रोजगार को दिया जाये मौलिक अधिकार का दर्जा

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देहरादून(नगर संवाददाता)। एक वोट, एक रोजगार के संयोजक प्रवीण काशी ने कहा है कि केन्द्र सरकार को रोजगार को मौलिक अधिकार का दर्जा देकर एक कानून बनाना चाहिए जिससे बेरोजगारों को रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र में केन्द्र सरकार को इसका समाधान करना चाहिए और इसके लिए वह प्रदेश की अस्थाई राजधानी देहरादून से यात्रा निकाली गई जो बनारस पहुंचकर समाप्त होगी।
यहां परेड ग्राउंड स्थित उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने शीतकालीन सत्र में यदि रोजगार को मौलिक अधिकार नहीं बनाया गया तो वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकसभा बनारस से बेरोजगारों के प्रतिनिधि के रूप में विरोध स्वरूप नामांकन करेंगे । उन्होंने कहा कि देवभूमि देहरादून से उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ से हरी झण्डी लेकर प्रवीण काशी पहले राजघाट (दिल्ली), फिर मथुरा, अयोध्या होते हुए बनारस पहुंचेंगें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो करोड़ बेरोजगारों को प्रतिवर्ष रोजगार का वायदा किया लेकिन आज तक कोई ठोस पहल नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि वास्तविकता पांच किलोग्राम अनाज है। उन्होंने कहा कि हम बेरोजगार अपना जीवन सम्मान के साथ जीना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम टैक्स पेयर बनना चाहते हैं अमीरों के टैक्स पर मुफ्त अनाज, बिजली, पानी या बेरोजगारी मत्ता नहीं चाहते। यदि हमारे सांसदों और विधायकों को लाखों रूपये वेतन और भत्ते मिल सकते हैं तो हम वोटरों को सम्मानजनक रोजगार क्यों नहीं मिल पा रहा है जिससे बेरोजगारों में रोष बना हुआ है। उन्होंने कहा कि देश में बहुत से कानून बने हैं लेकिन सम्मान से जीवन जीने के लिए सबसे जरूरी रोजगार को मौलिक अधिकार कानून नहीं बनाया गया। उन्होंने कहा कि कानून बनाने का काम संसद का है देश के बेरोजगारों और उनके परिवारजनों की मांग है कि रोजगार मौलिक अधिकार बने। अब हम देश की संसद से रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने की मांग करते हैं और केन्द्र सरकार को इस ओर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि यह आन्दोलन जय श्री राम, जय श्री राम बूढ़ों को पेंशन, जवानों को काम के नारे के साथ गाँव-गाँव तक अपनी बात को पहुँचाकर जनता को जागरूक करने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि अब से तीस वर्ष पहले शुरू की गई नव उदारवादी नीतियों वर्ष 1991 में नरसिम्हाराव सरकार के वित्तमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह जो बाद में दो बार प्रधानमंत्री बने के आर्थिक सुधारों जिसे भाजपा की नरेन्द्र मोदी सरकार ने दिन दुगुनी रात चौगुनी गति से आगे बढ़ाया के चलते हमारा देश भारतवर्ष अपने बच्चों की जिम्मेदारी छोड़कर पीछे हट गया और निर्दयी निजी क्षेत्र अपने कर्तव्यों जिम्मेदारी का वहन नहीं कर पाया। उन्होंने कहा कि इसके फलस्वरूप देश के प्राकृतिक संसाधनों की कीमत पर हवा, पानी और मिट्टी को जहरीला बनाकर महान सनातनी लोकतंत्र भारतवर्ष के एक प्रतिशत लोगों के लिए अपार दौलत का सृजन हुआ लेकिन बाकी 99 प्रतिशत लोगों के सम्मानजनक जीवन जीने के लिए जरूरी रोजगार का सृजन शून्य और नेगेटिव हो गया। उन्होंने कहा कि परिणामस्वरूप मां बाप के लाडले और लाडलियों करोड़ों की संख्या डिप्रेशन में हैं तथा नशा, अपराध और आत्महत्या के रास्ते पर चलने को विवश है। इस अवसर पर उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा है कि एक वोट, एक रोजगार रोजगार मौलिक अधिकार बने के लिए राज्य भर में भी संघर्ष किया जायेगा। उन्होंने कहा कि हम भारत के युवा भारत के नागरिकों के लिए सरकार की इस गैर जिम्मेदाराना नीति और रवैये को अस्वीकार एवं निषेध करते हैं। साथ ही नये भारतीय रोजगार तंत्र (भा. र. त.) को बनाने का आहवान करते हैं और इसके अनुरूप कार्य किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नये भा. र. त. भारतीय रोजगार तंत्र) को बनाने के लिए वोटों से बनने और वोटरों के टैक्स से चलने वाली भारत सरकार को प्रत्येक वोटर के रोजगार के प्रति उत्तरदायी बनाएं। उन्होंने कहा कि इसका अर्थ है कि रोजगार सृजन करने की जिम्मेदारी सरकार और उसके विभिन्न विभागों और संस्थाओं और उनके निर्देशन में काम करने वाले बैंकों की है।
उन्होंने कहा कि एक वोट पर एक रोजगार यानि सभी वोटरों के सम्मानजनक जीवन के लिए रोजगार मौलिक अधिकार बने और केन्द्र सरकार को इस शीतकालीन सत्र में इसे अमलीजामा पहनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ़ जातिगत जनगणना के साथ बेरोजगारों की जनगणना भी तुरन्त की जाए। सभी खाली पदों को पारदर्शिता के साथ तुरन्त भरा जाए। सभी गिग, प्लेटफॉर्म ऐप, खेत, दुकान, मकान, रेहड़ी, कुली, कम्पनी, एन.जी.ओ., राजनीतिक दलों, ट्रस्ट व अन्य सभी क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों को कर्मचारी की मान्यता और दर्जा दो तथा उनके परिवार की सामाजिक सुरक्षा की गारन्टी की जाये। उन्होंने कहा कि न्यूनतम मजदूरी की जगह श्आजीविका मजदूरी कानून बने व इसके क्रियान्वयन के लिए ब्लॉक स्तर एवं नगर स्तर पर ट्रिब्युनल बनाया जाए तथा पंचायत एवं नगरपालिका स्तर पर रोजगार कार्यालय बनाये जाये और इस बार जब राजनीतिक दल और चुनाव में खड़े होने वाले उम्मीदवार सामने आयें तो उनको उपरोक्त नीति को स्वीकार करायें और निर्वाचित होने पर संसद और सरकार से इस नई नीति और कार्यक्रम को लागू करवाकर हर हाथ को काम दिलवाने की अपनी जिम्मेदारी को पूरा करेंगे। इस अवसर पर देवभूमि की अस्थाई राजधानी देहरादून के प्रेस क्लब से उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने एक वोट एक रोजगार आन्दोलन के संयोजक प्रवीण काशी को देहरादून से बनारस के लिए हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर बेरोजगार संघ के अनेक पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित रहे।

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