जमीन ठगी से मच सकता है सियासी भूचाल?

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। सरकार के मुखिया भ्रष्टाचार और माफियागिरी पर प्रहार करने का खुला संदेश देकर उन पर कार्यवाही करने के मिशन में आगे बढे हुये हैं। अस्थाई राजधानी मे ंजिस तरह से फर्जी तरीके से सरकारी जमीनों को बेचने और उन पर कब्जा करने का खेल होता रहा है उसकी परतें अब पुष्कर राज में एक के बाद एक खुलनी शुरू हो गई हैं और अब पौंधा में आईएएस और आईपीएस अफसरों को धोखे में रखकर उन्हें फर्जी जमीन बेचने का मामला राज्य के गलियारों में अब उफान पर आ गया है और इस ठगी ने उत्तराखण्ड के अन्दर एक नया भूचाल लाकर खडा कर दिया है। जमीन घोटाले का आरटीआई से खुलासा करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट अब इस ठगी को लेकर अब उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने का मन बना चुके हैं और अगर ऐसा हुआ तो जमीन ठगी का मामला उच्च न्यायालय में भी गंूजता हुआ नजर आयेगा? इस ठगी पर राज्य के मुख्यमंत्री क्या एक्शन लेंगे यह अभी भी एक बडा सवाल बना हुआ है? वहीं जमीन ठगी प्रकरण पर विपक्ष की भी नजरें दौड गई हैं और ऐसी आशंकायें भी पनपने लगी है कि आने वाले दिनों में जमीन ठगी से सियासी भूचाल भी मच सकता है?
उल्लेखनीय है कि आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश सिंह नेगी ने आरटीआई से खुलासा किया कि पौंधा में एससी, गोल्डन फोरेस्ट की जमीनों को कुछ माफियाओं ने एक षडयंत्र के तहत राज्य के काफी आईएएस और आईपीएस अफसरों को बेचकर उनके साथ बडी ठगी की है और सरकार से यह भी मांग कि की इस मामले की सीबीआई जांच कराई जाये क्योंकि यह ठगी राज्य के आईएएस और आईपीएस अफसरों के साथ हुई है और यह मामला बहुत गम्भीर है। पौंधा में राज्य के अफसरों को धोखे से फर्जी जमीन देने के मामले में काफी उबाल आ रखा है और यह सवाल खडा हो रहा है कि आखिरकार राज्य के अफसरों के साथ भू-माफियाओं ने इतनी बडी ठगी कर दी तो फिर आम आदमी कैसे भू-माफियाओं की साजिश से बच पायेगा इसका अंदाजा अपने आप लगाया जा सकता है? आरटीआई से जिस तरह से यह सनसनीखेज मामला सामने आया है उससे राज्यवासियों की नजरें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर लगी हुई हैं कि इस मामले में क्या रूख अपनायेंगे? सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या इस जमीन को सरकार अपने कब्जे में लेने के लिए कोई कदम उठायेगी या फिर यह मामला एक पहेली बनकर रह जायेगा? वहीं इस ठगी का खुलासा करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश सिंह नेगी सरकार के एक्शन पर अपनी नजरें लगाये हुये हैं और अगर सरकार इस मामले में सख्त रूख अपनाने के लिए आगे न आई तो आरटीआई एक्टिविस्ट इस मामले में उच्च न्यायालय के अन्दर जनहित याचिका दायर करने का भी मन बना रहे हैं? अब देखने वाली बात होगी कि जिन्होंने राज्य के अफसरों के साथ इतनी बडी ठगी को अंजाम दिया है क्या सरकार के मुखिया इस मामले में सख्त रूख अपनाकर कोई बडी कराने के आदेश देंगे या फिर यह मामला उच्च न्यायालय में पहुंचेगा?

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