केंद्री मंत्री नितिन गडकरी व पुष्कर धामी पहुंचे सिलक्यारा
वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए चार स्थानों की पहचान हुई, ट्रैक बनाने का काम बीआरओ को सौंपा
उत्तरकाशी(चिरंजीव सेमवाल)। उत्तरकाशी के सिलक्यारा में टनल का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त होने से उसमें आये मलवे के कारण 41 श्रमिक पिछले सात दिन से फंसे हुये हैं और इन सबको सकुशल बाहर निकालने के लिए देश के प्रधानमंत्री से लेकर राज्य के मुख्यमंत्री बडी रणनीति के तहत टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन चलवा रहे हैं और सबसे बडी बात यह है कि इस ऑपरेशन में किसी को कोई दिक्कत न हो इसलिए बडे संभलकर ऑपरेशन चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने अपनी किचन टीम के साथ मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल बनाने की दिशा में दिन-रात एक कर रखा है और अब पांच रास्तों से टनल में प्रवेश करने का बडा प्लान तैयार किया गया है। वहीं आज केन्द्र के केन्द्रीय सडक परिवहन मंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री सिलक्यारा पहुंचे जहां उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीमांे से फीड बैक लिया और किस तरह से यह ऑपरेशन अब आगे चलेगा इसको लेकर बडा प्लान धरातल पर उतारने का मिशन शुरू हो रहा है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में तकनीक के साथ आस्था का भी सहारा लिया जा रहा है और यह ऑपरेशन जल्द से जल्द सफलता की ओर आगे बढे इसके लिए भगवान की भी पूजा अर्चना की जा रही है।
उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। बता दें रेस्क्यू का रविवार आठवां दिन है। और अब फंसे श्रमिकों का धैर्य भी जवाब देने लगा है।
आज सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सुबह उत्तरकाशी में रेस्क्यू कार्यों का जायजा लेने के लिए पहुंच हैं। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचने के बाद वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ हेलिकॉप्टर से उत्तरकाशी पहुंचें। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सिल्क्यारा सुरंग का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद समीक्षा वर्ग बैठक ले रहे हैं। वही सिलक्यारा सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग के लिए अस्थायी मार्ग तैयार कर लिया गया है। जिसके बाद ऊपर एक पोकलैंड मशीन पहुंची है।
सुरंग में फंसे मजदूर के रेस्क्यू में अभी चार से पांच दिन और लग सकते हैं। सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए तकनीक के साथ आस्था का भी सहारा लिया जा रहा है। क्षेत्र के ग्रामीणों के दबाव पर अब कंपनी प्रबंधन ने सुरंग के बाहर बौखनाग देवता का मंदिर स्थापित किया है। पहले इस मंदिर को हटाकर सुरंग के अंदर कोने में स्थापित किया गया था। सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए अब पहाड़ के ऊपर और साइड से ड्रिलिंग होगी। वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए चार स्थानों की पहचान की गई है, वहां तक पहुंचने के लिए ट्रैक बनाने का काम सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को सौंपा गया है। विदेशी विशेषज्ञों की मदद से पांच विकल्पों पर केंद्र और राज्य की छह टीमें आज से काम शुरू कर रही हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी सीएम पुष्कर सिंह धामी, उत्तराखंड के मुख्य सचिव एस एस संधू भी साथ में हैं ।साथ सिलक्यारा पहुंचे हैं जहां एनएचआरटीसीएल एवं जिला प्रशासन सहित तमाम एक्सपर्ट के साथ बैठक कर रहे हैं।
उत्तरकाशी हादसे को लेकर मुख्यमंत्री संवेदनशील
देहरादून। उत्तरकाशी टनल हादसे के चलते जयपुर का चुनावी दौरा बीच में छोड़ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून लौट आए। इससे मुख्यमंत्री ने संदेश दिया कि मानवता से बड़ी कोई चीज नहीं है। देहरादून लौटते ही सीएम फिर बचाव व राहत कार्यों की समीक्षा में जुट गए। अधिकारियों से अपडेट लिया। मौके पर पहुंच रहे मजदूरों के परिजनों के लिए भी सहायता केंद्र बनाने और जरूरी सुविधाएं जुटाने को कहा है। मुख्यमंत्री ने मजदूरों को बचाने के लिए देश-विदेश में हुए टनल हादसों की जानकारी ली। यह पता किया जा रहा है कि कैसे इन हादसों से लोगों को बचाया गया था। इस जानकारी को ऑपरेशन में शामिल एजेंसियों से साझा किया जा रहा है।
उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल हादसे को लेकर मुख्यमंत्री ने पहले दिन से ही संवेदनशीलता का परिचय दिया है। पहले दिन मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को मौके पर रवाना कर मजदूरों की कुशलक्षेम पूछी। पहले दिन ही टनल के अंदर पाइपों के जरिए ऑक्सीजन भेजी गई। साथ ही खाने पीने की चीजें, भोजन भी भेजना शुरू किया। दूसरे दिन व्यस्ततम कार्यक्रम में से समय निकालकर मुख्यमंत्री खुद मौके पर पहुंचे। अधिकारियों व बचाव दल के लोगों से रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। वॉकी टॉकी के जरिए मुख्यमंत्री ने मजदूरों से बातचीत कर कुशलक्षेम भी जानी।
मुख्यमंत्री ने ऑपरेशन में देरी देखी तो इंदौर, मध्य प्रदेश से बुधवार देर रात देहरादून लौटकर सबसे पहले इसी की समीक्षा की थी। रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट लिया और मुख्य सचिव को अलर्ट रहने का निर्देश दिया था। अब भी मुख्यमंत्री जरूरी कार्यों के अलावा उत्तरकाशी टनल हादसे पर नजर बनाए हुए हैं।