अधिकारियों के पेच कसने का हुनर जानते हैं पुष्कर

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बेलगाम अफसरशाही बर्दाश्त नहीं करते धामी
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। मुख्यमंत्री को इस बात का वर्षाें से इल्म है कि राज्य मंे अफसरशाही पर बेलगाम होने का दाग हमेशा लगता रहा है और उसके चलते राज्य के अन्दर सरकार की ऐसे बेलगाम अफसरांे को लेकर किरकिरी होती रही है जो सरकार के ही राजनेताओं को अपने सामने नजरअंदाज करने का खेल खेलते रहे हैं? मुख्यमंत्री ने सत्ता संभालने के बाद से ही अफसरशाही को साफ संदेश दे दिया था कि अगर किसी भी अफसर ने राज्यहित में काम करने से गुरेज किया तो वह बर्दाश्त नहीं होगा और यही कारण है कि मुख्यमंत्री के अब तक के कार्यकाल में अफसरशाही पर बेलगाम होने के उस तरह दाग नहीं लग रहे जैसे पूर्व सरकारों में लगा करते थे? मुख्यमंत्री अपनी कई बैठकों में कुछ अफसरों के पेच कसने से नहीं चूके और और वह बेलगाम दिखाई दे रहे अफसरों को साफ शब्दों में अल्टीमेटम देते आ रहे हैं कि या तो वह अपनी कार्यशैली सुधार लें अन्यथा उन्हें सख्त रूख अपनाना पडेगा यही कारण है कि अब राज्य के अन्दर यह बात दीगर हो गई है कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के पेच कसने का हुनर है और वह बेलगाम अफसरशाही को बर्दाश्त नहीं कर रहे हैं जिससे राज्य के अन्दर आवाम को एक सुकून मिल रहा है कि सरकारी महकमों में अब अधिकांश अफसरों का रूख उनके प्रति नरम होता है और उन्हें काम के लिए इधर से उधर टहलाने का खेल भी नहीं खेला जाता?
उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी हर बैठक मंे यह साफ संदेश दे रहे हैं कि वो कामकाज में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे और बैठक में जो अफसर तैयारी के साथ नहीं आता उसे वह बैठक मंे ही फटकार लगाने से पीछे नहीं हटते और साफ संदेश दे देते हैं कि उनके शासनकाल में किसी भी अफसर का पुराना ढर्रा नहीं चलेगा और कामकाज करने वाले अफसरों को ही आगे बढाया जायेगा। बीते दिनों नैनीताल में हुई बैठक मंे भी यह साफ देखा गया है। सरकार के मुखिया पुष्कर सिंह धामी जानते है कि उत्तराखण्ड में कुछ अधिकारियों की कमर कुर्सी पर बैठे-बैठे झुक गई है लिहाजा ऐसे अधिकारियों को धरातल की हकीकत पता हो इसके लिए वे उनके किसी ने किसी योजना की समीक्षा बैठक में पेच कसते हुए नजर आ ही जाते हैं। सत्ता को काफी नजदीक से पहचानने वाले मुख्यमंत्री को सब मालूम है कि कौन से अधिकारी के कब पेच कसने हैं इसलिए वह राज्य की जनता में बार-बार संदेश दे रहे हैं कि राज्य में अफसरशाही को सही दिशा में आगे ले जाना है। मुख्यमंत्री की कार्यशैली निडर के रूप मंे देखने को मिल रही है और वह बडे से बडे फैसले चुटकी में लेने से गुरेज नहीं करते और यही कारण है कि मुख्यमंत्री को भाजपा हाईकमान ने भी फैसले लेने के लिए खुली छूट दे रखी है। मुख्यमंत्री जानते हैं कि अगर अफसरशाही राज्य में बेलगाम होकर कार्य करेगी तो उसका सीधा असर जनता पर पडेगा और जनता जो कि बाइस सालों से कुछ पूर्व सरकारों में तैनात रहे अफसरों के बेेलगाम होने का नजारा बार-बार देखकर तनाव में रहते थे उस आवाम को अब पुष्कर राज में यह सुकून होने लगा है कि युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड के अन्दर बेलगाम अफसरशाही पर एक बडी रणनीति के तहत नकेल लगा दी है और यही कारण है कि अब अधिकांश सरकारी महकमों मंे अपनी पीडा लेकर आने वाले लोगों की सुनवाई के लिए अफसर शालीनता से खडे हुये नजर आ रहे हैं और यह साफ होता जा रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार चलाने के सारे हुनर में ऑलराउंडर हो गये हैं।

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