कांग्रेसजनों ने किया ग्रीन टैक्स लगाये जाने के फैसले का विरोध

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जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
नगर संवाददाता
देहरादून। केन्द्र सरकार ग्रीन टैक्स लगाये जाने का फैसला ले रही है, जो कि कदापि उचित नहीं है क्यौंकि ग्रीन कर का असर सीधा सीधा उन वाहन स्वामियों पर भी पड़ेगा जिनकी आजीविका का साधन वह वाहन हैं। इसके विरोध में जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया गया।
यहां महानगर कांग्रेंस कमेटी के अध्यक्ष लालचंद शर्मा के नेतृत्व में कांग्रेसजनों नें राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया। इस अवसर पर ज्ञापन के माध्यम से लालचंद शर्मा नें कहा कि कोरोना महामारी के चलते किये गये लॉकडाउन से आमजन त्रस्त है और इसका असर उनके दैनिक खर्चों पर भी पड़ा है जिससे उनके समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। उन्होनें कहा लॉकडाउन काल की समाप्ति के बाद अब धीरे-धीरे लोगों का रोजगार रफ्तार पकडऩें लगा तो उस पर भी यह ग्रीन कर की मार आम आदमी नहीं वहन कर पायेगा।
उन्होनें कहा कि राज्य को ग्रीन बोनस नहीं दिया जा रहा है और भाजपा द्वारा सत्ता में आते ही राज्य के विशेष राज्य के दर्जे को क्यों समाप्त किया गया। राज्य मे बन्द पड़े केन्द्रीय संस्थानों केा पुनर्जीवित करने के लिए क्या उपाया किये गये। राज्य को अभी तक विशेष औद्योगिक पैकेज क्यों नहीं दिया गया। मध्य हिमालय की सुरक्षा के लिए केन्द्र सरकार के स्तर पर क्या पॉलिसी बनाई गई।
उन्होंने कहा कि सीमान्त राज्य होने के बावजूद राज्य को शांति बोनस क्यों नहीं दिया गया। आपदा ग्रस्त राज्य के संवेदनशील गांवों के विस्थापन के लिए क्यों अतिरिक्त बजट नहीं दिया जा रहा है। उत्तराखण्ड में पर्यटन उद्योग पहले ही विभिन्न कारणो से प्रभावित हो रहे हैं अत्यधिक टैक्स वसूली, आधारभूत ढांचे का अभाव, विद्युत, पानी की अधिक दरें तथा कोरोना महामारी के चलते पर्यटकों की कमी से पहले ही पर्यटन व्यवसाय प्रभावित हो रहा है पहले से ही महंगाई की मार झेल रही जनता पर इस कर का दुष्प्रभाव पड़ेगा। पहले ही प्रदेश भाजपा नित राज्य सरकार की जनविरोधि नितियों के कारण त्रस्त है जनता में पेट्रोल डीजल, रसोई गैस के दामों में बेतहाशा वृद्धी के कारण त्राहिमाम त्राहिमाम की स्थिति उत्पन्न है।
उन्होंने कहा कि जब उत्तराखण्ड का यह सपना पूरा हो सकता था ऐसे में उत्तराखण्ड की झोली एक बार फिर खाली ही रह गई। यह सरकार आमजन के लिए नहीं बल्की खनन माफियाओं के लिए चलाई जा रही है। उन्होनें कहा कि आज जिस प्रकार पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस के दाम रोज-रोज बढ़ रहे हैं उससे आम आदमी का जीना दूभर हो चुका है, एक तरफ जहां वैश्विक महामारी कोरोना से दैनिक मजदूरी करने वाले लोगों व छोटे व्यवसायियों के रोजगार बन्द होने से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है तथा उनके सामने रोजी रोटी का संकट खडा हो गया है।
उन्होंने कहा कि निजी संस्थानों में काम करने वाले करोड़ों लोगों को अपने रोजगार से हाथ धोने पडे हैं ऐसी स्थिति में सरकार द्वारा ग्रीन कर सरकार की संवेदनहीनता, गरीब विरोधी तथा जनविरोधी नीति का परिचय है। महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। बेरोजगारी के कारण युवा परेशान हैं। लगातार बढ़ रही महंगाई का विरोध हो रहा है, लेकिन अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं निकल पा रहा है। विकास कार्य भी पूरी तरह से ठप हो गए हैं।
उन्होनें मांग की है कि ग्रीन कर को उत्तराखण्ड प्रदेश में वर्तमान स्थितियों को देखते हुए लागू न किया जाए, अगर राज्य सरकार एसा करती है तो कांग्रेस पार्टी सड़कों पर उतरकर जनता के हितों की लड़ाई लडऩें का काम करेगी। इस दौरान महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा सहित पूर्व विधायक राजकुमार, एडवोकेट सुन्दर पुंडीर, प्रियांश छाबड़ा, प्रमिला राठौर, संजय शर्मा, विवेक बौंठियाल, आयुष कश्यप आदी मौजूद थे।

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