में सत्रह दिनों से फंसे श्रमिकों को बचा लें। बाबा बौखनाग के आशीर्वाद से आज दोपहर टनल में चलाया जा रहा लम्बा ऑपरेशन आखिर सत्रहवें दिन सफल हो गया और मंगल के दिन श्रमिकों और उनके परिवार वालों का मंगल कर गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए जिस तरह से विज्ञान के साथ आस्था का सहारा लिया और वह कैम्प लगाकर उत्तरकाशी में ही डेरा डालकर रहे उससे श्रमिकों के परिजनों में एक विश्वास की भावना बनी हुई थी कि जब खुद मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू ऑपरेशन का मोर्चा संभाला हुआ है तो उन्हें उम्मीद है कि उनके अपने जल्द से जल्द टनल से बाहर आयेंगे। आज मुख्यमंत्री को सुबह से ही उम्मीद थी कि श्रमिकों को बचाने का ऑपरेशन बाबा बौखनाग के आशीर्वाद से सफल हो जायेगा और दोपहर में यह ऑपरेशन जब सफलता की सीढी चढा तो देश भर में खुशी की एक लहर दौड गई और उसके बाद जब टनल में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में ऑपरेशन शुरू हुआ तो श्रमिकों का स्वागत फूल मालाओं से करने के लिए टनल के अन्दर फूल मालायें पहुंचाई गई। मुख्यमंत्री और उनकी टीम के अफसरों के चेहरों पर आज एक नई मुस्कान देखने को मिली क्योंकि यह रेस्क्यू ऑपरेशन देश के इतिहास का सबसे बडा ऑपरेशन चल रहा था जिसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज आखिरकार सफल कर श्रमिकों की जिंदगियां बचाकर उनके परिवार को मंगल के दिन उनके मंगल होने का सबसे बडा तोहफा दे दिया।

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