लोकसभा चुनाव में जनता बना चुकी परिवर्तन का मन

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देहरादून(नगर संवाददाता)। पौडी संसदीय क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मनीष खंडूडी ने कहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए जनता परिवर्तन का मन बना चुकी है और केन्द्र एवं राज्य सरकार की जन विरोधी नीतियों से जनता में व्यापक स्तर पर आक्रोश है।
यहां कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि पौडी संसदीय क्षेत्र के कई स्थानों पर कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों की बैठक आहूत की गई और जनता से भी संवाद स्थापित किया गया। उन्होंने कहा कि संगठन शक्तिशाली और कार्यकर्ता आगामी 2०24 लोकसभा की तैयारी को लेकर उत्साहित है और जनता भी उत्साहित है और वह अब परिवर्तन का मन बना चुकी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र में सत्तासीन होने पर अग्निवीर योजना को समाप्त कर दिया जायेगा और अभी केन्द्र की अग्निवीर योजना पूरी तरह से विफल साबित हुई है।
उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम में सोना चोरी प्रकरण, गर्भ गृह में फिर से कैमरा ले जाना, अंकिता भंडारी हत्याकांड पर न्याय नहीं मिलना, महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है इस पर ध्यान नहीं दिया जाना अपने आप में चुनौती पूर्ण है और सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि सिलक्यारा टनल में फंसे 41 श्रमिकों को दस दिन व्यतीत होने के बाद भी बाहर नहीं निकाला गया है यह सरकार की उदासीनता का नतीजा है, कांग्रेस इस पर किसी भी प्रकार की कोई राजनीति नहीं कर रही है और भाजपा के प्रवक्ता अनावश्यक रूप से अनर्गल आरोप लगा रहे है।
इस अवसर पर मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी न सिलक्यारा टनल घटना पर केंद्र और राज्य सरकार को चौतरफा घेरा। दसौनी ने कहा की सिलक्यारा की घटना ने केंद्र और राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन के दावों की कलई खोल कर रख दी है । इस अवसर पर दसौनी ने कहा कि भाजपा को केंद्र में साढ़े नौ साल और राज्य में सात साल हो चुके हैं और यह एक लंबी अवधि होती है और इस दौरान सत्तारूढ़ दल के द्वारा नारों और जुमले तो कई दीए गए लेकिन धरातल पर स्थिति क्या है यह सिलक्यारा घटना से आईने की तरह साफ हो गया है।
दसौनी ने कहा कि आखिर सिलक्यारा में कौन से रहस्य छुपे हैं जो सरकार ना तो मजदूरों के परिजनों को मीडिया से मुखातिब होने दे रही है और ना ही अपने अधिकारियों और मंत्रियों को इस पर कोई बयान देने दे रही है। दसौनी ने सवाल किया कि आखिर सरकार क्या छुपाना चाहती है। दसौनी ने प्रेस वार्ता में नवोदय कंपनी से राज्य सरकार की साठ गांठ का भी आरोप लगाया ।
दसौनी ने कहा कि जिस नवोदय कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड खराब रहा हो और इसके ऊपर बीते अगस्त में महाराष्ट्र के ठाणे में 2० मजदूरों के मौत का आपराधिक मुकदमा दर्ज हो उस कंपनी को ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का 2००० करोड़ से भी ज्यादा का काम किस आधार पर दिया गया है। दसौनी ने कहा कि यहां उत्तराखंड की सरकार सिर्फ मीडिया मैनेज और हैडलाइन मैनेज करने पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं यदि इतना ही ध्यान प्रदेश में चल रहे निर्माण कार्यों पर दिया होता तो आज ये हश्र ना हुआ होता। दसौनी ने कहा कि अंदर फंसे हुए 41 मजदूरों का सब्र अब जवाब दे रहा है। उन्होंने कहा कि उम्मीद की किरण दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है ऐसे में जरूरत थी कि उन मजदूरों की बात किसी मनोवैज्ञानिक से कराई जाती और उन्हें इस मुश्किल घड़ी में कैसे खुद को संभालना है यह बताया जाता परंतु भाजपा में सिर्फ और सिर्फ हैडलाइन लेने की होड़ मची रहती है। दसौनी ने कहा कि 1० दिन से 41 मजदूर अंदर फंसे हैं प्रभारी मंत्री 1० दिन में पहुंचे है और पीडब्ल्यूडी मंत्री भी नदारद है इससे पता चलता है कि भाजपा गरीब लोगों की जान के लिए कितनी संवेदनहीन है।
दसौनी ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि यही 41 लोग यदि अमीर घरानों के और रसूखदार लोग होते तो आज तक तो पूरे देश की राजनीति में जलजला आ चुका होता परंतु क्योंकि यह मजदूर गरीब और मजलूम है इसलिए इनकी जान की सरकार के लिए कोई कीमत नहीं है। दसौनी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री उत्तराखंड आकर बेतुकी बयान बाजी कर उत्तराखंड के जख्मों पर और नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं। दसौनी ने कहा कि राज्य सरकार सिलक्यारा टनल को अपनी प्रयोगशाला समझकर हिट एंड ट्रायल कर रही है, जहां इस घटना की जवाब देही और जिम्मेदारी सरकार की होनी चाहिए और कटघरे में भी राज्य सरकार होनी चाहिए वहीं उल्टा भाजपा के लोग विपक्ष को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि विकास विरोधी और राष्ट्र विरोधी तक का तमगा विपक्ष को पहनाया जा रहा है । दसौनी ने कहा कि विपक्ष विकास विरोधी कतई नहीं है लेकिन उत्तराखंड को विकास लोगों की जान की और अपने पर्यावरण की कीमत पर तो बिल्कुल नहीं चाहिए।
उन्होंने कहा कि चुनाव में माइलेज लेने की होड़ में जल्दबाजी में जो ऑल वेदर रोड का काम कराया जा रहा है वह निश्चित रूप से आत्मघाती और विनाशकारी है। दसौनी ने कहा की उत्तराखंड जैसे भौगोलिक विषमताओं वाले राज्यों में निर्माण कार्य करने से पहले हर तरह का सर्वेक्षण कर लेना बहुत जरूरी है। इस अवसर पर दसौनी ने वार्ता के दौरान यह भी कहा कि भाजपा को यह मुगालता है कि सारे बुद्धिजीवी उन्हीं के दल में है जबकि यह प्रादेशिक चुनौती है और इसे सबको मिलकर सामना करना चाहिए ऐसे में बहुत जरूरी हो जाता है कि राज्य सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाए और राज्य के अनुभवी और बुद्धिजीवी लोगों को उस बैठक में आमंत्रित करके इस चुनौती से निपटने का रास्ता खोजे। इस अवसर पर वार्ता में प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट आदि शामिल रहे।

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